ताइवान की सुरक्षा जापान के साथ जुड़ी है – जापान के रक्षा मंत्री नोबूआ किशी

टोकिओ – चीन में विलीनीकरण यही ताइवान के सामने एकमात्र विकल्प है, ताइवान की स्वतंत्रता यह युद्ध को निमंत्रण साबित होगा, ऐसी धमकी चीन ने दी थी। इस धमकी पर जापान ने तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज़ की है। ‘ताइवान की शांति और स्थिरता जापान की सुरक्षा के साथ ठेंठ रूप में जुड़ी बातें हैं। चीन-ताइवान संबंधों पर, साथ ही चीन की लष्करी गतिविधियों पर भी जापान बारीकी से नज़र रखे है’, ऐसी चेतावनी जापान के रक्षा मंत्री नोबूआ किशी ने दी। जापान और अमरीका के बीच साल का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास शुरू हुआ है। इस पृष्ठभूमि पर, जापान के रक्षा मंत्री की चेतावनी गौरतलब साबित होती है।

जापान के रक्षा मंत्री नोबूआ किशी ने अमेरिकी न्यूज़ चैनल को दिए इंटरव्यू में इसका अहसास करा दिया कि ताइवान की सुरक्षा का मुद्दा जापान के साथ जुड़ा हुआ है। ‘अपनी लष्करी सामर्थ्य के बल पर चीन ताइवान पर कब्ज़ा करना चाहता है’, ऐसी चिंता रक्षा मंत्री किशी ने व्यक्त की। पिछले हफ्ते चीन ने जापान की हवाई सीमा में २८ विमानों की घुसपैंठ करवाई थी। अमरिकी न्यूज़ चैनल के साथ बात करते समय, जापान के रक्षा मंत्री ने चीन की इस घुसपैंठ को लक्ष्य किया। ताइवान यह जापान के लिए बहुत ही अहम साबित होता है। ताइवान के सागरी क्षेत्र से आनेवाले ईंधन वाहक जहाज़ों पर जापान की अर्थव्यवस्था निर्भर है, इसपर किशी ने गौर फरमाया। कुछ दिन पहले जापान ने यह आवाहन किया था कि इस क्षेत्र की सुरक्षा के लिए युरोपीय महासंघ भी योगदान दें।

जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो ऍबे के छोटे भाई होनेवाले नोबूआ किशी ये चीन के विरोधक तथा ताइवान के समर्थक के रूप में जाने जाते हैं। अप्रैल महीने में रक्षा मंत्री किशी ने ताइवान के पास के योनागुनी द्वीप की भेंट की थी। इस भेंट के बाद जापानी माध्यमों के साथ बात करते समय भी किशी ने, ताइवान के विरोध में चीन ने शुरू की लष्करी गतिविधियों की कड़ी आलोचना की थी। चीन ने अगर ताइवान पर कब्जा किया, तो इस क्षेत्र की परिस्थिति पूरी तरह बदल जाएगी और वह जापान की सुरक्षा के लिए खतरनाक साबित होगा। जापान का रक्षा दल इस परिस्थिति के लिए तैयार रहें, ऐसे आदेश किशी ने अपने लष्कर को दिए थे। उसके बाद गुस्सा हुए चीन के विदेश मंत्रालय ने, रक्षा मंत्री किशी की आलोचना की थी।

पिछले साल ताइवान में संपन्न हुए चुनावों में राष्ट्राध्यक्षा त्साई इंग-वेन ने विजय प्राप्त करने के बाद कोमा उन्हें बधाई देने के लिए किशी ने ताइवान का दौरा किया था। इसके अलावा पिछले साल ताइवान के पहले लोकनियुक्त राष्ट्राध्यक्ष ली तेंग-हुई की मृत्यु के बाद भी किशी ने ताइवान का दौरा किया था। किशी ने अपने बड़े भाई ऍबे की तरह ही ताइवान के साथ संबंध बनाने के लिए विशेष महत्व दिया है। अमरीका के साथ संपन्न हुई ‘टू प्ल्स टू’ चर्चा में भी रक्षा मंत्री किशी ने ताइवान की सुरक्षा का मुद्दा उपस्थित किया था। इस कारण अमरिकी न्यूज़ चैनल को दिए इंटरव्यू में जापान के रक्षा मंत्री ने ताइवान के संदर्भ में किए बयानों के कारण चीन बेचैन हो सकता है।

रक्षा मंत्री किशी ने चीन के बढ़ते रक्षा खर्च की आलोचना की और उस में होनेवाली अपारदर्शिता का मुद्दा भी उपस्थित किया। साथ ही, जापान अपनी सागरी हित संबंधों की सुरक्षा के लिए दो विध्वंसक एजिस हवाई सुरक्षा यंत्रणा से लैस करनेवाला होने की जानकारी किशी ने दी। वहीं, जापान, भारत, अमरीका और ऑस्ट्रेलिया इन लोकतंत्रवादी देशों का क्वाड संगठन किसी भी देश के विरोध में नहीं है, ऐसा किशी ने कहा। लेकिन इंडो-पैसिफिक क्षेत्र स्थित मुक्त सागरी क्षेत्र की सुरक्षा के मुद्दे पर इस गुट का गठन हुआ होने का दावा किशी ने किया। साथ ही, जापान अन्य देशों को प्रदान कर रहे रक्षा विषयक सहयोग के कारण शांति, अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग और सुरक्षा अधिक मज़बूत होनेवाली है, ऐसा किशी ने इस इंटरव्यू में कहा।

इसी बीच, चीन खुलेआम ताइवान पर कब्ज़ा करने की धमकियाँ दे रहा है। पिछले कुछ दिनों में चीन ने ताइवान के पास अपनी लष्करी गतिविधियाँ बढ़ाई होकर, युद्धपोत, लड़ाकू तथा परमाणु-अस्त्र-वाहक विमान रवाना करके चीन ने ताइवान समेत अमरीका और युरोपीय देशों को चेतावनी दी थी। ताइवान के संदर्भ में चीन की इस बढ़ती आक्रामकता के विरोध में अमरीका, जी७, युरोपीय महासंघ तथा नाटो में भी प्रतिक्रियाएँ उठीं। इस कारण बौखलाए हुए चीन ने अमरीका को धमकाया था। ताइवान के संदर्भ में चीन के किसी भी फैसले में अमरीका दखलअंदाज़ी नहीं कर सकती, ऐसी धमकी चीन के लष्कर ने दी। ऐसी परिस्थिति में, जापान के रक्षा मंत्री ने ताइवान की सुरक्षा का मुद्दा जापान के साथ जोड़कर, चीन की मनमानी बर्दाश्त नहीं करेंगे, यह जताया दिख रहा है।

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