चीन के बढ़ते खतरे की पृष्ठभूमि पर ऑस्ट्रेलिया-जापान रक्षा सहयोग बढ़ाएँगे

टोकियो/सिडनी – इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के द्वीप देशों में अपना सैन्य और आर्थिक प्रभाव बढ़ा रहे चीन के विरोध में ऑस्ट्रेलिया और जापान ने गतिविधियाँ बढ़ाई हैं। ऑस्ट्रेलिया के रक्षामंत्री ने जापान का दौरा करके रक्षा सहयोग व्यापक करने की चर्चा की। साथ ही ऑस्ट्रेलिया ने अधिक आक्रामक भूमिक अपनाकर ‘साऊथ चायना सी’ में अपनी गश्‍त जारी रखने का ऐलान किया। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया के विदेशमंत्री पैसिफिक देशों के दौरे पर गए हैं।

एक महीना पहले चीन ने द्वीप समूह देश सॉलोमन आयलैण्डस्‌ के साथ रक्षा सहयोग का समझौता किया था। इस वजह से ऑस्ट्रेलिया के प्रभाव क्षेत्र में स्थित सॉलोमन में चीन अपना सैन्य अड्डा स्थापित कर सकता है, ऐसा आरोप ऑस्ट्रेलिया ने लगाया था। चीन ने यह आरोप खारिज किया था। लेकिन अगले कुछ ही दिनों में चीन ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के वनातू, किरिबाती, मार्शल आयलैण्डस्‌ जैसे दस द्वीप समूह देशों के साथ और सहयोग स्थापित करने की कोशिश की थी। इसके लिए चीन के विदेशमंत्री वैंग ई ने इन द्वीप देशों का विशेष दौरा किया था।

लेकिन, सॉलोमन आयलैण्डस्‌ के उदाहरण के कारण सावधान हुए पैसिफिक द्वीप समूह देश चीन के साथ सहयोग करने के प्रस्ताव से पीछे हटे थे। इस वजह से विदेशमंत्री वैंग ई को खाली हात लौटना पड़ा था। लेकिन, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अपना आर्थिक और सैन्य प्रभाव बढ़ाने की तैयारी में कर रहा चीन फिर से ऐसी कोशिश कर सकता है, इसका अहसास ऑस्ट्रेलिया को हुआ है। इस पृष्ठभूमि पर इस क्षेत्र के अपने सहयोगी देशों के साथ ऑस्ट्रेलिया ने सहयोग बढ़ाने के लिए तेज़ कदम उठाए हैं।

ऑस्ट्रेलिया के नए रक्षामंत्री रिचर्ड मार्लेस ने बुधवार को जापान का दौरा करके रक्षामंत्री रिचर्ड मार्लेस ने रक्षामंत्री नोबुआ किशी से मुलाकात की। ऑस्ट्रेलिया के रक्षामंत्री पद की बागड़ोर संभालने के बाद मार्लेस का यह पहला विदेश दौरा है। इस दौरान ईस्ट और साऊथ चायना सी की स्थिति में बदलाव करने की किसी भी कोशिश का ऑस्ट्रेलिया और जापान विरोध करेंगे, ऐसा जापान के रक्षामंत्री ने घोषित किया। इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति और स्थिरता स्थापित करने का बड़ा ज़िम्मा जापान और ऑस्ट्रेलिया का होने की बात रक्षामंत्री किशी ने स्पष्ट की। स्पष्ट ज़िक्र करने से वे दूर रहें होंगे, लेकिन दोनों देशों ने चीन के विरोध में मज़बूत गठबंधन के संकेत दिए हैं।

‘साऊथ चायना सी’ के मुद्दे पर ऑस्ट्रेलिया ने और एक कदम उठाया है। चीन की धमकियों की जरासी भी परवाह किए बिना इस समुद्री क्षेत्र में ऑस्ट्रेलियन युद्धपोतों की गश्‍त जारी रहेगी, ऐसी घोषणा रक्षामंत्री मार्लेस ने की। कुछ दिन पहले ‘साऊथ चायना सी’ की हवाई सीमा में उड़ान भर रहे ऑस्ट्रेलिया के गश्‍त विमान पर चीन के लड़ाकू विमान ने फ्लेअर्स का प्रयोग किया था। इसके बाद चीन ने ऑस्ट्रेलिया को गंभीर परिणामों की धमकी भी दी थी। इस पृष्ठभूमि पर ऑस्ट्रेलिया ने चीन की धमकियों की परवाह किए बिना इस समुद्री क्षेत्र में गश्‍त जारी रखने का ऐलान किया, यह बात ध्यान आकर्षित करती है।

इसके साथ ही ऑस्ट्रेलिया के विदेशमंत्री पेनी वाँग पैसिफिक द्वीप समूह देशों के दौरे पर रवाना हुए है। न्यूझीलैण्ड और सॉलोमन आयलैण्डस्‌ से ऑस्ट्रेलिया के विदेशमंत्री ने अपने दौरे की शुरूआत की। अब ऑस्ट्रेलिया जल्द ही पैसिफिक द्वीप देशों की बैठक का आयोजन कर रहा है।

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