तालिबान की क्रूरता का नया कृत्य दुनिया के सामने आया – तालिबान ने हेरात प्रांत में चार मृतदेह क्रेन पर लटकाए

काबुल – सिर में गोलियां चलाकर मारने से लेकर हाथ पैर काटने तक की क्रूर सजाएं अफगानिस्तान में फिर से लागू की जाएंगी, ऐसा ऐलान नुरुद्दीन तुराबी इस तालिबान के नेता ने किया था। उसकी एक ही दिन में तालिबान ने अपनी क्रूरता का और एक बार भयंकर प्रदर्शन कराया। हेरात प्रांत में तालिबान ने चार अफगानियों के मृतदेह क्रेन पर लटकाए। अपने विरोध में जानेवालों का दिल दहलें, इसके लिए तालिबान इन मृतदेहों का इस तरह प्रदर्शन कर रहा है। मारे गए इन चारों पर अपहरण के आरोप थे। लेकिन उसकी तहकिक़ात और फ़ैसला किसने किया, इसकी जानकारी देने की दिक्कत तालिबान ने नहीं उठाई है।

तालिबान के आतंकवादी अपने विरोधियों को पकड़ रहे होने की खबरें इससे पहले जारी हुई थी। तालिबान विरोधकों को गिरफ्तार करके उन्हें कार की डिक्की में बंद करके रख रहे हैं, ऐसे वीडियो सामने आए थे। लेकिन उन विरोधियों का क्या हुआ कौन उसकी जानकारी सामने नहीं आई थी। उसी के साथ छोटे बड़े गुनाहों के लिए गिरफ्तार किए आरोपियों का भविष्य भी तालिबान की हुकूमत में अनिश्चित था। तालिबान की नई हुकूमत ने न्याय पद्धति कैसे होगी, इस पर दुनिया का ध्यान आकर्षित हुआ था।

मुल्ला तुराबी ने अन्तर्राष्ट्रीय न्यूज़ एजेंसी से बात करते समय, तालिबान की सज़ा में फ़र्क होनेवाला नहीं है, यह घोषित किया। सिर में गोली मारकर हत्या करना, हाथ पैर काटना, ये सजाएँ नए से लागू करके उसके वीडियो दुनिया के सामने जारी किए जाएँगे। इससे तालिबान के नियम तोड़नेवालों को उचित संदेश मिलेगा, ऐसा तुराबी ने कहा था। उससे इस आतंकवादी संगठन के समर्थन में खड़े रहनेवालों की मुश्किलें बढ़ीं थीं। ऐसी परिस्थिति में, तालिबान ने हैरात में चार आरोपियों की गोली मारकर हत्या की और उनके शव क्रेन से टाँगकर, बीस साल पहले की अपनी मानसिकता आज भी कायम है, यह तालिबान ने दिखा दिया।

इस महीने की शुरुआत में मझार-ए-शरीफ एक चौक में तालिबान ने चार लोगों को गोली मारकर उनके शव बीच सड़क में छोड़ दिए थे। वहीं, राजधानी काबुल और हेरात में महिलाओं को चाबुक से मारने की वीडियो सामने आए थे। इसमें तालिबान के विरोध में प्रदर्शन करनेवालीं महिलाओं का समावेश था। उसके बाद तालिबान की ज़ोरदार आलोचना हुई थी। शनिवार की घटना के बाद दुनियाभर से तालिबान का निषेध किया जा रहा है।

तालिबान के नए न्यायविभाग में महिला न्यायमूर्तियों को भी स्थान होगा, ऐसा तालिबान के सहसंस्थापक तुराबी ने कहा था। लेकिन इससे पहले अफगानिस्तान की न्यायव्यवस्था में न्यायमूर्ति पद पर होनेवालीं तकरीबन २०० महिला न्यायमूर्तियों की तालिबान खोज कर रहा होने का दावा एक अमरिकी अख़बार ने किया है। इन महिला न्यायमूर्तियों ने पिछले बीस सालों में तालिबान के विरोध में फ़ैसले सुनाए थे। इस कारण उन महिला न्यायमूर्तियों की खोज करके, तालिबान उन्हें सजा देने की तैयारी में होने का दावा किया जाता है।

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