अमरिकी सेना को अफगानिस्तान के संघर्ष में पुन: उतरना पड़ेगा  – भूतपूर्व रक्षामंत्री लिऑन पैनेटा

वॉशिंग्टन/काबुल – ’आयएस’ एवं ’अल कायदा’ इन आतंकवादी संगठनों के विरोध में संघर्ष के लिए अमरिकी सेना को पुन: अफगानिस्तान में उतरना पड़ेगा, ऐसा अमरीका के भूतपूर्व रक्षामंत्री लिऑन पैनेटा ने सूचित किया है। अमरीका अफगानिस्तान की रणभूमि छोड़कर आ सकती है, मगर आतंकवाद के खिलाफ छेड़े हुए युद्ध से भाग नहीं सकती, ऐसा इशारा पैनेटा ने दिया। ओबामा प्रशासन में रक्षामंत्री रहे पैनेटा के कार्यकाल में ही, अमरिकी सेना ने अल कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान में मार दिया था।

अमरिकी समाचार चैनल ’सीएनएन’ को दिए इंटरव्यू के दौरान पैनेटा ने, काबुल हवाई अड्डे पर हुए विस्फोट को, बायड़ेन प्रशासन के लिए सर्वाधिक बुरी और दिक्कत में ड़ालनेवाली घटना कहा है। ’आयएस’ को पराभूत करने के लिए अमरिकी सेना को पुन: अफगानिस्तान जाना ही पड़ेगा। फिलहाल अफगानिस्तान में आई हुई तालिबानी हुकूमत में अल कायदा भी फिर से सक्रिय होने के संकेत मिल रहे हैं। इससे पहले तालिबान ने अल कायदा को सुरक्षित आश्रय दिया था और अब भी इसकी पुनरावृत्ति होगी। इसलिए अल कायदा के खिलाफ मुहिम के लिए भी अमरिकी सेना को अफगानिस्तान में लौटना पड़ेगा, ऐसा पैनेटा ने आगाह किया।

’अमरीका को अपनी सेना अफगानिस्तान से वापस बुलानी थी, यह बात हम समझ सकते हैं। अमरीका की सेना अफगानिस्तान की रणभूमि छोड़कर लौट भी सकती है, मगर अमरीका की सुरक्षा को आतंकवाद का ख़तरा हमेशा होने की वजह से, हम आतंकवादविरोधी युद्ध से भाग नहीं सकते और यही वास्तव है’, इस बात की ओर भूतपूर्व रक्षामंत्री ने ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने बायड़ेन प्रशासन ने सेना वापसी के बारे में की हुई जल्दबाज़ी पर तीव्र नाराजगी व्यक्त की। ’जल्दबाज़ी में सेना को वापस बुलाने के निर्णय के कारण हज़ारों अमरिकी जवान, शत्रुदेश में छोटेसे हिस्से में अत्यधिक ख़तरनाक तथा मुश्किल स्थिति में फँसे हैं, इन शब्दों में पैनेटा ने राष्ट्राध्यक्ष बायडेन को फटकारा।

’अफगानिस्तान में हाल में तालिबानी हुकूमत शांति के कितने भी दावे क्यों न करते हों, फिर भी वे आतंकवादी हैं और आतंकवादियों का ही समर्थक भी हैं। तालिबान ने आतंकवादियों के लिए चेकपॉईंट बनाए थे’, ऐसा आरोप भी सीआयए के भूतपूर्व प्रमुख पैनेटा ने लगाया। गुरुवार को काबुल हवाई अड्डे पर विस्फोट करने वाले ’आयएस-के’ आतंकवादी गुट के बारे में अमरीका के पास बड़े पैमाने पर जानकारी होकर, उनके खिलाफ अमरीका मुहिम चला सकती है, ऐसा दावा पैनेटा ने किया। इसके बाद अमरीका आतंकवाद के खिलाफ मुहिम चला सकेगी, ऐसी उम्मीद भूतपूर्व रक्षामंत्री ने व्यक्त की है।

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