पाकिस्तान ‘गिलगित-बाल्टिस्तान’ को अंतरिम प्रांत घोषित करने की तैयारी में

नई दिल्ली/इस्लामाबाद – पाकिस्तान ने भारत के कश्‍मीर के हिस्से में स्थित गिलगित-बाल्टिस्तान को अपना प्रांत घोषित करने की तैयारी जुटाई है। भारत ने धारा-370 को हटाकर जम्मू-कश्‍मीर का विशेष दर्ज़ा हटाया। इसके बाद भारत के इस निर्णय पर जवाब देने के लिए पाकिस्तान स्थानीय लोगों के विरोध को नजरअंदाज करके यह निर्णय कर रहा है, ऐसा कहा जाता है। भारत सरकार जल्द ही पाकिस्तान ने कब्ज़ा किए कश्‍मीर (पीओके) को प्राप्त करने के लिए आवश्‍यक कदम उठाएगी, यह चिंता पाकिस्तान के पूर्व राजनीतिक अधिकारी और सामरिक विश्‍लेषक व्यक्त कर रहे हैं। इस चिंता से परेशान पाकिस्तान अब ‘पीओके’ समेत गिलगित-बाल्टिस्तान को बचाने के लिए हाथ-पैर मारने की कोशिश में होने की बात इससे सामने आयी है।

भारत में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत अब्दुल बसित ने यह दावा किया है कि, ‘पीओके’ को प्राप्त करने के लिए भारत आक्रामक निर्णय करेगा। ‘पीओके’ के मूल निवासी और फिलहाल विदेशों में बसे लोगों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने की तैयारी भी भारत की सरकार ने की है, यह दावा अब्दुल बसित ने किया। साथ ही भारत ने जम्मू-कश्‍मीर को राज्य का दर्जा बहाल करके इसकी विधानसभा में ‘पीओके’ को प्रतिनिधित्व देने की तैयारी भी जुटाई होने का बयान बसित ने किया। इसके अलावा ‘पीओके’ की जनता की शिकायतें दर्ज़ कराने के लिए भारत सरकार ने जम्मू-कश्‍मीर में प्रशासकीय प्रावधान स्थापित करने की तैयारी भी जुटाई है, ऐसा बसित का कहना है।

इसके साथ ही फ्रान्स जैसे अपने करीबी मित्रदेश जम्मू-कश्‍मीर के श्रीनगर में अपना दूतावास शुरू करें, यह निवेदन भारत आग्रहपूर्वक कर रहा है। भारत के यह कदम पाकिस्तान को दहलानेवाले हैं। जैसे ही भारत इसमें कामयाब होता है तो पाकिस्तान को अपने नियंत्रण का कश्‍मीर यानी ‘पीओके’ को आखिरी बार अलविदा करना पड़ेगा, यह इशारा पाकिस्तान के पूर्व राजदूत ने अपनी सरकार को दिया है। इससे बचना हो तो भारत के उठाए जानेवाले कदमों को ध्यान में रखकर इसके खिलाफ आवश्‍यक प्रावधान करने की शुरूआत अभी से करनी होगी, यह इशारा भी अब्दु बसित ने दिया है। इसके बाद गिलगित-बाल्टिस्तान को अपना अंतरिम प्रांत घोषित करने की प्रक्रिया पाकिस्तान ने गतिमान की है, ऐसी खबरें प्राप्त हुई हैं।

‘कश्‍मीर के मसले पर भारत को रोकने में पाकिस्तान की सरकार पूरी तरह से असफल रही है। भारत को अलग-थलग करने के बजाए कश्‍मीर के मसले को लेकर पाकिस्तान ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग हुआ दिख रहा है’, ऐसी आलोचना पाकिस्तानी माध्यम और विश्‍लेषक कर रहे हैं। इसी बीच पाकिस्तान के विपक्षी नेता प्रधानमंत्री इम्रान खान ने भारत के साथ ‘कश्‍मीर का सौदा’ किया होने का आरोप लगा रहे हैं। ऐसी स्थिति में ‘पीओके’ में होनेवाले चुनावों के मुद्दे पर विवाद खड़ा हुआ है। इस चुनाव में पाकिस्तान की सेना ने इम्रान खान की पार्टी को विजयी करने के लिए धांदली की, यह आरोप बड़े जोरों से लगाया जा रहा है। इस पर इम्रान खान के समर्थक भी नाराज़गी जता रहे हैं और इससे भारत को लाभ होगा, यह चिंता व्यक्त कर रहे हैं। तभी, भारत ने ‘पीओके’ में चुनाव कराने का अधिकार ही पाकिस्तान को नहीं हैं, ऐसा कहकर भारत का यह क्षेत्र पाकिस्तान खाली करे, यह इशारा भी दिया है।

भारत के इस इशारे की गूँज पाकिस्तान में सुनाई पड़ी है। ‘पीओके’ पर कब्ज़ा करने के लिए भारत जल्द ही हमला करेगा, ऐसे दावे भारत का द्वेष कर रहे विश्‍लेषक कर रहे हैं। साथ ही पाकिस्तान के पूर्व राजदूत अब्दुल बसित जैसे कूटनीतिज्ञ यह इशारा देने लगे हैं कि, भारत ‘पीओके’ को पाने के लिए राजनीतिक गतिविधियाँ करके पाकिस्तान की घेराबंदी कर रहा है। इससे सदमें में गई पाकिस्तान की सरकार ‘पीओके’ की जनता पाकिस्तान के खिलाफ और भारत के समर्थन में नारेबाजी कर रही है और गिलगित-बाल्टिस्तान में असंतोष का माहौल होने के बावजूद इस क्षेत्र को अपना अंतरिम प्रांत घोषित करने की बड़ी भूल कर रही है।

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