भारत को प्राप्त हुआ रशिया का समर्थन

नई दिल्ली/मॉस्को – ‘राजननियक उद्देश्य प्राप्त करने के लिए आतंकवाद का राजनयिक हथियारों की तरह इस्तेमाल करनेवाला पाकिस्तान जैसा दुसरा देश दुनिया में नही है’, यह आलोचना भारत के विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने की है| रशिया की यात्रा के दौरान जयशंकर ने एक अभ्यासगुट के सामने भाषण देकर पाकिस्तान की आलोचना की| साथ ही भारत में नियुक्त रशियन राजदूत ने कश्मीर संबंधी भारत ने किया निर्णय यह भारत का अंदरुनी मसला है, यह कहा| साथ ही भारत ने किए निर्णय का रशिया आदर करता है, यह कहकर राजदूत निकोलाय कुदाशेव्ह ने भारत को रशिया का समर्थन होने की बात घोषित की|

प्रधानमंत्री मोदी अगले सप्ताह में रशिया की यात्रा कर रहे है| उससे पहले विदेशमंत्री जयशंकर रशिया पहुंचे है और उन्होंने रशियन विदेशमंत्री सर्जेई लॅव्हरोव्ह से भेंट की| पिछले चार दशकों से दुनिया में बडी उथल पुथल हुई, लेकिन भारत-रशिया के संबंध बरकरार रहे, ऐसा विदेशमंत्री जयशंकर ने कहा| अगले दिनों में भी भारत-रशिया सहयोग कायम रहेगा, यह विश्‍वास विदेशमंत्री जयशंकर ने व्यक्त किया| इस यात्रा के दौरान एक रशियन अभ्यासगुट ने विदेशमंत्री जयशंकर के व्याख्यान का आयोजन किया था| इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान की आतंकवादी निती पर कडी आलोचना की|

‘आतंकवाद यही पाकिस्तान की राष्ट्रीय निती है| पाकिस्तान इस क्षेत्र के विकास में अडंगा बन रहा है और इस देश की मानसिकता ही विध्वंसक है’, यह आलोचना जयशंकर ने इस दौरान की| भारत और अफगानिस्तान के व्यापार में मुश्किलें निर्माण करने की कोशिश में पाकिस्तान है, यह आरोप भारतीय विदेशमंत्री ने किया| इस दौरान राजदूत निकोलाय कुदाशेव्ह ने कश्मीर संबंधी भारत ने अपनाई निती को रशिया का समर्थन घोषित किया|

साथ ही भारत और पाकिस्तान में बनी कश्मीर समस्या का हल शिमला समझौता एवं लाहोर की घोषणा के दायरें मे रहकर निकालना मुमकिन होगा, ऐसा रशियन राजदूत ने आगे कहा|

इससे पहले भी रशिया ने कश्मीर यह द्विपक्षीय समस्या है, यह कहकर इस संंबंधी अपनी भूमिका स्पष्ट की थी| चीन जैसा ताकदवर देश कश्मीर के मुद्दे पर अपने पक्ष में रहने से चीन से नजदिकियां रखनेवाला रशिया भी इस विषय पर पाकिस्तान के साथ खडा रहेगा, यह संभावना पाकिस्तान के कुछ विश्‍लेषक व्यक्त कर रहे थे| लेकिन, रशिया ने इस विषय पर स्पष्ट भूमिका रखकर भारत के साथ बने संबंधों को प्राथमिकता रहेगी, यही संदेशा दिया है| यह भारत की अंदरुनी बात है और भारत ने किए निर्णय का रशिया आदर करता है, यह बात राजदूत कुदाशेव्ह ने स्पष्ट की|

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