चीन को दुनिया का दुश्मन बनानेवाले राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग को पार्टी में बढता विरोध – कम्युनिस्ट पार्टी के पूर्व सदस्य का दावा

बीजिंग – चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग की गलत नीति की वजह से देश को सारे विश्‍व का शत्रु बना है और उनके खिलाफ शासक कम्युनिस्ट पार्टी में हो रहा विरोध भी तीव्र हो रहा है, ऐसा सनसनीखेज़ दावा पार्टी के पूर्व सदस्य काई शिआ ने किया है। काई शिआ चीन के वरिष्ठ नेता, अधिकारी एवं उनके परिवारजनों को शिक्षा प्रदान करनेवाली कम्युनिस्ट पार्टी की ‘सेंट्रल पार्टी स्कूल’ की पूर्व प्राध्यापिका रही हैं। चीन की हुकूमत और पार्टी की प्रतिमा को नुकसान पहुँचानेवाला बयान करने का आरोप रखकर सोमवार के दिन उन्हें पार्टी से निकाला गया था। बीते महीने में कोरोना की महामारी के मुद्दे पर भी जिनपिंग पर आलोचना करनेवाले कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता ‘रेन ज़िकियांग’ को भी निकाला गया।

विश्‍व का शत्रु

आठ वर्ष पहले चीन का नियंत्रण हाथ में लेनेवाले शी जिनपिंग ने पार्टी एवं देश पर अपनी पकड़ मज़बूत करने के लिए बड़े कदम उठाए थे। राष्ट्राध्यक्ष पद की तय समय सीमा रद करना, संविधान में बदलाव करके पार्टी के सर्वोच्च नेतृत्व के बराबरी का दर्जा प्राप्त करना और सेना का पूरा नियंत्रण भी अपने हाथ में लेने जैसे निर्णय करके इसके ज़रिए अपना एकाधिकार स्थापित करने में जिनपिंग सफल हुए थे। यह करते सयम भ्रष्टाचार विरोधी मुहीम का दिखावा करके जिनपिंग ने पार्टी के अपने विरोधकों को भी ख़त्म किया। अपने विरोध में होनेवाली आलोचना पार्टी और देश के खिलाफ़ आलोचना है, यह बयान करके इसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने का प्रावधान भी उन्होंने किया था।

पूरे अधिकार अपने हाथ में लेनेवाले जिनपिंग के नेतृत्व को बीते कुछ वर्षों में झटके लगना शुरू हुआ है। अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने शुरू किए व्यापार युद्ध की वजह से चीन की अर्थव्यवस्था का बड़ा नुकसान हुआ था। इसके बाद अब कोरोना की महामारी के साथ अन्य मुद्दों पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय चीन के खिलाफ़ जाने का चित्र सामने आ रहा है। यह बढ़ रहा विरोध जिनपिंग के एकतरफा और अविचारी नीति का असर होने की नाराज़गी अब पार्टी से भी बड़ी मात्रा में व्यक्त होने लगी है। पार्टी के पूर्व वरिष्ठ सदस्य रही काई शिआ ने खुलेआम की हुई आलोचना भी इसी विरोध का हिस्सा होने की बात दिख रही है।

विश्‍व का शत्रु

काई शिआ ने एक ब्रिटीश अख़बार को दी हुई मुलाकात के दौरान जिनपिंग के नेतृत्व पर कड़ा प्रहार किया। शी जिनपिंग अब एक माफिया बॉस बने हैं और कम्युनिस्ट पार्टी को उन्होंने ‘पॉलिटिकल ज़ोम्बि’ बनया होने का दावा शिया ने किया। जिनपिंग की हुकूमत में कम्युनिस्ट पार्टी अब चीन की प्रगति के लिए काम करनेवाली पार्टी नहीं रही है बल्कि सबसे बड़ा अड़ंगा बनी है, ऐसी कड़ी आलोचना भी उन्होंने की। हम अकेले नहीं बल्कि हमारे जैसे कई लोग कम्युनिस्ट पार्टी छोड़ने केलिए तैयार है, ऐसा सनसनीखेज़ दावा भी शिआ ने किया। जिनपिंग की नीति एक देश के तौर पर चीन की हत्या करनेवाली होने का आरोप भी काई शिआ ने किय है।

बीते वर्ष से राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग के विरोध में उठ रहे स्वर अधिक से अधिक तीव्र हो रहे हैं और इसी मुद्दे पर पार्टी के पांच सदस्य और नेताओं को बाहर निकाला गया है। कुछ सप्ताह पहले राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग और प्रधानमंत्री ली केकियांग के बीच रणनीतिक स्तर के मतभेद होने की जानकारी भी सामने आयी थी। यह बढ़ रहे मतभेद चीन में अंदरुनि स्तर पर सबकुछ ठिक ना होने के स्पष्ट संकेत देनेवाली होने की बात दिख रही है।

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