भारत अन्य देशों को सहायता मुहैया करते समय शर्ते थोपने पर विश्वास नहीं करता – रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

बेंगलुरु –  सहायता की उम्मीद कर रहे देशों को उपदेश करना और अलग अलग गुटों में शामिल करने की पुरानी मानसिकता पर भारत का विश्वास नहीं, ऐसा बयान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया है। एयरो इंडिया में आयोजित एक परिसंवाद में बोलते समय रक्षा मंत्री ने इस मुद्दे पर भारत की भूमिका रखी।

रक्षा मंत्रीशीतयुद्ध के दौर में विश्व अमरीका और सोवियत रशिया इन दो महाशक्तियों में विश्व विभाजित हुआ था। उस दौर में उनसे हथियार और रक्षा सामान की मांग कर रहे देशों को यह महाशक्तियां अपने गुट में शामिल होने की शर्ते थोप रहे थे। इसका अस्पष्ट दाखिला रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दिया और भारत ऐसी मानसिकता पर विश्वास नहीं रखता, यह भी उन्होंने स्पष्ट किया।

रक्षा मंत्री और हथियारों के निर्यातक के तौर पर उभर रहा भारत अपने ग्राहक देशों में ऐसी बेफिजूल की उम्मीदे नहीं थोपेगा, यह संदेश राजनाथ सिंह ने दिया है। सभी देश एक समान हैं और इस वजह से किसी को भी दूसरे देशों को उपदेश करने का एवं उनपर अपनी उम्मीदों को थोपने का अधिकार नहीं हैं, ऐसी भारत की भूमिका है, ऐसा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ड़टकर कहा। सिधे ज़िक्र किया ना हो, फिर भी रशिया से हथियार खरीद ना करे, ऐसी मांग करके इसके लिए भारत पर दबाव बना रही अमरीका को लक्ष्य करते हुए रक्षा मंत्री दिख रहे हैं।

रक्षा मंत्री के इस बयान से भारत की विदेश नीति स्पष्ट हो रही हैं। किसी भी तरह की शर्थे थोपे बिना हथियारों की आपूर्ति कर रहा और अन्य देशों की संप्रभुता का सम्मान कर रहा भारत रक्षा बाज़ार में विश्वासार्ह विकल्प के तौर पर विश्व के सामने आ रहा है, यह संदेश भी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस अवसर पर दिया है।

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