बैंकिंग क्षेत्र की समस्याओं को अनदेखा किया तो अमरीका के ५० बैंक दिवालिया हो जाएंगे – लेहमन ब्रदर्स के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी की चेतावनी

वॉशिंग्टन – अमरिकी यंत्रणाओं ने बैंकिंग क्षेत्र की समस्याओं को अनदेखा करके सुधार नहीं किए तो देश के कम से कम ५० बैंक दिवालियां हो सकते हैं, ऐसी चेतावनी लेहमन ब्रदर्स के पूर्व अधिकारी ने दी है। साल २००८ में अमरीका के सबसे बड़े बैंकों में से एक रही लेहमन ब्रदर्स दिवालियां हुई थी। इससे शुरू हुए संकटों की मालिका से आर्थिक मंदी शुरू हुई थी। लेहमन ब्रदर्स के पूर्व अधिकारी रहे लॉरेन्स मैक्‌‍डोनाल्ड ने बैंकिंग क्षेत्र का नया संकट इससे कई अधिक गंभीर होगा, ऐसी चेतावनी दी है।

अमरीका के तीन बैंक महज एक हफ्ते में दिवालिया हुए हैं। इनमें से ‘एसवीबी’ की असफलता अमरीका के इतिहास में साल २००८ के बाद की सबसे बड़ी नाकामी कही जा रही है। इसके साथ ही ‘सिल्वरगेट’ और ‘सिग्नेचर बैंक’ भी दिवालिया होने के बाद इसकी तीव्र गूंज अमरिकी बैंकिंग क्षेत्र में सुनाई पड़ी हैं। अमरीका के ‘फर्स्ट रिपब्लिक’ बैंक को भी झटके महसूस हुए हैं और अन्य बैंकों से निधी उपलब्ध होने के बावजूद बैंक की स्थिति संभली नहीं है। इस बैंक से खाताधारक एवं समभाग धारकों ने ८० अरब डॉलर्स से भी अधिक राशि निकाली होने की बात कही जा रही है।

अमरीका के इस बैंकिंग क्राइसिस का असर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी दिखाई पड़ा है। दुनिया भर में बैंकिंग क्षेत्र के शेअर्स की जोरदार गिरावट हुई हैं और यह आगे के बड़े संकट की शुरूआत बताई जा रही है। लेहमन ब्रदर्स के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी ने किया दावा भी इसकी पुष्टि कर रहा हैं। ‘साल २००८ में लेहमन ब्रदर्स असफल होने के बाद वित्त क्षेत्र की बड़ी कंपनियों को भारी झटका लगा था। अब ब्याजदर बढ़ने की वजह से अमरीका के क्षेत्रीय बैंकों को झटके महसूस हो रहे हैं। इन बैंकों से अरबों डॉलर्स बड़ी बैंकों की ओर जा रहे हैं। इसमें सुधार नहीं हुआ तो अमरीका में और ५० बैंक दिवालिया हो सकते हैं’, ऐसा इशारा लॉरेन्स मैक्‌‍डोनाल्ड ने दिया है।

इस दौरान उन्होंने फेडरल रिज़र्व की नीति की भी तीव्र आलोचना की। फेडरल रिज़र्व और उसके प्रमुख को बैंकों के लिए बने खतरों का बिल्कुल भी अहसास नहीं था, ऐसा आरोप मैक्‌‍डोनाल्ड ने लगाया। फेडरल रिज़र्व ने ब्याजदर कम करने की आवश्यक हैं, ऐसा दावा उन्होंने किया। साथ ही बैंक में रखे निधी को मुहैया की गई सुरक्षा की सीमा भी बढ़ानी होगी, ऐसा भी उन्होंने कहा। बैंक के निधी का पूरा ज़िम्मा अमरिकी प्रशासन ने उठाना होगा, इन शब्दों में लेहमन ब्रदर्स के पूर्व अधिकारी ने ज़रूरी सुधार का अहसास कराया।

कुछ दिन पहले अमरिकी आर्थिक विशेषज्ञों ने जारी किए एक रपट में देश के बैंकिंग क्षेत्र के लिए होनेवाले खतरों पर ध्यान आकर्षित किया था। अमरीका के २०० बैंक संकट की दहलिज पर हैं और खाता धारक एवं अन्य ग्राहकों को कुल ३०० अरब डॉलर्स का नुकसान पहुंच सकता हैं, ऐसी चेतावनी यह रपट दे रही थी। इसी बीच, अमरीका की वित्त मंत्री जैनेट येलेन ने अमरीका के छोटे बैंकों के सामने खड़े आर्थिक संकट की कबुली देते हुए यह बयान किया है कि, ज़रूरत होने पर अन्य बैंकों को भी आर्थिक सहायता मुहैया की जाएगी।

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