जापान करेगा ३००० किलोमीटर मारक क्षमता के मिसाइलों का निर्माण – चीन के राष्ट्राध्यक्ष की उत्तर कोरिया के तानाशाह से हुई चर्चा

टोकियो/बीजिंग – आनेवाले समय में जापान पर हमला हुआ तो जापान सीधे शत्रु देश पर जवाबी हमला करने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए जापान ३००० किलोमीटर मारक क्षमता के हायपरसोनिक मिसाइल का निर्माण करेगा। जापान के शीर्ष अखबार ने यह जानकारी साझा की। इसके ज़रिये पिछले सात दशकों से अपनाई हुई रक्षात्मक नीति छोड़कर जापान अब आक्रामक नीति अपना रहा है।

दूसरे विश्व युद्ध के बाद अमरीका और अन्य विजेता देशों के समझौते के बाद जापान ने अपनी रक्षा नीति रक्षात्मक की थी। इसके तहत जापान के रक्षाबलों में मिसाइलों की मारक क्षमता सीमित रखना तय हुआ था। इसके अनुसार जापान की नौसेना के बेड़े में मौजूद ‘टाईप १२’ मिसाइल सबसे अधिक १०० किलोमीटर दूरी तक हमला करने के काबिल है। लेकिन, पिछले कुछ दिनों से पूर्व एशियाई क्षेत्र में बढ़ रहे तनाव की पृष्ठभूमि पर जापान ने रक्षा तैयारी पर ध्यान केंद्रीत किया है।

इसके लिए जापान ने मध्यम दूरी के हायपरसोनिक मिसाइल का निर्माण करने का ऐलान किया था। इनमें से हज़ार किलोमीटर मारक क्षमता के मिसाइल का निर्माण करके २०२६ तक इसकी रुक्यू द्विपों पर तैनात किया जाएगा। इसके अलावा माऊंट फुजी, होन्शू द्वीप पर २००० किलोमीटर मारक क्षमता के मिसाइल तैनात किए जाएंगे, यह जानकारी ‘माईनीशी’ नामक अखबार ने साझा की। सन २०३० तक ३००० किलोमीटर दूरी पर स्थित लक्ष्य को हायपरसोनिक गति से निशाना साधने की क्षमता के मिसाइल उत्तरी ओर के होक्काईदो द्वीप पर तैनात किए जाएंगे, ऐसा इस खबर में कहा है।

जापान के प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा अगले महीने राष्ट्रीय सुरक्षा नीति में बदलाव घोषित करेंगे, यह जानकारी सामने आ रही है। इसके अनुसार जापान पर यदि हमला होता है तो शत्रु देश के सैन्य ठिकाने, कमांड सेंटर एवं अन्य सैन्य ठिकानों पर जवाबी हमले किए जाएँगे। अमरीका के सहयोग से जापान शत्रु देश पर ऐसी कार्रवाई कर सकता है, यह जानकारी जापान के सूत्रों ने स्थानीय वृत्तसंस्थाओं से साझा की। अब तक शत्रुदेश पर या शत्रु के विमान, विध्वंसक पर हमले करने की आज़ादी जापान की सेना को नहीं थी। इसकी वजह से जापान की रक्षा नीति में यह बदलाव ध्यान आकर्षित करता है।

इसी बीच, जापान के माध्यमों में इससे संबंधित जानकारी प्रसिद्ध हो रही थी तब चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जाँग-उन से संपर्क करने की खबर प्राप्त हो रही है। पूर्व एशियाई क्षेत्र में शांति स्थापित करने के लिए उत्तर कोरिया चीन से सहयोग करे, यह आवाहन राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग ने किया है। पिछले कुछ महीनों से जापान, दक्षिण कोरिया और अमरीका की सुरक्षा को चुनौती कर रहे उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षणों पर बयान करना चीन के राष्ट्राध्यक्ष ने टाल दिया था। उत्तर कोरिया पर अपना प्रभाव इस्तेमाल करके चीन इस देश की उकसानेवाली हरकतें रोक नहीं रहा है, ऐसी शिकायत अमरीका ने हाल ही में की थी।

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