हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की गतिविधियों पर नौसेना की कड़ी नज़र – भारतीय नौसेनाप्रमुख की चेतावनी

नई दिल्ली – चीनी नौसेना की हिंद महासागर क्षेत्र में गतिविधियों पर भारतीय नौसेना कड़ी नज़र रखे हुए है, यह इशारा भारतीय नौसेनाप्रमुख ने दिया। ४ दिसंबर को ‘नेवी दिवस’ के अवसर पर नौसेनाप्रमुख एडमिरल आर.हरि कुमार ने माध्यमों से बातचीत की। इस दौरान चीनी नौसेना की हिंद महासागर में गतिविधियों के साथ ही विमान वाहक युद्धपोत ‘आईएनएस विक्रांत’ और नौसेना में महिलाओं का समावेश एवं उनकी तैनाती से संबंधित अहम जानकारी उन्होंने माध्यमों से साझा की। साथ ही नौसेना जल्द ही अमरीका से तकरीबन ३० ‘एमक्यू ९ बी प्रिडेटर ड्रोन’ खरीदेगी, यह नौसेनाप्रमुख ने स्पष्ट किया। इस दौरान सन २०४७ तक देश की नौसेना पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनेगी, यह जानकारी भी नौसेनाप्रमुख ने इस अवसर पर साझा की।

हिंद महासागरचीन की ‘पीएलए’ के तकरीबन ४ से ६ जहाज़ हिंद महासागर क्षेत्र में मंड़राते हैं। साथ ही अनुसंधान कार्य से संबंधित चीन के जहाज़ भी इस क्षेत्र में मौजूद हैं। इसके अलावा चीनी मछुआरों के जहाज़ भी बड़ी मात्रा में हिंद महासागर क्षेत्र में आते रहते हैं। इन सभी पर भारतीय नौसेना की कड़ी नज़र है, यह इशारा नौसेनाप्रमुख एडमिरल आर.हरि कुमार ने दिया। हिंद महासागर क्षेत्र में एक ही समय पर लगभग ६० देशों के जहाज़ों की मौजूदगी होती है क्योंकि, यह समुद्री क्षत्र काफी अहम है और यहां से ईंधन की काफी यातायात होती है। ऐसी स्थिति में देश के हितों को सुरक्षित रखना भारतीय नौसेना की ज़िम्मेदारी है, ऐसा सूचक बयान नौसेनाप्रमुख ने किया।

समुद्री ड़कैतों के खिलाफ अभियान एवं अन्य कारण बताकर चीन की ‘पीएलए’ की नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी मौजूदगी बढ़ाने की कोशिश कर रही है। वास्तव में इसके पीछे चीन द्वारा भारतीय नौसेना के इस समुद्री क्षेत्र के प्राकृतिक प्रभाव को चुनौती देने की साज़िश जारी है। साउथ चायना सी क्षेत्र में अपने युद्धपोत और मछुआरों के जहाज़ घुसाकर चीन वहां के छोटे देशों की समुद्री सीमाओं पर अतिक्रमण कर रहा है। ऐसा ही प्रयोग भारत के खिलाफ हिंद महासागार में करने की तैयारी चीन ने की है। मछुआरों के नाम से सैंकड़ों की तादाद में एक ही समय पर मंड़राने वाले चीन के जहाज़ चीन की नौसेना का ही अंग हैं, यह आरोप पहले कई बार लगाए गए थे। अनुसंधन के नाम से भी चीन अपने गश्त जहाज़ भेजता है, ऐसे दावे किए जा रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर चीनी नौसेना की गवितविधों से भारत की सावधानता का इशारा नौसेनाप्रमुख आर.हरि कुमार ने दिया है।

४ दिसंबर को मनाए जा रहे ‘नेवी दिवस’ के अवसर पर नौसेनाप्रमुख ने माध्यमों से संवाद किया। इस दौरान नौसेना के लिए अमरीका से ३० ‘एमक्यू-९बी प्रिडेटर ड्रोन’ खरीदे जाएंगे और इसके लिए तकरीबन तीन अरब की लागत होगी, यह जानकारी नौसेनाप्रमुख ने साझा की। समुद्री क्षेत्र में गश्त लगाने के साथ ही बड़ी प्रभावी मारक क्षमता वाले यह ड्रोन्स चीन की सीमा पर एवं हिंद महासागर क्षेत्र में भी तैनात किए जाएंगे, यह कहकर नौसेनाप्रमुख ने चीन को भारत की इस तैयारी का अहसास कराया है। साथ ही सितंबर में नौसेना का हिस्सा बने स्वदेशी निर्माण के विमान वाहक युद्धपोत ‘आईएनएस विक्रांत’ देश की आत्मनिर्भरता की साक्ष होने का दावा नौसेनाप्रमुख ने किया।

‘आईएनएस विक्रांत’ का नौसेना में शामिल होना एक ऐतिहासिक घटना है। देश की आत्मनिर्भरता की प्रखरता इससे विश्व के सामने आ सकी। चुनिंदा देशों को ही विमान वाहक युद्धपोत निर्माण की तकनीक ज्ञात है। इनमें अब भारत का समावेश हुआ है, यह गर्व की बात है’, ऐसा कहकर नौसेनाप्रमुख ने इस पर संतोष व्यक्त किया। देश के लिए तीसरे विमान वाहक युद्धपोत का काम जारी है, यह ध्यान आकर्षित करने वाला बयान एडमिरल आर.हरि कुमार ने इस दौरान किया। आईएनएस विक्रांत ४५ हज़ार टन भार का विमान वाहक युद्धपोत है। इसी क्षमता के विमान वाहक युद्धपोत का ऑर्डर देना है या ६५ हज़ार टन के विमान वाहक युद्धपोत की मांग करनी है, इस पर चर्चा हो रही है। लेकिन, नौसना ६५ हज़ार टन भार के विमान वाहक युद्धपोत की मांग करने के पक्ष में है, ऐसा कुछ विश्लेषकों का कहना है। लेकिन, कुछ सामरिक विश्लेषक हज़ारों करोड़ रुपयों के लागत से विशाल युद्धपोत निर्माण करने के बजाय भारत अपने बेड़े में पनडुब्बियों की संख्या बढ़ाए, ऐसी सलाह दे रहे है।

इन दिनों चल रहे यूक्रेन युद्ध के बाद रक्षा सामान और हथियारों के लिए अन्य देश पर निर्भर रहना मुमकिन नहीं है, यह सबक सिखा है। इसकी वजह से सरकार आत्मनिर्भरता के लिए कर रही कोशिशों को नौसेना पूरा सहयोग दे रही है, यह नौसेनाप्रमुख ने स्पष्ट किया। सन २०४७ में भारतीय नौसेना पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनेगी, यह गवाही नौसेनाप्रमुख ने इस दौरान दी। साथ ही नौसेना में महिलाओं के समावेश के विषय पर भी एडमिरल हरि कुमार ने अहम जानकारी साझा की। प्रमुख युद्धपोतों पर नौसेना के तकरीबन २८ महिला अधिकारी तैनात हैं और ‘आईएनएस विक्रमादित्य’ पर तैनात महिला अधिकारियों का भी इनमें समावेश है। नौसेना में शामिल हुए अग्नीविरों के पहले दल में तीन हज़ार भरती हुए हैं और इनमें से ३४१ महिलाएं हैं, यह नौसेनाप्रमुख ने कहा।

अगले वर्ष से नौसेना की सभी शाखाओं में महिलाओं का समावेश होगा, यह ऐलान भी एडमिरल हरि कुमार ने किया।

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