यूरोपिय देशों में महंगाई, नाटो और यूक्रेन युद्ध विरोधी तीव्र प्रदर्शन – ब्रिटेन, फ्रान्स, जर्मनी के हज़ारों नागरिक सड़कों पर उतर आए

पैरिस/बर्लिन/लंदन – रशिया-यूक्रेन युद्ध को शुरू हुए एक साल पूरा हो चुका है और इसी बीच यूरोपिय जनता का समर्थन भी धीरे-धीरे कम होने के संकेत मिल रहे हैं। यूरोपियन नेता और माध्यम रशिया के हारने तक यूक्रेन के पक्ष में रहने की गवाही दे रहे हैं। लेकिन, यूरोपिय जनता यूक्रेन युद्ध से तंग आ गई है। रशिया-यूक्रेन युद्ध की वजह से ईंधन और महंगाई में उछाल, बिजली की किल्लत और आर्थिक मंदी के आगाज की वजह से यूरोपिय देशों में जनता बड़ी बेबस हो गई है और बड़ी पैमाने पर युद्ध का विरोध करने लगी है। यूरोप के प्रमुख देश ब्रिटेन, फ्रान्स, जर्मनी, इटली और बेल्जियम में युद्ध और युद्ध की प्रायोजक नाटो विरोधी प्रदर्शन कर रहे हैं।

कुछ दिन पहले जर्मनी के म्युनिक शहर में आयोजित सुरक्षा परिषद की बैठक की पृष्ठभूमि पर जर्मनी के कुछ शहरों में यूक्रेन युद्ध विरोधी प्रदर्शनों का आयोजन हुआ था। इसके बाद यह प्रदर्शन यूरोप के अन्य देशों में फैलने लगे हैं और पिछले कुछ दिनों में फ्रान्स, बेल्जियम, पुर्तुगाल, इटली और ब्रिटेन के विभिन्न शहरों में प्रदर्शनों का आयोजन शुरू हुआ है। ब्रिटेन, फ्रान्स और जर्मनी यूक्रेन को हथियारों की आपुर्ति करने वाले नाटो के प्रमुख देश हैं। यूक्रेन को शस्त्र सहायता करने के मुद्दे पर इन देशों की भूमिका और लिए गए निर्णय यूरोपिय देशों के लिए निर्णायक साबित हुए थे। इसकी वजह से इन देशों में होने वाले प्रदर्शन ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।

शनिवार को जर्मनी की राजधानी बर्लिन में आयोजित प्रदर्शनों में १० हज़ार से अधिक लोग शामिल होने का दावा स्थानीय गुटों ने किया। जर्मनी से प्रदान हो रहे हथियारों की वजह से हररोज़ हज़ारों मारे जा रहे हैं और विश्व तीसरे विश्व युद्ध की ओर बढता जा रहा है, ऐसा आरोप इन प्रदर्शनकारियों ने लगाया। ‘निशिएट, नॉट एक्सलेट’ और ‘नॉट अवर वॉर’ के बोर्ड भी इन प्रदर्शनों में दिखाए गए।

रविवार को फ्रान्स की राजधानी पैरिस एवं ब्रिटेन की राजधानी लंदन में भारी मात्रा में प्रदर्शन हुए। फ्रान्स की राजधानी पैरिस समेत देश के ३० विभिन्न शहरों में प्रदर्शन होने की जानकारी सूत्रों ने प्रदान की। फ्रान्स के प्रदर्शनों में यूक्रेन युद्ध के अलावा फ्रान्स की नाटो सदस्यता का विरोध दर्शाने वाले बोर्ड लगाए गए एवं नारे भी लगाए गए। राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन के कारोबार पर नाराज़ गुट भी इन प्रदर्शनों में उतरे थे। ‘मैक्रॉन गेट आऊट’ के नारे लगाने के साथ ही प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान नाटो और यूरोपिय महासंघ के झंड़ों को कालिख लगाई।

ब्रिटेन की राजधानी लंदन में आयोजित प्रदर्शनों में लगभग पांच हज़ार लोग शामिल होने की जानकारी प्राप्त हुई है। इसमें ‘पीस, नॉट वॉर’ के बोर्ड भारी संख्या में दिखाई देने की बात सूत्रों ने कही है। बेल्जियम की राजधानी ब्रुसेल्स, पुर्तुगाल एवं इटली में भी यूक्रेन युद्ध विरोधी प्रदर्शन होने की जानकारी माध्यमों ने प्रदान की है।

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