अगली वैश्विक महामारी का मुकाबला करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय तैयार नहीं – रेडक्रॉस का इशारा

वैश्विक महामारीजिनेवा – पिछले तीन सालों से कोरोना की खतरनाक महामारी का मुकाबला कर रहा अंतरराष्ट्रीय समुदाय अगली वैश्विक महामारी का सामना करने के लिए अब तैयार नहीं है, ऐसा गंभीर इशारा ‘इंटरनैशनल फेडरेशन ऑफ द रेड क्रॉस’ नामक वैश्विक स्वयंसेवी संस्था ने दिया है। साथ ही करीबी समय में कभी भी विश्व में यकायक नई महामारी का फैलाव शुरू हो सकता है, यह इशारा भी ‘रेड क्रॉस’ दे रही है। वैश्विक महामारी एवं बड़ी नैसर्गिक आपदा का मुकाबला एक ही समय पर करना पड़ सकता है, इस पर भी इस स्वयंसेवी संस्था ने ध्यान आकर्षित किया है। इसी बीच कोरोना का वैश्विक महामारी के तौर पर निर्मान हुआ खतरा अभी खत्म नहीं हुआ है और यह महामारी अब भी ‘ग्लोबल हेल्थ इमर्जन्सी’ होने का अहसास ‘वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन’ (डब्ल्यूएचओ) ने कराया है।

चीन के वुहान शहर से शुरू हुई कोरोना की महामारी वैश्विक महामारी बनने का ऐलान जनवरी २०२० में किया गया था। इसे तीन वर्ष पूरे हुए हैं और इस पृष्ठभूमि पर ‘इंटरनैशनल फेडरेशन ऑफ द रेड क्रॉस’ ने दो रपटें जारी की हैं। ‘वर्ल्ड डिज़ास्टर्स २०२२’ और ‘एवरीवन काऊंटस्‌‍ रिपोर्ट’ नामक इन रपटों में कोरोना की महामारी ने मचाए कोहराम की पूरी जानकारी साझा की गई है। पिछले तीन सालों में कोरोना की महामारी में ६५ लाख से अधिक लोगों की मौत हुई। अब तक के इतिहास में सूखा, भूकंप एवं तूफान जैसी बड़ी आपदाओं में भी इतनी बड़ी संख्या में लोग हताहत नहीं हुए हैं, इस पर ‘रेड क्रॉस’ की रपट में ध्यान आकर्षित किया गया है।

‘कोरोना की महामारी अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए इशारा था। इससे सीखे हुए सबक के साथ आगे की वैश्विक महामारी का मुकाबला करने की तैयारी करनी पडेगी। लेकिन, इस नज़रिये से तैयारी दिखाई नहीं दे रही है और नई महामारी का फैलाव कभी भी शुरू हो सकता है। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय अब भी तैयार नहीं है’, ऐसा इशारा रपट में दिया गया है। अगली वैश्विक महामारी का मुकाबला करने के लिए विश्वस्नीयता निर्माण करना, समानता और बुनियादी स्तर तक नेटवर्क बनाने की जरुरत है, ऐसी सलाह भी रपट में दी गई है। साथ ही आनेवाले समय में संभवत: एकसाथ कई संकटों से मुकाबला करने की नौबत भी आ सकती है और इसके लिए तेज़ी से और मज़बूत तैयारी की ज़रूरत का इशारा भी दिया गया है।

‘रेड क्रॉस’ की रपट में मौसम के बदलाव के कारण नैसर्गिक आपदाओं की संख्या बढ़ने की चेतावनी भी दी गई है। अगली सदी में विश्व को एक के बाद एक बड़ी आपदा एवं खतरनाक महामारी के फैलाव का सामना करना पडेगा, इस पर भी संस्था की रपट में ध्यान आकर्षित किया गया है। वैश्विक महामारी से मुकाबला करने के लिए अंतरराष्ट्रीय संस्था ने पेश किए विधेयक पर गंभीरता से सोचने की जरुरत है और अगले दो सालों में तेज कदम उठाने पडेंगे, यह भी इसमें सूचित किया गया है। विश्व को स्वास्थ्य के क्षेत्र में हो रहा खर्च जीडीपी का एक प्रतिशत करना पडेगा और वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए किया जा रहा प्रावधान १५ अरब डॉलर्स बढ़ाना होगा, ऐसी सिफारिश भी इस रपट में की गई है।

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