ईरान की सेना ने बलप्रयोग किया तो प्रदर्शनों की तीव्रता बढ़ेगी – ईरान के विश्लेषकों की चेतावनी

तेहरान – पिछले तीन हफ्तों से ईरान में हुकूमत के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों में रिवोल्युशनरी गार्डस्‌‍ और ईरान की पुलिस प्रदर्शनकारियों पर सख्त कार्रवाई कर रहे हैं। रिवोल्युशनरी गार्डस्‌‍ ने पहले भी बलप्रयोग करके हुकूमत के खिलाफ प्रदर्शनों को कुचलना चाहा। लेकिन, वर्तमान में प्रदर्शनों को कुचलने के लिए सख्ती की तो विस्फोट होगा, हिंसक प्रदर्शन छिडेंगे, ऐसी चेतावनी ईरान के विश्लेषकों ने दी है। पिछले कुछ दिनों से स्कूल और कॉलेजों के छात्राओं ने छिड़े आक्रामक प्रदर्शनों की पृष्ठभूमि पर इन विश्लेषकों ने ईरान की हुकूमत को ऐसी सलाह दी है।

माहसा अमिनी नामक कुर्द युवती की संदिग्ध मौत के बाद ईरान में छिडे प्रदर्शनों की तीव्रता दिनों दिन बढ़ रही है। पहले कुछ दिन यह प्रदर्शन हिजाब की सख्ती के खिलाफ थे। ईरान का एक गुट इन प्रदर्शनों का नेतृत्व कर रहा था। लेकिन, पिछले कुछ दिनों में इन प्रदर्शनों में ईरान के विभिन्न क्षेत्र के गुट शामिल हुए हैं। इनमें कर्मचारी, कामगार, व्यापारी वर्ग का समावेश था।

लेकिन, पिछले हफ्ते में रिवोल्युशनरी गार्डस्‌‍ ने शरीफ युनिवर्सिटी में घुसकर छात्राओं पर की हुई कार्रवाई के बाद इन प्रदर्शनों का स्वरूप बदला है। अब तक इन प्रदर्शनों से अलिप्त स्कूल और कॉलेजों के छात्र और उनके परिजन भी इन प्रदर्शनों में शामिल हुए हैं। लगभग सात शहरों के युनिवर्सिटी एवं स्कूलों की छात्राओं ने हिजाब का बहिष्कार करके ईरान के सर्वोच्च नेता आयातुल्ला खामेनी के खिलाफ नारे लगाने के वीडियोज्‌‍ सामने आए हैं।

इस पृष्ठभूमि पर ईरान के विश्लेषकों ने खामेनी की हुकूमत को सलाह दी। इससे पहले रिवोल्युशनरी गार्डस्‌‍ की कार्रवाई से ईरान की जनता ड़र रही थी। लेकिन, वर्तमान की कार्रवाई ने ईरानी जनता में हुकूमत के खिलाफ गुस्सा तीव्र हुआ है। इस वजह से ईरान की सरकार बारूद पर कदम रखने जैसी आत्मघाती हरकत ना करे, ऐसी सलाह मोहम्मद रेज़ा ताजिक इन विश्लेषक ने दी। इन प्रदर्शनकारियों पर बलप्रयोग किया गय तो वह छुपेगा नहीं, बल्कि गुस्से से आगबबूला होकर सड़कों पर उतर आएगा, यह पहले के और अब के प्रदर्शनकारियों में फरक है, इस पर ताजिक ने ध्यान आकर्षित किया।

इसी दौरान ईरान की हुकूमत ने प्रदर्शनकारियों की माँगों को नजरअंदाज करके आगे भी उन पर कार्रवाई जारी रखी तो अधिक हिंसक प्रदर्शन हो सकते हैं, ऐसे इस्माईल गेरामी मोघादम नामक अन्य विश्लेषक ने चेतावनी दी। ईरान के कानून में प्रदर्शनों के लिए अनुमति है। इसके बावजूद रिवोल्युशनरी गार्डस्‌‍ इन प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई करने से जनता का हुकूमत पर से भरोसा उठ जाएगा, इस ओर मोघादम ने ध्यान आकर्षित किया।

इसी बीच, देश में भड़के प्रदर्शनों के लिए पश्चिमी देश ज़िम्मेदार होने का आरोप ईरान की हुकूमत लगा रही है। ईरान की सरकार ने प्रदर्शनकारियों पर की हुई कार्रवाई पर अमरीका, ब्रिटेन, फ्रान्स, कनाड़ा के बयान सामने आए हैं। यह ईरान का अंदरुनि मुद्दा है और पश्चिमी देश इसमें दखलअंदाज़ी ना करें, ऐसी फटकार ईरान ने लगायी है। साथ ही पिछले दो हफ्तों में दूसरी बार ईरान ने ब्रिटेन के राजदूत को समन्स थमाए हैं। इसी बीच फ्रान्स ने ईरान के नेताओं पर प्रतिबंध लगाने के लिए यूरोपिय महासंघ को आवाहन किया है।

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