भारत-युएई के बीच जल्द ही मुक्त व्यापारिक समझौता होगा

नई दिल्ली – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनवरी महीने में संयुक्त अरब अमिरात (युएई) के दौरे पर जानेवाले हैं। उससे पहले भारत और युएई के बीच मुक्ता व्यापारिक समझौते को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया शुरू हुई होने की खबर है। कोरोना के संकट में बदली हुई जागतिक परिस्थिति के कारण प्रगत देश भी वैकल्पिक सप्लाई चैन पर सोचने पर मजबूर हुए हैं। ऐसी स्थिति में भारत भी विभिन्न देशों के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौता करके अपने व्यापार को बढ़ावा देने के प्रयास में है। अरब देशों के साथ भारत की व्यापारिक साझेदारी विकसित करने के लिए भारत योजनाबद्ध तरीके से कदम उठा रहा है। भारत-युएई के बीच होनेवाला मुक्त व्यापारिक समझौता भी भारत के इन्हीं प्रयासों का भाग साबित होता है।

भारत और युएई के बीच ‘काँप्रिहेन्सिव्ह इकॉनॉमिक पार्टनरशिप अ‍ॅग्रीमेंट’ (सीईपीए) पर पिछले 3 महीनों से चर्चा जारी है। सितंबर महीने में युएई के वाणिज्यमंत्री अहमद अल झयुदी भारत दौरे पर आए थे। उस समय भारत और युएई के बीच इस समझौते के लिए पहले चरण की चर्चा की शुरुआत हुई थी। कुछ ही दिन पहले दोनों देशों के बीच तीसरे चरण की चर्चा शुरू होने की खबरें आई थी। अब इस समझौते को अंतिम रूप दिया जा रहा होने की खबर आई है।

सन २०२२ में प्रधानमंत्री मोदी के विदेश दौरों के संदर्भ में जानकारी हाल ही में सामने आई थी। इसके अनुसार अगले साल में प्रधानमंत्री का पहला विदेश दौरा यह युएई का होगा। इसी दौरे में भारत-युएई के बीच सीईपीए समझौते की घोषणा हो सकती है, ऐसा दावा किया जाता है।

भारत यह युएई का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार देश है। युएई से भारत बड़े पैमाने पर ईंधन तेल की आयात करता है। साथ ही, भारतीय कंपनियों ने युएई में तकरीबन ८५ अरब डॉलर्स का निवेश किया था। भारत से युएई को गहनें, रत्न, वस्त्र, खाद्यपदार्थ, मांस, अभियांत्रिकी उत्पादन और रसायनों की निर्यात की जाती है।

दोनों देशों के बीच का यह व्यापार कोरोना पूर्व समय में, सन २०१९-२० तक ६० अरब डॉलर्स पर पहुंचा था। यही द्विपक्षीय व्यापार ‘सीईपीए’ जैसे रणनीतिक व्यापारिक समझौते के बाद अगले पाँच सालों में ११५ अरब डॉलर्स पर जाएगा, ऐसी संभावना जताई जाती है। इसमें वस्तुओं का व्यापार यह १०० अरब डॉलर्स पर और सेवाओं से जुड़ा व्यवहार १५ अरब डॉलर्स पर जाने का अनुमान है।

दोनों देशों के बीच के इस समझौते के कारण बड़े पैमाने पर आर्थिक अवसर उपलब्ध होंगे, रोजगार का निर्माण होगा, ऐसा कुछ ही दिन पहले वाणिज्य मंत्री पियुष गोयल ने कहा था। भारत फिलहाल विभिन्न देशों के साथ ऐसे मुक्त व्यापार समझौते करने के प्रयास कर रहा है। कोरोना के संकट के दौर में कई देश सप्लाई चैन के लिए विकल्प ढूँढने पर मजबूर हुए हैं। इससे निर्माण हुए अवसर का लाभ उठाकर, भारत सरकार ने विभिन्न देशों के साथ व्यापारिक समझौते के लिए प्रयास शुरू किए हैं। भारत बहुपक्षीय समझौते की अपेक्षा द्विपक्षीय समझौते पर अधिक ध्यान दे रहा है। फिलहाल युरोपियन महासंघ, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, बांग्लादेश इनके साथ इसी प्रकार के समझौते के लिए भारत की चर्चाएँ शुरू हैं।

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