भारत के सैनिक पीछे हटे बगैर ‘डोकलाम’ मामले में राजनितिक स्तर पर चर्चा नहीं- ‘एनएसए’ अजित डोवल के दौरे से पहले चीन का सन्देश

बीजिंग, दि. १६: भारत के सैनिक जब तक पीछे हटते नहीं, तब तक राजनितिक स्तर पर चर्चा मुमकिन नहीं, यह सुनकर भी इसे नजर अंदाज़ करने वाले भारत की वजह से परिस्थिति और भी ख़राब हो सकती है, ऐसा नया इशारा चीन की ओर से दिया जा रहा है। ‘डोकलाम’ में दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने खड़े होने की वजह से, निर्माण हुए तनाव को कम करने के लिए राजनितिक तरीके से हल निकाला जाएगा, ऐसा भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा था। इस पृष्ठभूमि पर चीन की ओर से यह प्रतिक्रिया आई है। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल के आगामी चीन दौरे में ‘डोकलाम’ मामले में किसी भी प्रकार की चर्चा न करने का सन्देश चीन ने दिया है।

चर्चा मुमकिन नहीं

डोकलाम’ में चीनी सैनिकों ने घुसपैठ करके शुरू किए हुए रास्ते का काम भारतीय सैनिकों ने रोकने के बाद, दोनों देशों के बीच निर्माण हुए तनाव को अब एक महीने से ज्यादा समय हो चुका है। भारत को धमकाने के लिए चीन युद्ध की भाषा कर रहा है। भारत के सैनिक जब तक पीछे हटते नहीं, तब तक राजनितिक स्तर पर चर्चा मुमकिन नहीं, इस चीन की जिद्दी भूमिका से परिस्थिति और भी ख़राब हो रही है, लेकिन चीन इसके लिए भारत को जिम्मेदार ठहरा रहा है।

पिछले हफ्ते भारत के विदेश सचिव एस. जयशंकर ने याद दिलाते हुए कहा है कि, इसके पहले भी सीमा पर तनाव निर्माण हुआ था, लेकिन दोनों देशों ने समझदारी दिखाकर उसे सुलझाया था, उसी तरह यह समस्या भी सुलझेगी। उसके बाद दो दिन पहले ही, भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने ‘डोकलाम’ की वजह से निर्माण हुए तनाव को कम करने के लिए राजनितिक तरीकों का उपयोग किया जा रहा है, ऐसा कहा था। उसी समय ‘ब्रिक्स’ देशों की ‘एनएसए’ बैठक के लिए इस महीने के अंत में चीन दौरे पर जा रहे अजित डोवल, चीन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के साथ बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे, यह खबर प्रसिद्ध हुई थी।

इस पृष्ठभूमि पर चीन की सरकारी वृत्तसंस्था ‘झिनुआ’ में प्रसिद्ध किए हुए एक लेख में, भारत के सैनिक पीछे हटे बगैर राजनितिक स्तर पर चर्चा का मार्ग नहीं है, ऐसा कहा गया है।

‘झिनुआ’ लेख में भारत की चीन विरोधी भावनाओं का भी जिक्र किया गया है। हाल ही के कुछ सालों में भारत के कुछ नागरी संगठन राष्ट्रवाद का रंग देकर चीन विरोधी भावनाओं को भड़का रहे हैं। चीनी वस्तुओं पर बहिष्कार डालने की माँग कर रहे हैं।

सर्दी के मौसम तक दोनों देशों के सैनिक इसी तरह एकदूसरे के सामने खड़े रहेंगे- चीनी विशेषज्ञों का दावा
सर्दी का मौसम शुरू होने के बाद ही एकदूसरे के सामने खड़े दोनों देशों के सैनिक ‘डोकलाम’ से पीछे हटेंगे, ऐसा दावा चीनी विशेषज्ञों ने किया है।

एक भारतीय अख़बार को दी हुई मुलाकात में, ‘इंस्टिट्यूट ऑफ़ साउथ एंड साउथ ईस्ट एशियन एंड ओशिएनिक स्टडीज’ इस चीनी अभ्यास गुटों के विशेषज्ञ हु शिशेंग ने सर्दी के मौसम के बगैर दोनों देशों के सैनिक पीछे नहीं हटेंगे ऐसा दावा किया है।

दोनों देशों ने पूर्व शर्तें डाली हैं। चीन ने सैनिक हटाने के बाद ही चर्चा करने की भूमिका भारत ने स्पष्ट की है। सर्दी में यहाँ का वातावरण प्रतिकूल बन जाता है ऐसे में दोनों देशों को अपनी सेना को वापस लेना ही पड़ेगा, साथ ही सर्दी ख़त्म होने के बाद दोनों देशों के सैनिक फिर से एकदूसरे के सामने खड़े होंगे, ऐसा दावा भी हु शिशेंग ने किया है।

 

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