यूरोपीय कमीशन ने चीन की अर्थव्यवस्था पर किए आरोप दोहरेपन के – कमीशन की रिपोर्ट पर चीन का प्रत्युत्तर

बीजिंग: चीन की अर्थव्यवस्था यह सत्तारूढ़ राजवट ने अपना प्रभाव इस्तेमाल करके ‘बिगाड़ी हुई अर्थव्यवस्था’ है, ऐसा आरोप यूरोपीय कमीशन ने किया है। कमीशन के इस आरोप पर चीन ने नाराजगी जताई है और यूरोप की इस बारे में भूमिका दोहरेपन की और अयोग्य है, ऐसा कहा है। चीन और यूरोप के बिच  इस नए आरोप और प्रत्यारोपों की वजह से दोनों पक्षों के व्यापारी संबंध अधिक तनावपूर्ण बनने की संभावना जताई जा रही है।

यूरोपियन कमीशन ने बुधवार को चीन की अर्थव्यवस्था पर अपनी पहली ‘कंट्री रिपोर्ट’ प्रसिद्द की। ४६५ पन्नों वाली इस रिपोर्ट में, सस्ते दरों में होने वाली आयात और ‘डंपिंग’ बारे में नए नियमों की जानकारी देकर चीन को लक्ष्य किया गया है। कमीशन ने चीन की अर्थव्यवस्था सरकार के दबाव माध्यम से बिगाड़ी, विकृत की गई है, ऐसा आरोप लगाया है।

‘डंपिंग’ के मुद्दे पर वैश्विक व्यापार संगठन ने सदस्य देशों के लिए लागू नियमों की जानकारी देकर, बाजार में जानबूझकर बदलाव लाने की कोशिश करने वाले देशों का स्वतंत्र रूपसे विचार करने का इशारा दिया है। यह इशारा मुख्यरूप से चीनी कंपनियों के लिए है, ऐसा कहा जा रहा है और कुछ क्षेत्रों में चीनी कंपनियों की आयात पर जुरमाना लगाने की कार्रवाई शुरू की गई है।

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‘चीन की राजवट उनकी अर्थव्यवस्था का उल्लेख समाजवाद पर आधारित बाजार अर्थव्यवस्था ऐसा करती है। लेकीन वास्तव में स्थिति अलग है। चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी आर्थिक अजेंडा निश्चित करती है और उसके अनुसार सभी घटक नियंत्रित करती है। इसमें बैंकों का इस्तेमाल बंदिस्त और बिगाड़ी हुई वित्तीय व्यवस्था को कायम रखने के लिए किया जाता है। बैंकों के माध्यम से ही स्थानीय कंपनियों  समृद्धि के लिए प्राधान्य दिया जाता है’, इन शब्दों में कमीशन ने अपनी रिपोर्ट में चीन को डांटा है।

चीन के उद्योगों को करीब करीब मुफ्त अथवा कम दरों में जमीन की आपूर्ति की है, सस्ती ऊर्जा उपलब्ध कराई जाती है, आर्थिक मदद दी जाती है, चीनी कंपनियों के लिए ब्याज दरों को कम रखा जाता है, कच्चे माल के दरों को नियंत्रित किया जाता है और कर्मचारियों को सीमित हक़ दिए जाते हैं, इन शब्दों में चीन की अर्थव्यवस्था पर टीका की गई है। कमीशन की रिपोर्ट में फौलाद, अल्युमिनियम, रसायन और सिरामिक जैसे उद्योग क्षेत्रों में सरकारी हस्तक्षेप पर स्वतंत्र प्रकरण  लिखे गए हैं।

सरकारी हस्तक्षेप की वजह से विविध क्षेत्रों में अतिरिक्त उत्पादन की समस्या निर्माण होने का खुलकर आरोप कमीशन ने लगाया है। चीन सरकार की ओरसे अतिरिक्त क्षमता कम करने के आश्वासन दिए गए हैं, लेकिन वास्तव में औद्योगिक नीति स्थानीय उद्योगों को ही प्राधान्य देती है, ऐसी टीका इस रिपोर्ट में की गई है। कमीशन की रिपोर्ट में ‘सरकारी हस्तक्षेप’ और ‘बिगाड़ी हुई अर्थव्यवस्था’ इन शब्दों का उल्लेख लगभग ९० से अधिक बार किया गया है।

कमीशन की इस रिपोर्ट पर चीन ने तीव्र प्रतिक्रिया दी है। ‘कमीशन की रिपोर्ट में चीन की अर्थव्यवस्था के बारे में गैर जिम्मेदार टीका की गई है और अयोग्य कार्रवाई का इशारा दिया गया है। इन चीजों की वजह से परस्पर सहकार्य को हानि पहुँच सकती है और संबंधों को ठेंच लग सकती है। यह रिपोर्ट दांभिक और दोहरेपन का प्रतिक है’, इन आक्रामक शब्दों में चीन के विदेश विभाग की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कमीशन सुनाया है।

पिछले महीने में, यूरोपीय देशों में होने वाली सस्ते चीनी उत्पादों की आयात रोकने के लिए कानून को मंजूरी दी गई थी। उसके पहले वैश्विक व्यापार संगठन की ओरसे चीन को ‘मार्किट इकॉनोमी’ (बाजार पर आधारित अर्तव्यवस्था) यह देने के लिए अमरिका ने स्पष्टरूपसे विरोध किया था।

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