विदेशमंत्री जयशंकर ने किया पाकिस्तान एवं चीन को आगाह

निकोसिया – ’आतंकवाद का इस्तेमाल करके भारत को बातचीत के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। भारत को सभी देशों के साथ उत्तम संबंध बनाए रखने हैं। लेकिन भारत आतंकवाद को सामान्य बात करने के प्रयासों को बर्दाश्त नहीं करेगा। पडोसी देशों के साथ उत्तम संबंध रखने का मतलब आतंकवाद को नज़रअंदाज़ करना नहीं होता।’ ऐसे दमदार शब्दों में विदेशमंत्री एस. जयशंकर ने भारत की भूमिका स्पष्ट की।

भारत के चीन के साथ संबंध सामान्य नहीं हैं. ऐसा जयशंकर ने स्पष्ट किया। कोरोना के संक्रमण के दौरान भारत की सीमा पर चुनौती दी गई थी। पर ताकत का इस्तेमाल करके एलएसी पर स्थास्थिति बदलने की कोश्श भारत कभी भी बर्दाश्त नहीं करेगा, ऐसा विदेशमंत्री ने दृढतापूर्वक कहा। इसके ज़रिए भारत एवं चीन के तनावपूर्ण संबंधों को चीन की गतिविधियां जिम्मेदार होने का अहसास कराया गया।

इस दौरान, विदेशमंत्री जयशंकर के इस सायप्रस दौरे में भारत और सायप्रस के बीच तीन सहयोग समझौते सम्पन्न हुए हैं। इनमें संरक्षण विषयक मुहिमों के बारे में सहयोग, स्थलांतरित और उनके वैध स्थानांतरण के बारे में सहयोग तथा इंटरनैशनल सोलर अलायन्स के बारे में समझौतों का समावेश है। भारत और सायप्रस में राजनितिक संबंध प्रस्थापित हुए 60 वर्ष पूरे हुए हैं और दोनों राष्ट्र आनेवाले समय में अपने सहयोग अधिक व्यापक करने के लिए उत्सुक होने की बात विदेशमंत्री जयशंकर के इस दौरे में स्पष्ट हुई है।

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