रशिया ने यूक्रेन पर हमले की वजह से तीसरा विश्‍वयुद्ध छिड़ेगा – नामांकित निवेशक जॉर्ज सोरस का इशारा

डावोस – यूक्रेन के युद्ध का दायरा बढ़ा तो इससे तीसरा विश्‍वयुद्ध छिड़ सकता है, ऐसी चेतावनी रशिया के विदेशमंत्री सर्जेई लैव्हरोव्ह ने दी थी। रशिया के सिक्युरिटी काऊन्सिल के प्रमुख निकोलाय पत्रुशेव्ह ने भी तीसरे विश्‍वयुद्ध का खतरा बढ़ने का इशारा पश्‍चिमी देशों को दिया था। लेकिन, अब धनिक निवेशक के तौर पर जाने जा रहे जॉर्ज सोरस ने भी इशारा दिया है कि, यूक्रेन पर रशिया का हमला तीसरे विश्‍वयुद्ध का आरंभ हो सकता है। इसके साथ ही इस युद्ध की वजह से मानवीय सभ्यता नष्ट होने का खतरा है, ऐसी चिंता भी सोरोस ने व्यक्त की।

स्वित्ज़र्लैण्ड के डावोस में ‘वर्ल्ड इकॉनॉमिक फोरम’ की बैठक में बोलते समय जॉर्ज सोरोस ने तीसरे विश्‍वयुद्ध का खतरा रेखांकित किया। यूक्रेन पर रशिया के हमले की वजह से यूरोप का महाद्विप जड़ तक दहल गया है। इस वजह से इस युद्ध को रोकने के लिए अपने सभी स्रोत पूरी तरह से इस्तेमाल करने की तैयारी करनी होगी। मानवी सभ्यता की रक्षा करनी है तो जल्द से जल्द रशियन राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन को हराना ज़रूरी है। इसके लिए यूक्रेन को अमरीका और यूरोपिय देशों के सैन्य और आर्थिक सहायता की सोरोस ने सराहना की। लेकिन, यूरोपिय देशों की रशियन र्इंधन पर निर्भरता काफी बड़ी समस्या है, ऐसा अफसोस सोरोस ने अपने इस भाषण में व्यक्त किया।

जर्मनी की पूर्व चान्सलर एंजेला मर्केल ने जर्मनी और रशिया के बीच र्इंधन पाईपलाइन जोड़कर रशिया के साथ विशेष समझौता किया था। इससे यूरोपिय देशों की रशियन र्इंधन पर निर्भरता बढ़ी है, ऐसा कहकर सोरोस ने इसके लिए मर्केल की आलोचना की। रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन चालाक हैं और वे यूरोपिय देशों को ब्लैकमेल कर रहे हैं। यूरोपिय देशों की र्इंधन आपूर्ति रोकने की धमकियां देकर उसके भयंकर परिणाम भुगतने पड़ेंगे, ऐसा पुतिन यूरोपिय देशों को धमका रहे हैं। रशिया ने यूरोप की र्इंधन आपूर्ति रोकी तो इससे अधिक भीषण परिणाम होंगे, यह यूरोपिय देशों को समझाने में पुतिन सफल हुए हैं, यह दावा जॉर्ज सोरोस ने किया।

रशियन राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने पिछले साल धूर्तता से र्इंधन निर्यात किए बिना, इसका भंड़ारण किया। इससे यूरोप में र्इंधन की किल्लत निर्माण हुई है। इसका लाभ रशिया को ही मिल रहा है और र्इंधन की बढ़ती कीमतों की वजह से रशिया अधिक पैसे कमा रही है, ऐसा सोरस का कहना है। ऐसी स्थिति में रशिया को घुटने टेकने के लिए मजबूर करना हो तो रशिया के र्इंधन निर्यात पर भारी कर लगाए जाएं, ऐसी सलाह भी सोरस ने यूरोपिय देशों को दी। इसी बीच, रशिया का यूक्रेन पर हमला कोई अकस्मात घटना नहीं है। रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने इससे पहले चीन के राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग को इसकी जानकारी दी थी, ऐसा कहकर सोरस ने जिनपिंग की भी आलोचना की है। चीन के राष्ट्राध्यक्ष ने कोरोना की महामारी पर टीके प्रभावी नहीं है, यह डर्टी सीक्रेट चीनी जनता को मालूम नहीं होने दिया, यह आरोप सोरस ने लागाय है।

रशिया और चीन के राष्ट्राध्यक्षों के बीच काफी समानता है और यह दोनों नेता आतंक फैलाकर कारोबार करते हैं, ऐसा सोरस ने कहा। राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग की ‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी’ की वजह से चीनी अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड रहा है और विश्‍व में दूसरे स्थान की अर्थव्यवस्था टूट रही है। इससे वैश्‍विक सप्लाई चेन भी टूटेगी और इससे महंगाई बढने से वैश्‍विक मंदी का खतरा बढ़ा है, यह इशारा जॉर्ज सोरोस ने दिया।

इसी बीच, सोरस रशियन राष्ट्राध्यक्ष पुतिन के कड़े आलोचक हैं। लोकतंत्र और उदारता की नीति का पुरस्कार उनकी पहचान है। लेकिन, अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके जॉर्ज सोरस दूसरे देश में हस्तक्षेप कर रहे हैं, ऐसे गंभीर आरोप कुछ यूरोपिय देशों द्वारा लगाए गए थे। हंगरी सरकार ने तो ‘स्टॉप सोरस लॉ’ नामक कानून अपनी संसद में पारित किया था। हंगरी में घुसपैठ कर रहे शरणार्थियों की सहायता करनेवाला व्यक्ति और गुटों को रोकने के लिए यह कानून बनाया गया था। इससे यूरोपिय देशों में जॉर्ज सोरोस को लेकर विरोधि भूमिका अपनाई हुई दिख रही है।

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