वैश्विक अर्थव्यवस्था पिछले चार दशकों के सबसे कठिन चुनौतियों का सामना कर रही है – अमरीका के पूर्व वित्तमंत्री की चेतावनी

वॉशिंग्टन – वैश्विक अर्थव्यवस्था के सामने पिछले चार दशकों में सबसे कठिन और जटिल चुनौतियाँ हैं। वर्ल्ड बैंक, मुद्राकोष और प्रमुख सेंट्रल बैंकस्‌‍ भी इन खतरों को भांप नहीं पाए, ऐसा बयान अमरीका के पूर्व वित्तमंत्री लैरि समर्स ने किया। इसी बीच विश्व की प्रमुख कंपनियों में आर्थिक मंदी शुरू होगी ही, इसका विश्वास हो चला है और ९० प्रतिशत से अधिक कंपनियों ने इसके लिए ज़रूरी तैयारी भी शुरू कर ली है, ऐसी रपट ‘द कान्फरन्स बोर्ड’ नामक अमरिकी अध्ययन मंडल ने जारी की है।

विश्व के प्रमुख आर्थिक विशेषज्ञ, विश्लेषक, वित्तसंस्थाएं एवं अध्ययन मंडल पिछले महीने से लगातार संभावित वैश्विक अर्थव्यवस्था की आनेवाली मंदी को लेकर आगाह कर रहे हैं। कुछ विशेषज्ञों ने अमरीका और यूरोप समेत विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं अब भी मंदी में हैं, ऐसा कहकर वे देश और उनका नेतृत्व ही बात स्वीकारने के लिए तैयार ना होने का आरोप लगा रहे हैं। अमरीका के पूर्व वित्तमंत्री समर्स इन्हीं में से एक हैं और उन्होंने अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष बायडेन की आर्थिक नीति की लगातार आलोचना की है। इससे पहले बायडेन के निर्णयों के कारण ही अमरिकी अर्थव्यवस्था के संकटों में घिर गई, यह आरोप भी उन्होंने लगाया था।

‘इन्स्टीट्यूट ऑफ इंटरनैशनल फाइनान्स’ के समारोह में समर्स ने वैश्विक अर्थव्यवस्था संकट में होने का अहसास कराया। इसके लिए विश्व की प्रमुख वित्तसंस्थाएं एवं सेंट्रल बैंकस्‌‍ ज़िम्मेदार हैं, यह आरोप भी उन्होंने लगाया। ‘वैश्विक अर्थव्यवस्था के सामने पिछले ४० सालों का सबसे कठिन और जटिल चुनौतियां हैं। हमने अपने जीवन में अर्थव्यवस्था के समक्ष इतनी बड़ी चुनौतियों को नहीं देखा है। अर्थव्यवस्था की स्थिति इतनी गंभीर होने के पीछे विश्व की प्रमुख वित्तसंस्थाएं एवं सेंट्रल बैंकस्‌‍ ज़िम्मेदार हैं। महंगाई में उछाल के कारण निर्माण हो रहे खतरों को भी उन्होंने नज़रअंदाज़ किया और संकट का उचित तरीके से सामना नहीं किया’, इन शब्दों में समर्स ने मंदी के खतरे का अहसास कराया।

मंदी के खतरे की तुलना आग के साथ करते हुए इसे बुझाने के लिए अग्नीशामक दल अब तक बाहर ही नहीं निकला है, इन शब्दों में उन्होंने वैश्विक नेतृत्व और संस्थाओं की आलोचना की। इसी बीच, वैश्विक स्तर की शीर्ष कंपनियों को मंदी का अहसास है और उन्होंने इसके मद्देनज़र तैयारी भी शुरू की है, ऐसा दावा ‘द कान्फरन्स बोर्ड’ नामक अमरिकी अध्ययन मंडल ने किया। विश्व के ६० देशों में मौजूद इस अध्ययन मंडल ने प्रमुख कंपनियों के ‘सीईओ’ के साथ संपर्क में रहकर यह रपट तैयार की है। इस रपट के अनुसार विश्व के ९० प्रतिशत से अधिक ‘सीईओ’ ने अमरीका एवं यूरोपिय महासंघ को मंदी से नुकसान पहुँचेगा, ऐसा विचार रखा।

अगले साल तक अमरीका और यूरोप में आर्थिक मंदी शुरू होगी और प्रमुख कंपनियों ने इसके लिए नीति तैयार करना शुरू किया है, ऐसा भी इन ‘सीईओ’ज्‌‍ ने कहा है।

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