अफगानिस्तान की समस्या का हल निकालने के लिए पाकिस्तान को अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष का प्रस्ताव

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरवॉशिंग्टन/इस्लामाबाद – ‘मात्र दस दिनों में अमरिका अफगानिस्तान का युद्ध जीत सकती है| लेकिन, इसके लिए एक करोड लोगों का संहार करना होगा| मुझे यह करना नही है’, ऐसा विवादित बयान अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रमम्प ने किया है| इस संहार से बचने के लिए पाकिस्तान की सहायता लेने के संकेत ट्रम्प दे रहे है| इस वजह से अगले दिनों में अफगानिस्तान से तालिबान को खतम करने के लिए अमरिका पाकिस्तान को कांट्रैक्ट दे सकती है| वर्तमान दिनों में अमरिका की यह मांग पाकिस्तान ठुकरा नही सकेगा, ऐसा पाकिस्तान के भूतपूर्व राजनयिक अधिकारियों का कहना है|

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इम्रान खान के साथ हुई बैठक के बाद राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने संयुक्त वार्तापरिषद में अफगानिस्तान संबंधी बयान किया| वर्ष २०१७ के अप्रैल महीने में अमरिका ने अफगानिस्तान के आतंकियों पर ‘मदर ऑफ ऑल बम्स’ का इस्तेमाल किया था| इसमें भयंकर संहार हुआ| परमाणु बम के बाद सबसे अधिक संहार करनेवाला शक्तिशाली ‘मदर ऑफ ऑल बम्स’ अमरिका में तैयार है| इस बम का इस्तेमाल करके मात्र दस दिनों में अमरिका का अफगानिस्तान का युद्ध जीतना मुमकिन हो सकता है| लेकिन, इस के लिए एक करोड लोगों की बलि लेनी होगी और इससे अफगानिस्तान का अस्तित्व खतम होगा, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने कहा है| लेकिन, हम ऐसा निर्णय नही करेंगे, यह कहकर राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने के लिए अलग रास्ते का इस्तेमाल करने के संकेत दिए|

इसके बाद ट्रम्प ने पाकिस्तान में काफी बडी क्षमता है, यह प्रशंसा की| इस क्षमता का इस्तेमाल करके पाकिस्तान अमरिका की सहायता कर सकता है| और इससे अफगानिस्तान में शांति स्थापित हो सकेगी, यह विश्‍वास अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने व्यक्त किया| अलग शब्दों में पाकिस्तान ने तालिबान को बातचीत के लिए तैयार करें, यह बात भी ट्रम्प सूचित कर रहे है| इससे पहले भी अमरिका ने तालिबान को बातचीत के लिए तैयार करने पाकिस्तान पर दबाव बनाया था| लेकिन, इस बार ‘मर ऑफ ऑल बम्स’ का प्रयोग करने की संभावना व्यक्त करके अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने इस समस्या की तीव्रता की ओर पाकिस्तान का ध्यान आकर्षित करने की प्रभावी कोशिश की है|

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इम्रान खान की अमरिका यात्रा के दौरान उनके साथ पाकिस्तान के सेनाप्रमुख और ‘आईएसआई’ के प्रमुख भी मौजूद है| इस वजह से इस यात्रा में अफगान मुद्दे पर लंबी बातचीत होने की उम्मीद है, ऐसा पाकिस्तान के विश्‍लेषक कह रहे है| तालिबान को बातचीत के लिए तैयार करने की जिम्मेदारी अमरिका पाकिस्तान पर थोंप रही है| लेकिन, पाकिस्तान का तालिबान पर बने प्रभाव में कमी हो रही है| पहले ९० के दशक में भी पाकिस्तान तालिबान पर पूरी तरह नियंत्रण रख नही सका था| अब की स्थिति काफी अलग है और पाकिस्तान तालिबान को अमरिका के साथ बातचीत करने के लिए विवश नही कर सकता, ऐसा पाकिस्तान के भूतपूर्व राजनयिक अधिकारी झफर हिलाली ने कहा है|

इसी लिए अगले दिनों में तालिबान को खतम करने का काम अमरिका पाकिस्तान के हाथ दे सकती है| फिलहाल वैश्‍विक बैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष और ‘फायनान्शिअल एक्शन टास्क फोर्स’ (एफएटीएफ) के माध्यम से अमरिका पाकिस्तान पर दबाव बना रही है| आर्थिक संकट में फंसे पाकिस्तान के सामने अमरिका की यह मांग स्वीकारने के अलवा अन्य कोई विकल्प नही है| इसी लिए अगले दिनों में पाकिस्तान को अफगानिस्तान में तालिबान का खातमा करना होगा, ऐसा हिलाली ने एक समाचार चैनल पर हुई बातचीत के दौरान कहा था| साथ ही अफगानिस्तान में मौजूद तालिबान पाकिस्तान की सुरक्षा के लिए भी खतरनाक साबित हो सकता है, इस ओर हिलाली ने ध्यान आकर्षित किया है|

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