अगले कुछ दिनों में पूर्व रशिया के साथ आग्नेय एशियाई देशों में तीव्र भूकंप महसूस होगा – तुर्की भूकंप का अनुमान व्यक्त करने वाले डच वैज्ञानिक की चेतावनी

एमस्टरडम – पिछले महीने तुर्की और सीरिया में हुए प्रलयंकारी भूकंप का कुछ दिन पहले अनुमान जतानेवाले डच वैज्ञानिक फ्रैंक हूगरबीटस्‌ ने नई चेतावनी जारी की है। २ से ७ मार्च के दौरान धरती पर बड़े भूकंप का झटका महसूस हो सकता हैं, ऐसा हूगरबीटस्‌ ने इस चेतावनी में कहा है। ‘रशिया के अति पूर्व के कैमचौटका प्रांत, कुरिल आयलैण्डस्‌ के हिस्से से आग्नेय एशिया के फिलिपाईन्स एवं इंडोनेशिया इन देशों को भूकंप के तीव्र झटके महसूस हो सकते हैं। यह अतिशयोक्ती नहीं हैं या ड़राने की कोशिश भी नहीं हैं, बल्कि यह एक चेतावनी हैं’, ऐसा खुलासा भी हूगरबीटस्‌ ने किया।

‘सोलर सिस्टिम जॉमेट्री सर्वे’ नामक संस्था में अनुसंधान कर रहे हूगरबीटस्‌ ने ३ फ़रवरी को सोशल मीडिया पर पोस्ट करके यह चेतावनी दी थी कि, तुर्की, सीरिया, लेबनान, जॉर्डन के क्षेत्र में ७.५ रिश्टर स्केल और उससे अधिक क्षमता के भूकंप के झटके महसूस होंगे। तुर्की समेत अन्य कुछ प्रमुख देशों के वैज्ञानिक एवं संस्थाओं ने यह चेतावनी ठुकराई थी। लेकिन, ६ फ़रवरी को तुर्की और सीरिया में ७.८ रिश्टर स्केल तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस हुए। इसके बाद हूगरबीटस्‌ की चेतावनी को सभी लोग गंभीरता से देखने लगे।

हूगरबीटस्‌ ने यह कहा था कि, हम अंतरिक्ष के ग्रह-तारों की स्थिति का अभ्यास करके इसके अनुसार अनुमान व्यक्त करते हैं। २८ फ़रवरी को उन्होंने सोशल मीडिया  पर नए भूकंप का अनुमान जतानेवाली पोस्ट की हैं। इस पोस्ट में सोशल मीडिया के वीडियो का समावेश हैं और २ से ७ मार्च के दौरान ग्रह-तारों की स्थिति और भूकंप की संभावना की जानकारी इससे प्रदान हुई है। डच वैज्ञानिक ने साझा की हुई जानकारी के अनुसार वर्णित समय में ८ रिश्टर स्केल से अधिक तीव्रता का भूकंप होने की संभावना हैं। भूकंप का झटका रशिया के कैमचैटका प्रांत, कुरिल आयलैण्डस्‌ के हिस्से से आग्नेय एशिया के फिलिपाईन्स एवं इंडोनेशिया के इलाके में महसूस हो सकता है, ऐसा हूगरबीटस्‌ ने आगाह करते हुए कहा है। रशिया की एकेडमी ऑफ सायन्सेस की वैज्ञानिक डैनिला चेब्रोव ने डच वैज्ञानिक की यह चेतावनी ठुकराई हैं। चेब्रोव ने हूगरबीटस्‌ के अनुमान पर सवाल किए हैं और उनकी आलोचना करते हुए यहा कहा है कि, वह शौकिया शोधकर्ता हैं।

सौर मंड़ल के ग्रह-तारों की स्थिति और उनकी गति एवं धरती के भूकंप का संबंध काफी कमज़ोर है और इसका अनुमान के लिए इस्तेमाल करना मुश्किलों में फंसा सकता हैं, ऐसा इशारा रशियन वैज्ञानिक ने दिया है।

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