रशिया के ‘वैग्नर ग्रूप’ को बाहर करने के लिए अमरीका द्वारा अफ्रीकी देशों पर दबाव डालने की कोशिश

वॉशिंग्टन/मास्को – रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन के करीबी येवगेनी प्रिगोज़िन ने स्थापित किए निजी सैन्य कंपनी ‘वैग्नर ग्रूप’ को देश से बाहर निकाले, इसके लिए अमरीका ने अफ्रीकी देशों पर दबाव डालना शुरू किया है। लीबिया और सुड़ान पर दबाव डाला जा रहा है और इसके लिए इन देशों पर प्रभाव रखनेवाले इजिप्ट और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) को इस्तेमाल किया जा रहा है। इजिप्ट सरकार के कुछ अधिकारियों ने इसकी पुष्टी की है।

पिछले कुछ सालों से अमरीका ने रशिया के ‘वैग्नर ग्रूप’ के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए आक्रामक कदम उठाए हैं। साल २०१७ में रशिया की इस निजी सैन्य कंपनी पर प्रतिबंध लगाए गए थे। इसके बाद पिछले महीने अमरीका के बायडेन प्रशासन ने ‘वैग्नर ग्रूप’ रशिया की निजी सैन्य कंपनी अंतरराष्ट्रीय अपराधिक संगठन होने का ऐलान किया था। इसके बाद इस कंपनी की अफ्रीका समेत अन्य देशों में तैनाती पर ध्यान आकर्षित करने के लिए अमरीका ने अपनी गतिविधियां शुरू की हैं।

पिछले महीने अमरिकी विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन एवं गुप्तचर यंत्रणा ‘सीआईए’ के प्रमुख विल्यम बर्न्स ने इजिप्ट के वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा की थी। इस दौरान ‘वैग्नर’ ग्रूप को बाहर निकालने का मुद्दा प्रमुखता से उठाया गया, यह जानकारी इजिप्ट के अधिकारी ने प्रदान की। लीबिया और सुड़ान के अधिकारियों द्वारा भी इससे संबधित विभिन्न संदेश भेजे जाने की जानकारी सामने आयी है। ‘वैग्नर ग्रूप’ को भी अमरीका की इन गतिविधियों की जानकारी है और ‘सीआईए’ की कोशिशों पर अपनी नज़र है, ऐसा रशियन कंपनी ने एक निवेदन में स्पष्ट किया है।

पिछले कुछ सालों से ‘वैग्नर ग्रूप’ रशिया और यूक्रेन के साथ अफ्रीका एवं लैटिन अमरिकी देशों में सक्रीय होता दिख रहा है। लीबिया और सुड़ान के अलावा माली, सेंट्रल अफ्रीकी रिपब्लिक एवं सीरिया में रशियन कंपनी ने हज़ारों निजी सैनिकों की तैनाती की है। यूरोपिय महासंघ, ब्रिटेन, जापान, ऑस्ट्रेलिया और कनाड़ा ने भी ‘वैग्नर ग्रूप’ के खिलाफ प्रतिबंध लगाए हैं। वैग्नर ग्रूप के पास लगभग ५० हज़ार प्रशिक्षित सैनिक हैं और इनमें रशिया के अलावा अन्य देशों के सैनिकों का भी समावेश होने का दावा अमरीका ने किया है।

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