अमरीका के साथ पश्चिमी देशों ने भी, युक्रेन को भारी मात्रा में हथियार मुहैया कराने का किया ऐलान

वॉशिंग्टन – इस हफ्ते की शुरुआत में रशिया ने युक्रेन की राजधानी किव समेत अन्य शहरों पर सौ से भी अधिक मिसाइल और कामाकाझ ड्रोन्स के हमलें किए थे। इस वजह से युक्रेन समेत, युक्रेन का समर्थन करनेवाले पश्चिमी देश भी बड़े सदमे में थे। इसके बाद अमरीका ने युक्रेन को अधिक हथियार प्रदान करने के संकेत दिए थे। इसके अनुसार बायडेन प्रशासन ने करीबन ७२ करोड़ ५० लाख डॉलर्स के अतिरिक्त हथियार युक्रेन को प्रदान करने का निर्णय किया। व्हाईट हाऊस ने इसका ऐलान भी किया है। इससे पहले युरोपीय देशों ने भी युक्रेन को भारी मात्रा में हथियार और हवाई सुरक्षा यंत्रणा प्रदान करने के ऐलान किया है।

अमरीका ने युक्रेन को पहले ही करीबन २० हाय मोबिलीटी रॉकेट लौन्चर सिस्टिम (एचआईएमएआरएस) प्रदान की थी। व्हाईट हाऊस के नये ऐलान के अनुसार, और १८ ‘एचआईएमएआरएस’ यंत्रणा युक्रेन को प्रदान होगी। इससे रशियन सेना को लक्ष्य करना युक्रेन की सेना के लिए अधिक आसान होगा और युक्रेन के विरोध में सैनिकी गतिविधियाँ करना रशियन सेना के लिए अधिक कठिन होगा, ऐसें दावे किए जा रहे हैं। इस हफ्ते में ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रान्स, नेदरलैण्ड और कनाड़ा इन देशों ने भी युक्रेन को भारी मात्रा में हथियार और रक्षा सामान मुहैया कराने का ऐलान किया है।

ब्रिटेन ने युक्रेन को विमान विरोधी ‘एनएएसएएम’ यंत्रणा देने का ऐलान किया है। साथ ही, युक्रेन सेना को सैकड़ों ड्रोन्स और १८ होवित्ज़र तोंप से लैस करने का निर्णय भी ब्रिटेन ने किया हैं। इसी बीच, जर्मनी ‘आईआरआईएस-टी’ यंत्रणा प्रदान करके युक्रेन की हवाई सुरक्षा अधिक मज़बूत कर रहा है। साथ ही, फ्रान्स ने भी युक्रेन को विमान विरोधी यंत्रणा और मिसाइलों की आपूर्ति करना स्वीकार किया है। नेदरलैण्डस्‌‍ और कनाड़ा ने भी युक्रेन को प्रगत रक्षा सामान एवं ड्रोन्स और संपर्क यंत्रणा प्रदान करने का निर्णय किया है।

अमरीका और पश्चिमी देश युक्रेन सेना को ये हथियार और रक्षा सामान प्रदान कर रहे हैं, लेकिन इसका उचित इस्तेमाल करने की क्षमता और प्रशिक्षण युक्रेन की सेना नहीं रखती, ऐसी कबुली अमरीका के एक वरिष्ठ अधिकारी ने, नाम सार्वजनिक ना करने की शर्त पर साझा की। इसी कारण, प्रगत और प्रभावी हथियार मौजूद होने के बावजूद युक्रेन सेना को रशियन सेना के खिलाफ उम्मीद के अनुसार सफलता प्राप्त नहीं हो रही है। ऐसें में सिर्फ पश्चिमी देशों के प्रगत हथियारों पर निर्भर रहकर युक्रेन की सेना को रशियन सेना पर हावी होना मुमकिन नहीं होगा, यह दिख रहा है। फिर भी पिछले कुछ हफ्तों में युक्रेन की सेना को रशिया के विरोध में प्राप्त हुई सफलता में पश्चिमी देशों ने प्रदान किए हथियारों का योगदान काफी बड़ा बताया जा रहा है। लेकिन, इसका सटीकतापूर्वक इस्तेमाल करनेवाले क्या यक़ीनन युक्रेन के सैनिक हैं, यह सवाल कुछ विश्लेषक कर रहे हैं। युक्रेन सेना के पक्ष में, पश्चिमी देशों के कान्ट्रैक्ट सैनिक जंग लड़ रहे हैं, यह अनुमान भी विश्लेषकों ने किए इस सवाल के पीछे है।

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