ऑस्ट्रेलिया और चीन के बीच तनाव अधिक ही बढ़ा

कॅनबेरा/बीजिंग – जागतिक व्यापार परिषद (डब्ल्यूटीओ) में दायर हुई शिकायत को लेकर ऑस्ट्रेलिया और चीन के बीच शुरू हुआ संघर्ष अधिक तीव्र बना है। ऑस्ट्रेलिया ने राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा उपस्थित करके अंटार्क्टिका में चीन के साथ चल रही संयुक्त संशोधन मुहिम रद्द कर दी। वहीं, ‘युनेस्को’ की समिति का अध्यक्ष पद संभालने वाले चीन ने ऑस्ट्रेलिया के मूंगा चट्टानों (कोरल रीफ) को प्रदान किया गया ‘हेरिटेज’ दर्जा रद्द करने की चेतावनी दी। नजदीकी दौर में ऑस्ट्रेलिया और चीन के बीच ऐसे विवाद लगातार देखने को मिलेंगे, ऐसा विश्लेषकों ने जताया है।

पिछले हफ्ते में ऑस्ट्रेलिया ने, चीन ने लगाये व्यापारी करों के विरोध में ‘डब्ल्यूटीओ’ मी शिकायत दायर की थी। उसे प्रत्युत्तर देने के लिए चीन ने भी ऑस्ट्रेलिया के विरोध में स्वतंत्र याचिका दायर की है। चिनी कंपनियों के हितसंबंध सुरक्षित रखने के लिए यह कदम उठाया गया है, ऐसा खुलासा चीन द्वारा किया गया है। चीन से यह प्रत्युत्तर आ रहा है, ऐसे में ऑस्ट्रेलिया ने अंटार्क्टिका में चल रही संयुक्त संशोधन मुहिम रद्द करने की घोषणा की। 

ऑस्ट्रेलियन गुप्तचर यंत्रणा के प्रमुख ने दी चेतावनी के बाद यह मुहिम रद्द की बताई जाती है। ‘ऑस्ट्रेलियन सिक्युरिटी इंटेलिजन्स ऑर्गनायझेशन’ के प्रमुख माईक बर्गेस ने, अंटार्क्टिका में चल रही मुहिम ‘सबमरिन वॉरफेअर’ में चीन के लिए सहायकारी साबित हो सकती है, ऐसा जताया है। ऑस्ट्रेलियन विश्‍लेषक अँथनी बर्गिन ने भी उसकी पुष्टि की है। संशोधन मुहिम में चीन द्वारा सहभागी होनेवाली ‘किंगडाओ रिसर्च इन्स्टिट्यूट’ चिनी नौसेना के प्रोजेक्ट के साथ जुड़ी हुई है, इस पर बर्गिन ने गौर फरमाया। 

अंटार्क्टिका की मुहिम रद्द होने की घोषणा के बाद युनेस्को की समिति का निर्णय सामने आया है। ऑस्ट्रेलिया स्थित मशहूर प्रवाल (मूँगा) द्वीपों का क्षेत्र होनेवाला ‘ग्रेट बॅरिअर रिफ’ खतरनाक होने की सिफारिश समिति ने की है। ‘ग्रेट बॅरिअर रिफ’ को दिया ‘वर्ल्ड हेरिटेज’ का दर्जा हटा देने की संकेत भी दिए गए हैं। इस समिति का प्रमुख पद चीन के पास है। ‘ग्रेट बॅरिअर रिफ’ की खबर पर ऑस्ट्रेलिया से आक्रामक प्रतिक्रिया आई होकर, इस फैसले के पीछे राजनीति होने का आरोप ऑस्ट्रेलिया सरकार ने किया है।

एक के बाद एक हुईं इन घटनाओं के कारण ऑस्ट्रेलिया-चीन में विवाद नए से भड़कने के संकेत मिल रहे हैं। पिछले कुछ सालों में ५जी तंत्रज्ञान, कोरोना की महामारी, साऊथ चायना सी, ताइवान, हॉंगकॉंग जैसे कई मुद्दों पर दोनों देश एक-दूसरे के सामने खड़े हुए थे। इस विवाद से दोनों देशों में व्यापार युद्ध शुरू हुआ है। उसके बाद के दौर में चीन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ‘ग्रे झोन वॉरफेअर’ का इस्तेमाल शुरू किया होने के दावे भी सामने आ रहे हैं।

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