प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष के साथ चर्चा – पौने घंटे की चर्चा में बायडेन द्वारा सहायता का आश्‍वासन

वॉशिंग्टन – भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन की चर्चा संपन्न हुई। लगभग पौने घंटे तक फोन पर चली इस चर्चा में राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने, कोरोना की महामारी रोकने के लिए भारत को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। अमरीका में कोरोना की महामारी जब ज़ोरों पर थी, तब भारत ने अमरीका को आवश्यक सहायता की थी। अब अमरीका भारत के साथ खड़ी रहनेवाली है, ऐसा यकीन राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने दिलाया। अमरीका के विदेश मंत्रालय ने और रक्षा मंत्रालय ने भी घोषित किया है कि भारत को शीघ्रता से सहायता की आपूर्ति करने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास शुरू हुए हैं। कोरोना के टीके के निर्माण के लिए आवश्यक रॉ मैटेरियल की सप्लाई करने से इन्कार करनेवाले बायडेन की भूमिका में हुआ यह बदलाव गौरतलब साबित होता है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल की, अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के साथ हुई चर्चा के बाद यह बदलाव हुआ, ऐसी चर्चा सोशल मीडिया में शुरू हुई है।

सहायता

अमरीका के लोकप्रतिनिधी, अमरिकी उद्योगक्षेत्र, राजनयिक और विश्‍लेषकों ने, भारत को कोरोना के टीके के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करने से इन्कार करनेवाले बायडेन के प्रशासन को खरी खरी सुनाई थी। अमरीका स्थित अनिवासी भारतीयों ने भी बायडेन प्रशासन पर दबाव बढ़ाया था। इससे बायडेन प्रशासन पर चारों ओर से आलोचना शुरू हुई थी। इसके बावजूद भी भारत से सहयोग करने का फैसला टालने की कोशिश बायडेन प्रशासन ने करके देखी, ऐसे दावे किए जा रहे थे। लेकिन भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल की, अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॅक सुलिवन के साथ चर्चा संपन्न हुई। इस चर्चा में डोवल ने अमरीका को यह एहसास करा दिया कि अगर अमरीका ने भारत की सहायता नहीं की, तो भारत भी इसके आगे अमरीका से सहयोग नहीं करेगा, ऐसे दावे सोशल मीडिया में जारी हुए हैं।

कोरोना प्रतिबंधक टीकों के निर्माण के लिए आवश्यक रॉ मटेरियल के लिए भारत अमरीका पर निर्भर है, यह सच बात है। लेकिन उसी समय अमरीका का फार्मा क्षेत्र भी भारत से निर्यात किए जाने वाले रॉ मटेरियल पर निर्भर है। अगर भारत ने इसकी सप्लाई रोकी, तो अमरिकी फार्मा कंपनियों के तोते उड़ जायेंगे, इसका एहसास डोवल ने सुलिवन को करा दिया होने की बात सोशल मीडिया में कुछ लोगों ने की है। अधिकृत स्तर पर अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन बायडेन प्रशासन के असहयोग के स्थान पर अब संपूर्ण सहयोग दिख रहा हो कर, यह थोड़ी-बहुत चौका देनेवाली बात साबित होती है। ख़ासकर यह सहायता प्रदान करने के लिए अमरीका दिखा रही तत्परता गौरतलब है।

अमरीका का रक्षा मुख्यालय होनेवाले पेंटागन ने, कोरोना की महामारी रोकने के लिए भारत को युद्ध स्तर पर सहायता प्रदान करने की तैयारी की है। आनेवाले कुछ दिनों में भारत को आवश्यक रहनेवाली सप्लाई अमेरिका करनेवाली है और उसके वहन की ज़िम्मेदारी भी वही निभाएगी, ऐसा पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किरबाय ने कहा है। अमरीका भारत के साथ होनेवाले अपने सहयोग को बहुत बड़ी अहमियत देती है और संकट के दौर में भारतीय जनता तक यह सहायता तेज़ी से पहुँचाने के लिए प्रयास किए जाएँगे, ऐसा दावा किरबाय ने किया। अमरीका के विदेश मंत्रालय ने भी, अपना देश भारत को आवश्यक होनेवालीं चीज़ों की अखंडित रूप में सप्लाई हो, इसके लिए उत्तरदाई है ऐसा कहा है। बायडेन प्रशासन ने किए इस फैसले से दोनों देशों के संबंध अधिक ही दृढ़ होंगे, ऐसा भरोसा जताया जा रहा है।

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