झेलेन्स्की अमरीका को तीसरें विश्व युद्ध में खींचने की कोशिश कर रहे हैं – अमरिकी विश्लेषक टकर कार्लसन का आरोप

वॉशिंग्टन/किव – ‘पोलैण्ड में हुए मिसाइल हमले को लेकर यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष वोलोदिमीर झेलेन्स्की झूठ बोल रहे हैं। अमरीका तीसरें विश्व युद्ध में शामिल हो, इसके लिए झेलेन्स्की की यह कोशिश जारी है’, ऐसा आरोप अमरिकी वृत्त निवेदक एवं विश्लेषक टकर कार्लसन ने लगाया। झेलेन्स्की की भूमिका की वजह से उन्हें आनेवाले समय में समर्थन देना है या नहीं, यह निर्णय अमरीका को करना होगा, यह सलाह भी कार्लसन ने दी। उनका यह बयान सामने आ रहा था तभी करीबी समय में यूक्रेन को प्रदान हो रही अमरिकी हथियारों की सहायता कम होने के संकेत ‘सीएनएन’ समाचार चैनल ने दिए हैं।

पोलैण्ड में मंगलवार को हुए मिसाइल हमले की गूंज अभी भी सुनाई दे रही हैं और यूक्रेन और इसका समर्थन कर रहें पश्चिमी देशों के मतभेद सामने आए है। यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष ने पोलैण्ड में गिरी मिसाइल यक्रेनी रक्षा बलों ने दागने की बात स्वीकार ने से इन्कार किया हैं। उनके ऐसें अड़ियल रवैये से अमरीका के साथ अन्य यूरोपिय देशों में भी नाराज़गी हैं और यह नाराज़गी स्पष्ट तौर पर सामने आ रही हैं। अमरीका में प्रसार माध्यम, विश्लेषक एवं राजनीतिक दायरे में यूक्रेन को प्रदान हो रहे समर्थन को लेकर तीव्र बयान दर्ज़ हो रहे हैं। टकर कार्लसन का बयान इसी का हिस्सा हैं।

अमरीका के प्रमुख समाचार चैनल ‘फॉक्स न्यूज’ के लिए काम कर रहें कार्लसन ने झेलेन्स्की पर अमरीका को तीसरे विश्व युद्ध में खींचने का आरोप लगाया। झेलेन्स्की के बयान गलत हैं और इससे लाखों अमरिकी मारे जा सकते हैं, यह दावा उन्होंने किया। यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष जानबूज़ कर अमरीका को युद्ध में शामिल कराने की कोशिश कर रहे हैं और उनकी सहायता करनी है या नहीं, इसका निर्णय जल्द करना होगा, यह भी कार्लसन ने कहा। झेलेन्स्की पूवर्ओ यूरोप के अन्य भ्रष्ट नेताओं की तरह हो सकते हैं, यह आरोप भी फॉक्स न्यूज के निवेदक ने किया है।

दो दिन पहले ही रशिया के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष दिमित्रि मेदवेदेव ने पोलैण्ड की घटना तीसरे विश्व युद्ध का कारण बन सकती हैं, ऐसी गंभीर चेतावनी दी थी। इससे पहले मंगलवार को पोलैण्ड में मिसाइल हमला होने के बाद यूक्रेन और पोलैण्ड यह देश रशिया और नाटो का संघर्ष शुरू होने के लिए उकसा रहे हैं, यह आरोप भी रशिया ने लगाया था।

पोलैण्ड में हुए हमले के बाद शुरू के कुछ घंटों में यूक्रेन एवं पोलैण्ड के नेता एवं अधिकारी आक्रामक बयान कर रहे थे। यूक्रेन ने रशिया पर भारी आरोप लगाकर रशिया को जवाब देने के लिए नाटो कदम बढ़ाएं, ऐसी मांग की थी। नाटो के सदस्य देश पोलैण्ड ने भी नाटो की घटना के अनुसार ‘आर्टिकल फोर’ के तहत मिसाइल हमले के मामले में चर्चा हो, ऐसी भूमिका बड़े आग्रह से रखी। पोलैण्ड समेत पूर्वओ यूरोप के कुछ देशों ने अपने रक्षा बलों को अलटर्ओ पर रहने के आदेश दिए थे।

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