रशिया विरोधी ‘काउंटर ऑफेन्सिव’ के मुद्दे को लेकर यूक्रेन के नेतृत्व में मतभेद – अमरिकी पत्रिका का दावा

वॉशिंग्टन/किव – जून महीने में रशिया के विरोध में शुरू किए ‘काउंटर ऑफेन्सिव’ को लेकर यूक्रेन के नेतृत्व के बीच मतभेद निर्माण हुए हैं। राष्ट्राध्यक्ष वोलोदिमीर झेलेन्स्की के करीबी अधिकारियों ने ‘काउंटर ऑफेन्सिव’ रोककर इस अभियान का प्लान नए से बनाने के मुद्दे पर जोर दिया है। वहीं, सेना अधिकारियों ने रशिया विरोधी जवाबी हमलों का यह अभियान जैसा हैं वैसा ही आगे बढ़ाने पर बड़ा जोर दिया है। इन मतभेदों के कारण अगले कुछ ही हफ्तों में यूक्रेन को अंदरुनि स्तर पर कुछ झटके लगने की संभावना अमरिकी पत्रिका ने जताई है।

रशिया विरोधी ‘काउंटर ऑफेन्सिव’ के मुद्दे को लेकर यूक्रेन के नेतृत्व में मतभेद - अमरिकी पत्रिका का दावायूक्रेन ने ‘काउंटर ऑफेन्सिव’ शुरू करके दो महीनों से भी अधिक समय बीत चुका हैं। लेकिन, इस दौरान यूक्रेन कुछ गांव और कुछ किलोमीटर के क्षेत्र के अलावा ज्यादा कुछ हासिल नहीं कर सका है। रशिया ने बनाए मज़बूत बचाव में दरार बनाना भी यूक्रेन को आज तक मुमकीन नहीं हुआ है। यूक्रेन हर रोज़ आगे बढ़ने का दावा कर रहा है, फिर भी इसके लिए भारी मात्रा में जान और हथियारों का नुकसान उठाना पड़ रहा हैं। साथ ही कुछ हिस्सों में रशिया ने भी जवाबी हमलें शुरू किए हैं और इससे यूक्रेन को हो रही आपूर्ति और अन्य मुद्दों पर असर होता दिख रहा हैं।

इसी बीच अमरीका और पश्चिमियों से हो रही हथियारों की आपूर्ति धीमी हुई है। यूक्रेन को ‘एफ-१६’ जैसें लड़ाकू विमान एवं उन्नत मिसाइल प्राप्त होने की संभावना भी खत्म हुई हैं। इस कारण से मौजूदा उपलब्ध हथियारों की सहायता से रशिया को झटका देकर बड़ी जीत हासिल करना मुमकीन नहीं होगा, ऐसा विचार यूक्रेन के दायरे में ही व्यक्त किया जा रहा है। राष्ट्राध्यक्ष झेलेन्स्की के करीबी लोगों ने सेना के दावों पर सवाल करना शुरू किया है। सेना ने ‘काउंटर ऑफेन्सिव’ को लेकर काफी बड़ी उम्मीद और प्रभावी चित्र दिखाया है। रशिया विरोधी ‘काउंटर ऑफेन्सिव’ के मुद्दे को लेकर यूक्रेन के नेतृत्व में मतभेद - अमरिकी पत्रिका का दावालेकिन, वास्तव में इसके अनुसार होता दिख नहीं रहा है, ऐसी नाराज़गी झेलेन्स्की के करीबी अधिकारी व्यक्त कर रहे हैं।

लेकिन, दूसरी ओर सेना अधिकारियों ने आक्रामक भूमिका अपनाई है। ‘काउंटर ऑफेन्सिव’ को लेकर पुख्ता ‘टाईम लाईन’ देना मुमकीन नहीं हैं और रशिया की ताकत पर गौर करें तो मौजूदा बनाई बढ़त को देखना होगा, ऐसा दावा सेना कर रही हैं। रशिया की क्षमता को नुकसान पहुंचा कर इसे कम करने का इरादा हैं और इसमें अच्छी कामयाबी हासिल हो रही हैं, ऐसा सेना अधिकारियों का कहना हैं।

इस मुद्दे को लेकर पश्चिमी देशों ने राष्ट्राध्यक्ष झेलेन्स्की के करीबी लोगों की भूमिका का समर्थन किया है। ‘काउंटर ऑफेन्सिव’ को उम्मीद के अनुसार कामयाबी हासिल ना होने से पश्चिमी देशों में पहले से बेचैनी फैली हैं। इसी स्थिति में यूक्रेनी हुकूमत पर दबाव बनाने की गतिविधियां भी शुरू हुई हैं। इस पृष्ठभूमि पर यूक्रेन के अंदरुनि मतभेद सामने आए तो रशिया इसका लाभ उठाएगी, ऐसा दावा विश्लेषक कर रहे हैं।

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