डीआर कांगो में हमले में ४२ की मौत

किन्शासा – कांगो के इतूरी प्रांत में विद्रोही गुट के हमले में ४२ लोग मारे गए। मृतकों में महिलाओं का भी समावेश होने की जानकारी सामने आयी है। कांगो के खनिज संसाधनों का नियंत्रण और वांशिक वर्चस्व के मुद्दे पर होने वाले इन हमलों में स्थानीय लोगों के अलावा सेना को भी लक्ष्य किया जा रहा है।

डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो यानी ‘डीआरसी’ के नाम से विख्यात कांगो के पूर्व क्षेत्र के इतूरी प्रांत में विद्रोही ‘कोडेको’ गुट ने शुक्रवार को हमले किए। डुगू क्षेत्र के तीन गांवों पर कोडेको के विद्रोहियों के हमले में ४२ लोग मार गए और सात गंभीर रूप से घायल हुए। कोड़ेको के विद्रोह की जांच जारी है और इस संगठन को लेंदू और झायरे गुट का समर्थन प्राप्त होने की संभावना बताई जा रही है।

पिछले महीने नॉर्थ किवू प्रांत के मुकों गांव पर आतंकी हमला होने से ४४ लोग मारे गए थे। इससे पहले फ़रवरी में कोडेको के विद्रोहियों के हमले में ३२ लोगों की मौत हुई थी। पिछले कुछ सालों से कोडेको विद्रोही संगठन अपना प्रभाव बढ़ाने की लगातार कोशिश कर रहा है। इसके लिए वे यहां के नागरी बस्तियों को लक्ष्य कर रहे हैं, ऐसी आलोचना संयुक्त राष्ट्र संगठन ने की थी।

इसी बीच, कांगो में १२० से अधिक सशस्त्र विद्रोही एवं आतंकी संगठन सक्रिय हैं। डीआर कांगो काफी बड़ा खनिज संपन्न देश है और कोबाल्ट का सबसे बड़ा भंड़ार इस देश में है। इसके अलावा सोना और हिरे की खदानें भी हैं और इन्हीं खनिज संसाधनों पर कब्ज़ा करने के लिए यह विद्रोही संगठन संघर्ष करते हैं। इसे रोकने के लिए सेना और अन्य सुरक्षा यंत्रणा भी सफल नहीं हो पाए हैं।

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