पश्‍चिमी देशों के माध्यमों द्वारा हो रहे दुष्प्रचार पर भारत का जवाब

नई दिल्ली – आसाम में शुरू ‘नैशनल रजिस्ट्री ऑफ सिटिझन्स’ (एनआरसी) की प्रकिया संबंधी गलत जानकारी प्रसिद्ध करने पर विदेशी माध्यमों को भारत के विदेश मंत्रालय ने चेतावनी दी है| ‘एनआरसी’ की यह प्रक्रिया सर्वोच्च न्यायालय के निगरानी में पूरी की गई है, इस ओर विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता रविश कुमार ने ध्यान आकर्षित किया है| पिछले कुछ दिनों से कश्मीर मुद्दे पर भारत पर आलोचना कर रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने आसाम के ‘एनआरसी’ के विरोध में बेताल वक्तव्य किया है|

‘एनआरसी’ की प्रक्रिया वर्ष १९८५ में हुए आसाम समझौते के अनुसार शुरू की गई है| इस पूरी प्रक्रिया पर सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी हो रही थी’, यह कहकर रविश कुमार ने इस बारे में भारत सरकार पर लगाए जा रहे आरोपों का जवाब दिया| साथ ही विदेशी माध्यमों में इस मुद्दे पर गलत जानकारी दी गई है, यह आरोप भी रविश कुमार ने किया है| एक विशिष्ट धरम के लोगों को लक्ष्य किया जा रहा है, यह आरोप करनेवालें विदेशी माध्यमों को भारतीय विदेश मंत्रालय ने यह करारा जवाब दिया है|

भारत ने धारा ३७० हटाने का निर्णय करने के बाद पश्‍चिमी माध्यमों के एक गुट ने भारत को तय करके भारत को लक्ष्य करने की कोशिश की हुई दिखाई दे रही है| दुनया के किसी भी देश ने इस विषय पर भारत के विरोध में भूमिका अपनाई नही है| पीओके समेत जम्मू-कश्मीर अपना अविभाज्य क्षेत्र होने की भूमिका पर भारत आजतक कायम है| इस वजह से भारत ने धारा ३७० संबंधी किया निर्णय यह भारत की अंदरुनि बात साबित होती है, यह भारत का कहना है| इसपर दुनियाभर के प्रमुख देशों का समर्थन प्राप्त हुआ है| लेकिन, पश्‍चिमी माध्यमों के कुछ समाचार पत्र एवं चैनल इस मुद्दे पर भारत के विरोध में आलोचना कर रहे है|

खास तौर पर जम्मू-कश्मीर में लगाए गए कर्फ्यु का दाखिला देकर और इसका इस्तेमाल करके भारतीय सुरक्षा दल जनता पर अत्याचार कर रहा है, यह आरोप यह माध्यम कर रहे है| लेकिन, यह आरोप साबित करने के सबुत माध्यमों का यह गुट दे नही सका है| कुछ झुठे और पुराने व्हिडिओज् प्रदर्शित करके यह जम्मू-कश्मीर की स्थिति होने का भ्रम निर्माण करने की कोशिश यह माध्यम कर रहे है| लेकिन, जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान पुरस्कृत आतंकवाद पिछले कई दशकों से बडी हिंसा कर रहा है, इस ओर पश्‍चिमी माध्यम जानबुजकर नजरअंदाजी कर रहे है|

साथ ही आसाम की ‘एनआरसी’ की प्रक्रिया पर पश्‍चिमी माध्यमों ने आलोचना करके भारत में विशिष्ट समुदाय को लक्ष्य किया जा रहा है, यह दावे भी किए है| इन दोनों मुद्दों संबंधी पाकिस्तान के दुष्प्रचार को यह पश्‍चिमी माध्यम समर्थन दे रहे है, यही बात इस दौरान सामने आ रही है| पाकिस्तान ने भी पश्‍चिमी माध्यमों का समर्थन प्राप्त होने पर आभार व्यक्त किया है|

पाकिस्तान का समर्थन कर रहे इन माध्यमों का और भी अधिक इस्तेमाल करने का अवसर पाकिस्तान की सरकार जाया ना करें, यह सलाह इस देश के विश्‍लेषक दे रहे है| अबतक कश्मीर के आतंकवाद को पाकिस्तान जिम्मेदार होने का आरोप रखकर इन माध्यमों ने पाकिस्तान पर कडी आलोचना की थी| लेकिन, अब यह माध्यम पाकिस्तान के साथ खडे हुए है और पहली बार भारत पर आलोचना कर रहे है| यह देखकर पाकिस्तान के चरमपंथी संतोष का एहसास कर रहे है| अरबों डॉलर्स खर्च करके भी पाकिस्तान पश्‍चिमी माध्यमों में कश्मीर के मुद्दे पर अपने पक्ष में खबरें दे नही सका होता, यह बात भारत का द्वेष करनेवाले पाकिस्तानी विश्‍लेषक स्पष्ट शब्दों में स्वीकार कर रहे है| इस वजह से कश्मीर संबंधी एवं ‘एनआरसी’ के विरोध में समाचार देने के पीछे पश्‍चिमी माध्यमों की द्वेषबुद्धी होने की बात स्पष्ट तौर पर सामने आ रही है|

लेकिन, पश्‍चिमी माध्यमों की इस एक तरफा निती के विरोध में सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया उमड रही है| पश्‍चिमी माध्यमों के इस गुटने पहले ही अपनी विश्‍वासार्हता खोई है और पाकिस्तान जैसे आतंकवाद के समर्थक देश के प्रचार का शिकार होकर यह माध्यम अपना ही नुकसान कर रहे है, यह बात कुछ निष्पक्ष निरीक्षकों ने कडी शब्दों में रखी है| साथ ही भारतीय माध्यमों ने भी इन पश्‍चिमी माध्यमों के इस दुष्प्रचार की सच्चाई खोल कर सामने रखी है|

Leave a Reply

Your email address will not be published.