पैरिस में कुर्दवंशियों की हत्या के बाद शुरू हुए हिंसक प्रदर्शन

पैरिस – फ्रान्स की राजधानी पैरिस में गोलीबारी में तीन कुर्दवंशियों की हत्या की गई। वर्णद्वेषी सिरफिरे ने इस हत्याकांड़ को अंजाम दिया होगा, ऐसा आरोप फ्रान्स की सुरक्षा यंत्रणा लगा रही है। इस हत्याकांड़ के बाद पैरिस में प्रदर्शन शुरू हुए हैं और इससे हिंसा भी भड़की है। कुर्दवंशियों पर हुए इस हमले के पीछे तुर्की का हाथ होने की आशंका कुर्द संगठन व्यक्त कर रहा है।

हिंसक प्रदर्शनपैरिस में स्थित कुर्दवंशियों के ‘अहमत काया’ सांस्कृतिक केंद्र और एक रेस्तराँ पर एक ६९ वर्षिय सिरफिरे ने शुक्रवार को भीषण हमला किया। इसने सांस्कृतिक केंद्र और रेस्तरां में मौजूद लोगों पर पिस्तौल से गोलियां चलाईं। इसमें दो कुर्दवंशी पुरुष और एक महिला की मौत हुई एवं अन्य तीन घायल हुए। इनमें से एक की स्थिति चिंताजनक है। घटनास्थल पर मौजूद पुलिस ने कार्रवाई करके सिरफिरे को हिरासत में लिया।

शुरू में यह आतंकी हमला होने की आशंका जताई गई थी। साथ ही कुर्दवंशी और देश के नागरिक संयम बरतें, ऐसा आवाहन फ्रेंच सरकार ने किया था। लेकिन, इस हमले के बाद फ्रान्स में तुर्कवंशियों ने तुर्की के झंड़े लहराकर कुर्दवंशियों की हत्या का स्वागत किया था। इससे फ्रान्स में मौजूद कुर्दवंशियों का गुस्सा उमडा और शनिवार को पैरिस में भारी हिंसा शुरू हुई। फ्रान्स का अल्पसंख्यांक गुट कुर्दवंशियों का समर्थन कर रहा है।

हिंसक प्रदर्शनपैरिस के रिपब्लिक स्क्वेअर में भारी मात्रा में आगजनी की गई। इसके अलावा वहां पर वाहनों को पलटने के फोटो और वीडियोज्‌‍ सामने आए हैं। पैरिस में तुर्की के दूतावास के सामने कुर्दवंशियों ने जोरदार प्रदर्शन किए। इस हिंसा में ११ लोगों को हिरासत में लिया गया है और ३० लोग घायल हैं। इसके बाद पैरिस में पुलिस की तैनाती बढ़ाई गई है।

इसी बीच, कुर्दवंशियों की मौत का कारण बने सिरफिर को इस वर्ष जनवरी में ही जेल से रिहा किया गया था। इससे पहले भी उसे वर्णद्वेष के अपराध में ही गिरफ्तार किया गया था।

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