सोशल मीडिया और क्रिप्टोकरन्सी के लिए अंतरराष्ट्रीय मानक होने चाहिये – ‘समिट फॉर डेमोक्रसी’ में प्रधानमंत्री का आवाहन

नई दिल्ली – ‘जनतंत्र सिर्फ लोगों के लिए और लोगों का नहीं है| बल्कि, लोगों के साथ और लोगों में भी होता है’, ऐसा कहकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने, अमरीका ने आयोजित की हुई ‘समिट फॉर डेमोक्रसी’ में भारतीय जनतंत्र के सामर्थ्य की पहचान करायी| साथ ही, अगर जनतंत्र सक्षम करना है, तो सोशल मीडिया और क्रिप्टोकरन्सी जैसीं प्रगत तकनीक के लिए वैश्‍विक मानक तय करने की आवश्यकता होने की बात भारत के प्रधानमंत्री ने ड़टकर रखी| बीते तीन हफ्तों के दौरान प्रधानमंत्री ने क्रिप्टोकरन्सी को लेकर जनतांत्रिक देशों को दूसरी बार सावधान किया है|

अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने, विश्‍वभर के जनतांत्रिक देशों की ‘समिट फॉर डेमोक्रसी’ का आयोजन किया है| दो दिन की इस समिट में सौ से भी अधिक देशों के राष्ट्रप्रमुख वर्चुअली मौजूद हैं| प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को इस समिट के माध्यम से विश्‍वभर के जनतांत्रिक देशों को संबोधित किया| जनतंत्र का बुनियादी बलस्थान यानी हमारी जनता और नैतिकता होती है, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा|

जनतंत्र की भावना और आचारसंहिता ने प्राचीन भारत को सबसे अधिक समृद्ध किया| उपनिवेशवादियों ने कुछ सदियों तक भारत पर राज करने के बावजूद भी वे भारतीयों की जनतंत्र की भावना दबा नही सके| यह भारत के जनतंत्र की असली ताकत होने का बयान प्रधानमंत्री ने बड़े जोरों से किया| साथ ही, तकनीक की सहायता से, मुक्त और खुले माहौल में चुनाव कराने की कुशलता अन्य देशों में फैलाने के लिए भारत तैयार है, ऐसा बयान भी प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान किया|

इसके बाद प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया और क्रिप्टोकरन्सी जैसीं नवीनतम प्रगत तकनीक के लिए वैश्‍विक मानक तय करने की आवश्यकता होने का इशारा दिया| जनतंत्र को झटके देने के बजाय जनतंत्र मज़बूत करने के लिए इनका इस्तमाल हुआ तो वह उचित होगा, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा| बीते महीने सिडनी डायलॉग में भी प्रधानमंत्री ने क्रिप्टोकरन्सी गलत हाथों में नहीं जानी चाहिये, यह जनतांत्रिक देशों ने सुनिश्‍चित करने की आवश्यकता होने का बयान किया था| हमारे युवा वर्ग को गलत राह पर जाने से रोकने के लिए यह आवश्यक है, यह आवाहन भी प्रधानमंत्री ने किया था|

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