विश्‍व में सिर्फ १० हफ्तों के लिए पर्याप्त गेहूं का भंड़ार – विश्‍लेषिका का दावा

वॉशिंग्टन/मास्को/किव – विश्‍व में फिलहाल सिर्फ १० हफ्तों क लिए पर्याप्त गेहूं का भंड़ार बचा है, ऐसी चेतावनी विश्‍लेषिका सारा मेन्कर ने दी। संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद की बैठक के दौरान मेन्कर ने इस चिंताजनक स्थिति पर ध्यान आकर्षित किया। साल २००८ की वैश्‍विक मंदी के बाद पहली बार वैश्‍विक स्तर पर अनाज़ की किल्लत का मुद्दा तीव्र हुआ है, ऐसा दावा भी उन्होंने किया। फिलहाल चल रहे रशिया-यूक्रेन युद्ध ही इसके पीछे का प्रमुख कारण नहीं है, फिर भी इस युद्ध ने पहले से लगी आग में तेल ड़ाला है, ऐसा इशारा मेन्कर ने दिया।

फ़रवरी में रशिया-यूक्रेन युद्ध शुरू के अलावा अनाज़ की कीमतों में भारी उछाल आया है। रशिया और यूक्रेन का ज़िक्र विश्‍व के ‘ब्रेडबास्केट’ के तौर पर किया जाता है। गेहूं, धान, मकई, सूरजमुखी के उत्पादन में यह देश आगे हैं। वैश्‍विक स्तर पर अनाज के कुल निर्यात में से तकरीबन १४ प्रतिशत हिस्सा रशिया और यूक्रेन का है। रशिया-यूक्रेन युद्ध की वजह से दोनों देशों के कृषि उत्पादों पर बड़ा असर पडा है। रशिया पर लगाए गए प्रतिबंधों की वजह से इस देश से हो रहा अनाज़ और धान का निर्यात पर असर पडा है। तो, यूक्रेन पर किए गए हमलों की वजह से इस देश के खेती का भारी नुकसान हुआ है। साथ ही यूक्रेन का कुछ क्षेत्र रशिया के कब्ज़े में जाने से वहां से होनेवाली अनाज़ और धान के निर्यात पर भी रोक लगी है।

रशिया विश्‍व में प्रमुख गेहूं उत्पादक देश जाना जाता है। साथ ही विश्‍व को सबसे ज्यादा गेहूं निर्यात करनेवाले देश के तौर पर भी रशिया की पहचान है। लेकिन, प्रतिबंधों की वजह से गेहूं और खेती के लिए ज़रूरी खाद के निर्यात पर भी काफी प्रतिबंध लगे हैं। इस वजह से विश्‍व के कई देशों को गेहूं की पर्याप्त आपूर्ति नहीं हुई है और एशिया एवं अफ्रीका के कई देशों में गेहूं की किल्लत निर्माण हुई है। पश्‍चिमी देशों ने इसका ठिकरा सीधे रशिया पर फोड़ा है। लेकिन, रशिया ने इन आरोपों से इन्कार किया है और उचित स्थिति निर्माण होने पर हम निर्यात शुरू कर सकते हैं, ऐसा वादा किया है। इस मुद्दे पर रशिया और तुर्की में चर्चा होने का वृत्त भी प्रसिद्ध हुआ है। लेकिन, रशिया और यूक्रेन से गेहूं का निर्यात शुरू नहीं हुआ तो विश्‍व के सामने खड़ी हुई अनाज़ की किल्लत अधिक गंभीर होगी, यह अहसास मेन्कर के बयान से हो रहा है। मेन्कर ‘ग्रो इंटेलिजन्स’ नामक प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनी में संस्थापक एवं प्रमुख है।

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