इटली के ‘वेनेटो’ और ‘लॉम्बार्डी’ में स्वराज्य के मुद्दे पर जनमत

रोम: स्पेन सरकार कॅटालोनिया प्रान्त को दिया हुआ स्वराज्य वापस ले रही है, ऐसे में यूरोप में अन्य देशों के प्रान्तों में स्वराज्य का वातावरण गर्म हो रहा है। यूरोप के प्रमुख देशों में से एक इटली के दो प्रान्तों में रविवार को स्वराज्य के मुद्दे पर जनमत लिया गया है। कॅटालोनिया के घटनाक्रमों की पृष्ठभूमि पर इटली के इस जनमत की तरफ यूरोपीय देशों का ध्यान आकर्षित हुआ है।

स्वराज्यउत्तरी इटली में स्थित ‘वेनेटो’ और ‘लॉम्बार्डी’ इन प्रान्तों में रविवार को स्वराज्य की मांग पर आयोजित किए गए जनमत पर मतदान हो रहा है। इन दोनों जनमतों में इटली सरकार की ओर से प्रान्तिक सरकार को अधिकाधिक अधिकार दिया जाए, ऐसी मांग की गई है। इन दोनों प्रान्तों में दाहिनी सोच रखने वाले ‘नोर्दन लीग’ पार्टी की सरकार है और उन्होंने बुनियादी सुविधाएँ, सुरक्षा, शरणार्थी, पर्यावरण, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में ज्यादा अधिकार होने चाहिए, ऐसी आग्रही भूमिका अपनाई है।

इटली में स्थित मिलान और व्हेनिस इन प्रमुख शहरों वाले यह प्रान्त देश की अर्थव्यवस्था की दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माने जाते हैं। इन दोनों प्रान्तों की तरफ से कर के रूप में लगभग ७० अरब यूरो से अधिक निधि दिया जाता है। इटली के ‘जीडीपी’ में इन प्रान्तों का एकत्रित हिस्सा करीब ३० प्रतिशत है। लेकिन कर और अर्थव्यवस्था में योगदान की तुलना में इटली की केंद्र सरकार उचित हिस्सा वापिस नहीं देता, ऐसा आरोप प्रांतीय सरकार ने लगाया है।

कॅटालोनिया के संघर्ष की पृष्ठभूमि पर यह भूमिका रखी जा रही है, फिर भी हमारी कॅटालोनिया के साथ तुलना न करें, ऐसा स्थानीय नेताओं ने कहा है। ‘नोर्दन लीग’ पार्टी के नेता मैटिओ सैल्विनी ने रविवार को लिया जाने वाला जनमत इटली की राज्यघटना के अनुसार क़ानूनी प्रक्रिया होने की बात स्पष्ट की है। दोनों प्रान्तों के लोगों को प्रशासन पर कम और जनता के लिए अधिक खर्च करने वाली राजनितिक व्यवस्था चाहिए, ऐसा दावा भी उन्होंने किया है। हम दीर्घकालीन और कठोर लगने वाला गंभीर रास्ता चुना है, इन शब्दों में सैल्विनी ने जनमत का समर्थन किया है।

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