पाकिस्तान अफगानिस्तान की शांति प्रक्रिया की गारंटी नहीं देगा – पाकिस्तानी लष्कर के अधिकारी का दावा

इस्लामाबाद – ‘ अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया पाकिस्तान ने शुरू करा दी। लेकिन अफगानिस्तान की इस शांति प्रक्रिया की गारंटी पाकिस्तान नहीं दे सकता’, ऐसा घोषित करके इस देश में फिर एक बार अपने असली रंग दिखा दिए। पाकिस्तानी लष्कर के ‘डायरेक्टर जनरल इंटर सर्व्हिसेस पब्लिक रिलेशन्स’ (डीजीआयएसपीआर) के मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने यह चेतावनी दी है। उनकी यह चेतावनी प्रकाशित होने से पहले अमेरिका के विदेश मंत्री ब्लिंकन ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री कुरेशी के साथ फोन पर चर्चा की। इसमें अफगानिस्तान का मुद्दा था और इस मुद्दे को लेकर ब्लिंकन ने पाकिस्तान को कड़े शब्दों में खरी खरी सुनाने की चर्चा शुरू हुई है। उसके कुछ ही घंटे बाद पाकिस्तान ने अफगानिस्तान की शांति प्रक्रिया की ‘गारंटी’ देने से इन्कार किया, यह गौरतलब बात साबित होती है।

अफगानिस्तान के लष्कर के साथ जारी संघर्ष में तालिबान बढ़त ले रहा होकर, इस देश के लगभग ८५ प्रतिशत भूभाग पर उसने कब्ज़ा किया होने का दावा तालिबान कर रहा है। अफगानिस्तान कब तालिबान के हाथ में जाता है, इसकी कई साल से प्रतीक्षा पाकिस्तान कर रहा था। लेकिन तालिबान अफ़गानिस्तान में कर रहे रक्तपात की ज़िम्मेदारी अब ठेंठ पाकिस्तान पर आ रही है। क्योंकि पाकिस्तान का समर्थन और सहयोग के बिना तालिबान युद्ध में टिक नहीं सकेगा, ऐसा अफगानिस्तान का आरोप है। अफगानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष अश्रफ गनी ने, तालिबान से सहयोग करनेवाले पाकिस्तान को ठेंठ शब्दों में चेतावनी दी थी। साथ ही, अफगानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष गनी और उपराष्ट्राध्यक्ष सालेह ने अमरीका का दौरा करके पाकिस्तान के इन कारनामों की सारी जानकारी अमरीका को प्रदान की बताई जाती है। 

अफगानिस्तान में तालिबान की गतिविधियों पर नियंत्रण रखने के लिए अमरीका ने पाकिस्तान के पास लष्करी अड्डों की माँग की थी। लेकिन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने सार्वजनिक रूप में उससे इन्कार किया। इस प्रकार अमरीका से किये इन्कार को सार्वजनिक करके पाकिस्तान के प्रधानमंत्री भले ही स्वाभिमान दिखा रहे हैं, फिर भी उसके भयंकर परिणाम जल्द ही देश को भुगतने पड़ेंगे, ऐसी चिंता पाकिस्तान के विश्लेषक और पत्रकार ज़ाहिर कर रहे हैं। अमरीका के विदेश मंत्री ब्लिंकन ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री को फोन करके उसी का एहसास कराया दिख रहा है।

इस चर्चा में विदेश मंत्री ब्लिंकन में ने, अफगानिस्तान में चल रहे हिंसाचार के लिए पाकिस्तान तालिबान की सहायता ना करें, यह जताया होने की माध्यमों में चर्चा है। लेकिन इस चर्चा की खबर के बाद पाकिस्तानी लष्कर के ‘डीजीआयएसपीआर’ जनरल मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने अफगानिस्तान के बारे में गौरतलब बयान किया। पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया शुरू करा दी, लेकिन उसकी गारंटी पाकिस्तान नहीं दे सकता, ऐसा मेजर जनरल इफ्तिखार ने कहा है।

अंतरराष्ट्रीय ख्याति के विश्लेषक, पाकिस्तान अफगानिस्तान में कभी भी शांति स्थापित नहीं होने देगा, ऐसे दावे करते आए हैं। अफगानिस्तान में स्थिरता स्थापित होने के बाद पाकिस्तान में अस्थिरता मच जाएगी, ऐसी चिंता इस देश को सता रही है। इसीलिए तालिबान का इस्तेमाल करके, जितनी हो सके उतनी मात्रा में पाकिस्तान अफगानिस्तान में अस्थिरता मचाना चाहता है। इसी कारण पाकिस्तान अफगानिस्तान की शांति प्रक्रिया की गारंटी देने के लिए तैयार नहीं है। इसकी ज़िम्मेदारी नकारकर पाकिस्तान यही बात जगज़ाहिर कर रहा है कि इसके आगे अफगानिस्तान में जो कुछ होगा, उससे अपना संबंध नहीं है।

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