अमरीका और रशिया के राष्ट्राध्यक्षों की जिनेवा में हुई बातचीत – सायबर हमले, परमाणु हथियारों का समझौता, राजनीतिक संबंध एवं मानवाधिकार के मुद्दों पर चर्चा होने का दावा

जिनेवा/वॉशिंग्टन/मास्को – अमरीकन और रशियन राष्ट्राध्यक्षों की बुधवार के दिन यूरोप के जिनेवा शहर में चर्चा हुई। लगभग तीन घंटे चली इस चर्चा के दौरान दोनों नेताओं ने प्रमुखता से सायबर हमले, परमाणु हथियारों का समझौता, राजनीतिक संबंध एवं मानव अधिकारों के मुद्दों पर बातचीत करने का दावा किया गया है। इस बैठक के बाद अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन और रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने स्वतंत्र वार्तापरिषद का आयोजन करके यह बातचीत रचनात्मक होने का बयान किया। लेकिन, अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने बायडेन-पुतिन की चर्चा के मुद्दे पर किए गए बयान की आलोचना करते समय कहा कि, बायडेन रशिया के सामने शरण गए और रशिया के लिए यह काफी अच्छा दिन रहा।

अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने अपने पद का ज़िम्मा स्वीकारने के बाद यह ऐलान किया था कि, रशिया ही अमरीका का सबसे बड़ा शत्रु है। इसके बाद अमरीका में हुए सायबर हमले, युक्रैन की सीमा पर हुई लष्करी गतिविधियाँ, ऐलेक्सी नैवेल्नी एवं उनके समर्थकों पर हुई कार्रवाई, बेलारूस, आर्क्टिक और अंतरिक्ष में हो रही स्पर्धा जैसे कई मुद्दों पर अमरीका और रशिया के बीच लगातार विवाद होता रहा। रशियन राष्ट्राध्यक्ष पुतिन को लेकर बायडेन के एक बयान के बाद रशिया ने अमरीका से अपने राजदूतों को भी वापस बुलाया था। पुतिन ने हाल ही में एक साक्षात्कार के दौरान रशिया और अमरीका के संबंध फिलहाल सबसे निम्न स्तर पर जा पहुँचने का बयान किया था।

ऐसी पृष्ठभूमि पर अमरीका और रशिया के राष्ट्राध्यक्षों की इस बैठक की ओर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नज़रें जमी हुई थीं। जिनेवा में बायडेन और पुतिन की इस बैठक के दौरान लगभग तीन घंटों तक अलग अलग मुद्दों पर बातचीत हुई। इस दौरान अमरिकी विदेशमंत्री एंथनी ब्लिंकन और रशिया के विदेशमंत्री सर्जेई लैवरोव भी मौजूद थे। इस बात के शुरू में पुतिन के अंगरक्षक एवं अमरिकी पत्रकारों में मुठभेड़ होने की खबर माध्यमों ने प्रसिद्ध की है।

बायडेन और पुतिन ने इस बैठक के बाद स्वतंत्र वार्तापरिषद का आयोजन करके इस बातचीत की जानकारी प्रदान की। दोनों नेताओं ने राजनीतिक संबंध सुधारने के लिए फिर से राजदूतों की नियुक्ति को मंजूरी दी है। साथ ही परमाणु अस्त्रों से संबंधित समझौते पर बातचीत करने की तैयारी भी दिखाई है। दोनों देशों के बीच कैदियों के आदान-प्रदान के मुद्दे पर सकारात्मक कदम उठाने के संकेत भी दिए गए हैं।

अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने सायबर हमले, नैवेल्नी मामले पर रशिया को चेतावनी देने की जानकारी प्रदान की। रशिया ने अमरीका के १६ संवेदनशील क्षेत्रों पर सायबर हमले करने की कोशिश की तो इस पर सख्त प्रत्युत्तर दिया जाएगा, इन शब्दों में इशारा दिया गया है, ऐसा बायडेन ने कहा। साथ ही नैवेल्नी की यदि जेल में मृत्यू होती है तो रशियन हुकूमत को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे, यह इशारा दिया है, ऐसा कहकर अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने युक्रैन के मुद्दे पर अमरीका की भूमिका में बदलाव नहीं होगा, ऐसे स्पष्ट संकेत बायडेन ने दिए।

रशियन राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने मानव अधिकारों के मुद्दे पर अमरीका को प्रत्युत्तर देने का दावा किया। इस दौरान उन्होंने अमरीका के ‘कैपिटल हिल’ पर हुई हिंसा और प्रदर्शनकारियों की हुई गिरफ्तारी एवं ‘ब्लैक लाईवज्‌ मैटर’ जैसे प्रदर्शनों का ज़िक्र किया। बायडेन की भेंट और विश्‍वासार्हता पर पुतिन का बयान ध्यान आकर्षित कर रहा है। ‘जीवन में आनंद नहीं रहा, क्षितीज पर केवल आनंद का मृगजल दिखाई दे रहा है। इसी पर संतोष रखे’, ऐसा सूचक बयान पुतिन ने किया। पुतिन का यह बयान रशियन साहित्यकार लिओ टॉलस्टॉय के ही बोल हैं।

इसी बीच, अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने बायडेन-पुतिन की मुलाकात के मुद्दे पर बायडेन की आलोचना की है। राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने पुतिन के आगे घुटने टेके हैं और अमरीका के हाथ कुछ भी नहीं लगा, यह आरोप ट्रम्प ने लगाया। इसी के साथ रशिया के लिए इस भेंट का दिवस काफी अच्छा रहा, ऐसी फटकार भी उन्होंने लगाई। अमरीका के प्रमुख माध्यमों ने भी यह दावा किया कि, पुतिन को जो कुछ चाहिये था उसे प्राप्त करने में वे सफल हुए।

Leave a Reply

Your email address will not be published.