ईरानी हुकूमत का असली चेहरा प्रदर्शनों से सामने आया – इस्रायल के भावी प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू

जेरूसलम – ‘पश्चिमी देश और ईरान के परमाणु समझौते की चर्चा का हुआ अन्त, इसका श्रेय ईरान की जनता को देना होगा क्योंकि, अधिकारों के लिए प्रदर्शन कर रही अपनी ही जनता पर क्रूर कार्रवाई कर रही ईरानी हुकूमत का असली चेहरा आज विश्व के सामने आया है’, ऐसी तीखी आलोचना इस्रायल के नियुक्त प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने की। स्पष्ट ज़िक्र ना किया हो, फिर भी ईरान में प्रदर्शन शुरू होने तक परमाणु समझौते के लिए बातचीत करता रहा अमरीका के बायडेन प्रशासन पर भी नेत्यान्याहू ने निशाना साधा हुआ दिख रहा है।

अगले कुछ दिनों में बेंजामिन नेत्यान्याहू इस्रायल के इतिहास की सबसे प्रखर विचारधारा की सरकार गठित कर रहे हैं। नेत्यान्याहू की नवगठित सरकार कुछ मुद्दों पर काफी सख्त भूमिका अपनाएगी, यह दावा किया जा रहा है। इसमें ईरान के परमाणु कार्यक्रम, सीरिया में ईरान की हरकते और वेस्ट बैंक संबंधी मुद्दों का समावेश है, ऐसा अंतरराष्ट्रीय माध्यमों का कहना है। अमरिकी समाचार चैनल को दिए गए साक्षात्कार के दौरान नेत्यान्याहू ने ईरान संबंधी अपनी भूमिका के संकेत दिए हैं।

अमरीका और यूरोपिय देशों ने परमाणु समझौते की ईरान के साथ शुरू की हुई चर्चा का अन्त हुआ, ऐसा नेत्यान्याहू ने कहा। ‘ईरान की सड़कों पर उतरकर, कपटी, खूनी और क्रूर हुकूमत के खिलाफ प्रदर्शन कर रही ईरान के विलक्षण साहसी पुरुष और महिलाओं का शुक्रिया अदा करना पडेगा। क्या आप अमरीका के विनाश के नारे लगाने वाले, सर्वसंहारक हथियार और विश्व के किसी भी कोने में हमला करने की क्षमता वाले बैलेस्टिक मिसाइलों के निर्माण की कोशिश करने वाले ईरान के आयातुल्ला की हुकूमत चाहते हैं? ऐसे सवाल ईरानी जनता ने खुद से पूछा और इसी कारण प्रदर्शन शुरू हुए’, यह दावा नेत्यान्याहू ने किया।

‘इन प्रदर्शनों की वजह से ईरान की हुकूमत काफी कमज़ोर है, यह बात स्पष्ट हुई है। सिर्फ खून की धमकियां देकर हुकूमत नहीं की जा सकती, ऐसा विचार ईरानी नेता रखते थे। लेकिन, वहां की जनता ने हुकूमत के खिलाफ प्रदर्शन करके अपना निर्धार जताया है’, ऐसा नेत्यान्याहू ने इस्रायल में कहा। इसके लिए कतार में आयोजित फुटबॉल वर्ल्ड कप प्रतियोगिता का दाखिला भी नेत्यान्याहू ने दिया। पहले मुकाबले में ईरानी टीम ने राष्ट्रगीत गाने से किए गए इन्कार को पुरे विश्व ने देखा। अपना देश ठगों के कब्ज़े में होने की बात की ईरानी टीम को खात्री हुई, इसकी वजह से ईरानी टीम ने ऐसा दर्शाया, इसकी याद भी नेत्यान्याहू ने दिलाई। साथ ही यह प्रदर्शन ऐसे ही जारी रहे तो ईरान की हुकूमत परेशान होगी, यह दावा इस्रयाल के भावी प्रधानमंत्री ने किया।

इसी साक्षात्कार के दौरान अमरिका और ईरान ने सन २०१५ के परमाणु समझौते पर नेत्यान्याहू ने अपने विचार रखे। अमरीका के भूतपूर्व राष्ट्राध्यक्ष बराक ओबामा ने ईरान के साथ किए परमाणु समझौते खिलाफ होने का निर्णय, तब काफी कठिन बात थी। लेकिन, इस्रायल के हित के लिए हमें वह निर्णय लेना पड़ा, ऐसा कहकर आगे भी इस्रायल ऐसे ही निर्णय लेगा, इसके संकेत नेत्यान्याहू ने दिए।

इसी बीच, ढ़ाई महीने पहले अमरीका का बायडेन प्रशासन ईरान के साथ परमाणु समझौता करने के करीब होने का दावा कर रहा था। साथ ही ईरान के साथ जल्द ही परमाणु समझौता होगा, ऐसे ऐलान और दावे बायडेन प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने किए थे। लेकिन, सितंबर के अन्त में ईरान में हिजाब सख्ति के खिलाफ शुरू हुए प्रदर्शनों ने परमाणु समझौते की बातचीत खत्म कर दी है।

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