प्रगति के साथ ही देश के सामने चुनौतियाँ बढ़ेगी – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश

नई दिल्ली – जिस मात्रा में भारत की प्रगति हो रही हैं, उसी मात्रा में देश के सामेन चुनौतियाँ भी बढ़ेगी। विभिन्न क्षेत्र में अग्रीम देशों को भारत अपने क्षेत्र में विकास ना करें, यह इच्छा हो सकती हैं। यह स्पर्धा कुछ देर बाद शत्रुता का स्वरूप प्राप्त कर सकती हैं। इसका मुकाबला करने की तैयारी हमें करनी होगी। आतंकवाद और नक्सलवाद जैसी चुनौतियों का सामना करते हुए देश विघातक शक्तियों से प्रगत तकनीक का इस्तेमाल हो सकता है, इसे ध्यान में रखकर केंद्र और राज्यों की यंत्रणाओं ने इसके विरोध में तैयार रहना होगा, ऐसा संदेश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया। सभी राज्यों के गृहमंत्री के चिंतन शिविर को संबोधित करते समय प्रधानमंत्री ने ‘एक देश और पुलिस की एक ही वर्दी’ यह संकल्पना पेश की।

बदलते दौर में सुरक्षा की चुनौतियां भी बदल रही हैं, यह कहकर प्रधानमंत्री ने पुलिस दल को आधुनिक रूप देने के लिए कदम उठाने का आवाहन राज्यों के गृह मंत्री से किया। आतंकवाद और नक्सलवाद से देश की सुरक्षा को होनेवाली चुनौतियों का दाखिला देकर यह देश विघातक शक्ति सोशल मीडिया का गलत उपयोग कर सकती हैं, इसका अहसास प्रधानमंत्री ने कराया। इसी वजह से सोशल मीडिया पर कोई जानकारी साझा करते हुए पहले उसकी पुष्टि करें, ऐसी सूचना प्रधानमंत्री ने की। यदि इस जानकारी की पुष्टि करना मुमकिन नहीं होगा तो ऐसी पोस्ट को ‘फॉरवर्ड’ ना करें। क्योंकि, इससे देश में अराजकता फैल सकती हैं, ऐसी चेतावनी प्रधानमंत्री ने इस दौरान दी। साथ ही ५ जी जैसी तकनीक के लाभ जितने बड़े हैं, उतने की इसके घातक परिणाम भी सामने आ सकते हैं और झुठी खबरें बड़ी तेज़ी से दूर दूर फैल सकती हैं, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा।

देश का युवा वर्ग गुमराह ना हो, इसके लिए बंदुक के जोर का इस्तेमाल करनेवाला नक्षलवाद हो या कलम की ताकत का नक्षलवाद हो, इसे ज़ड़ों से उखाड़ना ही होगा। आतंकवाद के विरोध में भी सख्त नीति अपनानी ही होगी। क्यों कि, ऐसी देशविघातक ताकत अपना बौद्धिक दायरा विस्तारित करने की कोशिश कर रहे हैं। उनके विरोध में सख्त कार्रवाई करते हुए दया दिखाना गलत होगा। देश की ९९ प्रतिशत जनता कानून का पालन करती हैं। सीर्फ एक प्रतिशत होनेवाले इन समाज विघातक ताकतों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करके कानून का पालन कर रहीं जनता की रक्षा करना हमारी ज़िम्मेदारी बनती हैं, इन शब्दों में प्रधानमंत्री ने अपनी भूमिका रखी।

इसी बीच तकनीक का विकास हो रहा हैं और ऐसें में पुलिस बन ने भी आधुनिक बदलाव अपनाने होंगे। सुरक्षा यंत्रणाओं को झुठीं खबरें और दुष्प्रचार करने की कोशिशों को रोकने के लिए तकनीकी कुशलता अपनानी ही होगी। इसके लिए आवश्यक खर्च करते समय राज्य बजट का विचार ना करें, बल्कि भविष्य का विचार केरं, यह आवाहन भी प्रधानमंत्री ने किया।

साथ ही कानून और व्यवस्था बनाए रखकर देश की शान बढ़ने से पर्यटकों से विदेशी निवेशकों तक सभी हमारें देश की ओर आकर्षित होंगे, यह दावा प्रधानमंत्री ने किया। साथ ही पुलिस दल की शक्ति अनावश्यक ठिकाने पर खर्च ना हो, इसके लिए भी सावध होने की आवश्यकता होने का बयान प्रधानमंत्री ने किया। राष्ट्रहीत को ध्यान में रखकर कदम बढ़ाएँ तो कोई भी चुनौती हमारे लिए कठिन नहीं होगी, यह विश्वास भी प्रधानमंत्री ने व्यक्त किया।

जिस तरह से एक देश एक राशनकार्ड, एक देश एक ग्रिड पर काम हो रहा हैं। उसी की तरह एक देश पुलिस की एक वर्दी की कल्पना पर हमने सोचने में हर्ज़ नहीं। यह कल्पना तुरंत अपनाएं, यह हमारा विचार नहीं, नाही हम इसके लिए आग्रह कर रहे हैं। सब को मंजूर होगा, तो हम यह कल्पना पांच नहीं बल्कि पचास सालों में कभी भी सच्चाई में उतार सकते हैं, ऐसा प्रधानमंत्री ने सूचित किया हैं।

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