शरणार्थीयों के अनियंत्रित झुण्ड की वजह से फ्रान्स मे ‘सोशल इमरजेंसी’, फ्रान्स के सात शहरों के मेयर्स की सरकार पर कड़ी टीका

पॅरिस: फ्रान्स में लगातार दाखिल होनेवाले शरणार्थियों के अनियंत्रित झुंड यह सामाजिक इमरजेंसी होकर इस पर समाधान निकालने के लिए तत्काल राष्ट्रीय स्तर पर उपाय योजना करने होंगे, ऐसी मांग फ्रान्स के ७ प्रमुख शहरों के मेयर ने की है। इस में लिली, स्ट्रासबर्ग, तुलां, रेनेस, नान्ते, ग्रेनोबल एवं बोर्डयुक्स इन शहरों के मेयर्स का समावेश है। इस मांग की पृष्ठभूमि पर फ्रान्स के अंतर्गत रक्षामंत्री गेरार्ड कोलाम्ब ने आक्रामक कदम उठाये है और आनेवाले वर्ष में प्रस्तुत होने वाले ऐसिलम एंड इमीग्रेशन बिल में कठोर प्रावधान के संकेत दिए हैं।

फ्रेंच मेयर्स ने अपने देश के अग्रणी दैनिक होनेवाले ले मोन्द में सरकार को संबोधित करके खुला पत्र प्रसिद्ध किया है। पत्र के लिए पहल लेने वाले राष्ट्राध्यक्ष पद के भूतपूर्व उम्मीदवार एवं बोर्डयुक्स के मेयर एलन जुप, स्ट्रासबर्ग के मेयर रोलैंड रिस, नान्ते की पहली महिला मेयर जोहाना रोलैंड इनके साथ साथ नेताओं का समावेश है। पत्र की शुरुआत में शरणार्थियों के लगातार आने वाले झुंड की वजह से हम जैसे मेयर्स की स्थिति दीवार के तल में दबने जैसी हुई है, ऐसे लिखकर नाराजगी व्यक्त की गई है।

शरणार्थियों के अनियंत्रित झुंड

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न गतिविधियों की वजह से पिछले वर्ष में यूरोप में आनेवाले शरणार्थियों के झुंड बढे हैं। इसका परिणाम स्वरुप मानवतावादी, भू-राजकीय, आर्थिक एवं पर्यावरण के संकट का सामना करना पड़ रहा है। सन २०१७ में शरणार्थियों के झुंड आश्रय देने की मांग लेकर दाखिल हुए हैं। उस में हर दिन नए शरणार्थियों की बढ़त हो रही है। ठंड की लहर में दाखिल होनेवाले इन शरणार्थियों की वजह से सार्वजनिक सेवा एवं यंत्रणा पर दबाव होकर, तीव्र तनाव की स्थिति निर्माण हुई है, ऐसे शब्दों में फ्रान्स के मेयर्स ने सरकार को शरणार्थियों की समस्या की एहसास कराया है।

फ्रान्स शहर में दाखिल हुए शरणार्थियों का प्रमाण बहुत ज्यादा होकर उसे किसी भी योग्य कल्पना न होने की बात पत्र में सूचित किया है। यह शरणार्थियों की व्यवस्था करने की धारणा केंद्र सरकार बना रही है। फिर भी उसकी मुख्य जिम्मेदारी शहर और उनमें बसे नागरिकों पर होने की बात कहकर मेयर्स ने उस पर ध्यान केंद्रित किया है। पर अब शहरों के शरणार्थियों को समाना की क्षमता लगभग खत्म हुई है और उसके परिणाम शहरों के रास्ते पर, घरों में और आश्रय स्थानों में दिखाई दे रहे हैं, ऐसे लिखे पत्र में कहा गया है।

फ्रान्स में शहरों में निर्माण हुई यह परिस्थिति मतलब सामाजिक इमरजेंसी होकर इसपर तत्काल समाधान निकालने की आवश्यकता होने का इशारा, पत्र में दिया गया है। सरकार एवं सभी संबंधित यंत्रणाओं ने इस गंभीर स्थिति पर ध्यान दें, ऐसी मांग भी सात मेयर्स ने पत्र में की है। शरणार्थियों की समस्या अगर बढ़ती है, तो विविध स्तर पर इसका सामना करने के लिए नए उपाय योजनाओं की आवश्यकता है, ऐसा आवाहन पत्र के आखिर में किया गया है।

फ्रान्स की मेयर्स ने लिखा यह पत्र देश के शरणार्थियों की समस्या हाथ से निकलने एवं सरकार का नियंत्रण प्राप्त करने में असफल होने के स्पष्ट संकेत दे रहा हैं। इस खुले पत्र के पृष्ठभूमि पर फ्रान्स के अंतर्गत रक्षा मंत्री गेराल्ड कोलाम्ब ने आक्रामक धारणा के संकेत दिए हैं। उसके अनुसार आनेवाले वर्ष में स्वतंत्र ऐसिलम एंड इमीग्रेशन बिल प्रस्तुत किया जाने वाला है। उसमें आश्रय से इंकार किये शरणार्थियों को तत्काल देश से बाहर निकालने का कठोर प्रावधान का समावेश होगा, ऐसा कोलाम्ब ने कहा है।

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