चीन में वृद्धों की बढ़ती संख्या ‘ग्लोबल सप्लाई चेन’ के लिए घातक साबित होगी – अर्थ विशेषज्ञों की चेतावनी

बीजिंग – चीन की आबादी में वृद्ध नागरिकों की संख्या लगातार बढ़ रही है और यह संख्या जागतिक अर्थव्यवस्था की ‘सप्लाई चेन’ (उत्पादनों की आपूर्ति की श्रृंखला) तथा वित्तीय क्षेत्र के लिए बड़ा झटका देने वाली साबित होगी, ऐसी चेतावनी अर्थ विशेषज्ञों ने दी है। पिछले हफ्ते में चीन की जनगणना की जानकारी सार्वजनिक की गई है। चीन की आबादी १.४११ अरब पर पहुंची होकर, उसमें से २६.४ करोड़ नागरिक ६० साल से अधिक उम्र गुट के हैं। साथ ही, लगातार चार साल चीन में जनसंख्या वृद्धि की दर भी गिर रही होकर, सन २०२० में हुई वृद्धि, सन १९५० के बाद हुई सबसे निम्नतम वृद्धि है, ऐसा बताया जाता है।

China-aging-pooulation‘चीन में औरों पर निर्भर होने वाले वृद्ध नागरिकों की संख्या और उनका रूख बढ़ रहा है। यह सिर्फ चीन के लिए ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए चेतावनी है। यह जागतिक अर्थव्यवस्था में सप्लाई चैन का केंद्र है, इसे ध्यान में रखना चाहिए। अगले कुछ सालों में चीन ७ करोड़ इतनी भारी संख्या में मनुष्य बल गँवाने वाला है। इस कारण यह बात जागतिक सप्लाई चैन के लिए बड़ा झटका साबित होती है’, ऐसा ‘एएनझेड’ बँक के प्रमुख अर्थ विशेषज्ञ रेमंड येऊंग ने जताया।

चीन की आबादी में वरिष्ठ नागरिकों की बढ़ती संख्या कामा यह अन्तर्राष्ट्रीय इकोनॉमिक मार्केट के लिए भी खतरे की घंटी साबित होती है, ऐसी चेतावनी येऊंग ने दी। चीन में बचत करनेवाले नागरिकों का प्रमाण और प्रतिशत, दुनिया में सर्वाधिक बचत करनेवालों की सूची में अग्रस्थान पर है। इस बात को मध्य नजर रखते हुए रखकर दुनिया के कई निवेशकों ने चीन में पेंशन फंड में अतिरिक्त निवेश किया है। लेकिन अगर वृद्धों की संख्या बढ़ी, तो आनेवाले समय में इन फंड्स में निधि और इस पर रिटर्न्स घटने की संभावना है, ऐसा दावा अर्थ विशेषज्ञों ने किया है।

China-aging-pooulation-01-300x182एक तरफ वरिष्ठ नागरिकों का प्रमाण बढ़ रहा है; वहीं, दूसरी तरफ चीन में जन्मदर भी भारी मात्रा में घट रही है। सन २०२० में चीन में जन्मदर १५ प्रतिशत से घटी होकर, जन्मदर कम होने का यह लगातार चौथा साल है। जन्मदर बढ़ाने के लिए चीन ने सन २०१६ में विवादास्पद ‘वन चाईल्ड पॉलिसी’ रद्द की थी। लेकिन उसके बाद भी चिनी जनता की मानसिकता में बदलाव नहीं हुआ है, यह बात घटती हुई जन्म दर से दिखाई दे रही है।

चीन की अर्थव्यवस्था अभी भी उत्पादन क्षेत्र पर निर्भर होकर, घटती जन्मदर के कारण इस क्षेत्र के लिए आवश्यक मनुष्यबल का प्रमाण बड़े पैमाने पर गिरेगा, ऐसा बताया जाता है। इसी बीच, जन्मदर बढ़ाने के लिए अगर प्रोत्साहन दिया, तो उससे ग्रामीण भाग में गरीबी और बेरोज़गारी पुनः बढ़ेगी और चीन की सामाजिक स्थिरता को झटका लगेगा, ऐसी चिंता चीन के कुछ विश्लेषकों ने व्यक्त की है।

इस कारण जनसंख्या विषयक नीति के मामले में चीन फिलहाल तो संभ्रम में पड़ा दिख रहा है। साथ ही, आनेवाले दौर में चीन पर भयंकर आर्थिक संकट आ गिरने के संकेत इससे मिल रहे हैं।

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