तीन महीनों में १०० अरब डॉलर्स का रिकॉर्ड निर्यात

नई दिल्ली – सितंबर में खत्म हुई तिमाही के दौरान पहली बार भारत ने १०० अरब डॉलर्स से अधिक मूल्य के सामान का निर्यात किया है। किसी भी तिमाही में अब तक इतनी मात्रा में निर्यात दर्ज़ नहीं हुआ था। इस वजह से इस रिकॉर्ड निर्यात के कारण पहले छह महीनों में भारत के कुल निर्यात का आँकड़ा १९७ अरब डॉलर्स तक जा पहुँचा है। कोरोना के संकट से उभरकर देश की अर्थव्यवस्था ने तेज़ी से उड़ान भरने की बात दिखाई दे रही है। शुक्रवार के दिन ही सितंबर में प्राप्त ‘जीएसटी’ के महसूल के आँकड़े घोषित हुए थे। सितंबर में सरकार को १.१७ लाख करोड़ रुपयों का महसूल ‘जीएसटी’ से प्राप्त हुआ है और बीते वर्ष के सितंबर की तुलना में इस बार महसूल में २३ प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है।

सरकार ने मौजूदा आर्थिक वर्ष में ४०० अरब डॉलर्स के निर्यात का लक्ष्य तय किया है। इसका आधा लक्ष्य पहले छह महीनों में प्राप्त करना मुमकिन हुआ है। सितंबर में खत्म हुए पहले छह मास में देश ने कुल १९७ अरब डॉलर्स का निर्यात किया। इनमें से १०१.८९ अरब डॉलर्स का निर्यात हाल ही में खत्म हुई तिमाही में हुआ है। जुलाई से सितंबर तक के तीनों महीनों में देश से ३३ अरब डॉलर्स से अधिक निर्यात हुआ है। जुलाई में कुल ३५.१७ अरब डॉलर्स का निर्यात हुआ था। यह किसी भी एक महीने में अब तक हुए निर्यात का रिकॉर्ड है। अगस्त में ३३.२८ अरब डॉलर्स और सितंबर में ३३.४४ अरब डॉलर्स का निर्यात हुआ, यह जानकारी वाणिज्य मंत्रालय ने साझा की है।

सितंबर में हुए निर्यात में पेट्रोलियम उत्पादन के अलावा निर्यात का आँकड़ा २८.५३ अरब डॉलर्स था। पेट्रोलियम के अलावा अन्य उत्पादनों के निर्यात में १८.७२ प्रतिशत बढ़ोतरी दर्ज़ हुई है। बीते वर्ष के सितंबर में पेट्रोलियम के अलावा अन्य उत्पादनों का निर्यात २४.०३ अरब डॉलर्स था। यानी कि इस वर्ष इसमें चार अरब डॉलर्स से अधिक बढ़ोतरी देखी गई है। वर्ष २०१९ के सितंबर पर गौर करें तो पेट्रोलियम के अलावा उत्पादनों के निर्यात में हुई यह बढ़ोतरी २६.३२ प्रतिशत अधिक है। सितंबर २०१९ में पेट्रोलियम के अलावा अन्य उत्पादनों के कुल २२.५९ अरब डॉलर्स के सामान का निर्यात हुआ था।

अप्रैल से सितंबर के पहले छह महीनों के दौरान पेट्रोलियम के अलावा अन्य उत्पादनों का निर्यात १६९.१३ अरब डॉलर्स तक जा पहुँचा है। इसके अलावा पेट्रोलियम, गहने एवं रत्नों के अलावा देश से १४९.८४ अरब डॉलर्स का निर्यात हुआ है। देश के निर्यात में ८० प्रतिशत से अधिक हिस्से वाले उत्पादनों की निर्यात में सकारात्मक बढ़ोतरी दिखाई दी है, ऐसा वाणिज्य मंत्रालय ने कहा। भारत सरकार ने निर्यात को अधिक गति प्रदान करने के लिए हाल ही में ‘ईसीजीसी’ यानी ‘एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया’ को पूँजी सहायता प्रदान करने का निर्णय घोषित किया था। इस वजह से अगले दिनों में निर्यात क्षेत्र को अधिक ताकत प्राप्त होगी, ऐसे दावे किए जा रहे हैं।

इसी बीच देश के ‘जीएसटी’ महसूल एवं विदेशी मुद्रा भंड़ार में हुई बढ़ोतरी से भी भारतीय अर्थव्यवस्था मज़बूत होने के स्पष्ट संकेत प्राप्त हो रहे हैं। नवंबर २०२० से अब तक केवल जून २०२१ के अलावा अन्य महीनों में १ लाख करोड़ रुपयों से अधिक ‘जीएसटी’ संकलन हुआ है। जून में कोरोना की दूसरी लहर उठने से सरकार ने ‘जीएसटी रिटर्न’ दाखिल करने के लिए समय की सहुलियत प्रदान की थी और इसी कारण यह महसूली गिरावट देखी गई थी। इसी बीच फ़रवरी २०२१ में १.४० लाखकरोड़ से अधिक महसूल सरकार ने ‘जीएसटी’ से प्राप्त किया था।

भारत का विदेशी मुद्रा भंड़ार अब बढ़कर ६३८.६५ अरब डॉलर्स तक जा पहुँचा है। २४ सितंबर के दिन खत्म हुए सप्ताह में भारत के विदेशी मुद्रा भंड़ार में ९९ करोड़ डॉलर्स की गिरावट देखी गई थी। लेकिन, इसके पहले के तीन हफ्तों में इस भंड़ार में काफी बड़ी बढ़ोतरी हुई थी। अब जून में खत्म हुई पहली तीमाही के समय पर भारत के विदेशी मुद्रा भंड़ार में ३४.१ अरब डॉलर्स बढ़ोतरी होने का ऐलान ‘आरबीआय’ ने किया था। विदेशी मुद्रा भंड़ार पर निर्यात की बढ़ोतरी का प्रभाव स्पष्ट दिखाई दे रहा है। देश का आर्थिक कारोबार पटरी पर आने की बात इससे स्पष्ट होती है। इस वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था अब कोरोना के संकट से पूरी तरह से संभलने के दावे किए जा रहे हैं।

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