रशिया और अमरिकी रक्षामंत्री की फोनपर हुई चर्चा

मास्को/वॉशिंग्टन – रविवार को रशिया के रक्षामंत्री सर्जेई शोईगू ने अमरिकी रक्षामंत्री लॉईड ऑस्टिन से फोन पर बातचीत की। पिछले तीन दिनों में रशियन और अमरिकी रक्षामंत्री की हुई यह दूसरी चर्चा हैं। यूक्रेन के संघर्ष को लेकर रशिया और अमरीका के संबंध काफी बिगड़ने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं। ऐसें समय पर दोनों देशों के रक्षामंत्री की छोटे अंतराल के बाद चर्चा होना ध्यान आकर्षित करता हैं। इसी बीच, रशिया-अमरीका के मंत्री की हुई इस चर्चा की पृष्ठभूमि पर फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष ने यूक्र्रेन में शांति स्थापित होने की संभावना होने का बयान किया है।

पिछले हफ्ते शुक्रवार को रशिया और अमरिकी रक्षामंत्री की फोन पर बातचीत होने की जानकारी रशियन रक्षा विभाग ने साझा की थी। इस चर्चा के दौरान यूक्रेन संघर्ष का मुद्दाभी था, ऐसा रशिया से कहा गया था। लेकिन, रविवार को हुई बातचीत के दोरान यूक्रेन की स्थिति पर बातचीत हुई, इसके अलावा कोई भी जानकारी रशिया ने साझा नहीं की। अमरीका ने जारी किए निवेदन मे ‘डर्टी बम’ के मुद्दे पर लगाए आरोप नकारने की बात कही। अमरीका के अलावा फ्रान्स, ब्रिटेन और तुर्की के के रक्षामंत्री से भी चर्चा की गई, ऐसा रशिया ने स्पष्ट किया। रशिया-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद रक्षामंत्री शोईगू ने एक ही दिन में चार देशों के रक्षामंत्री से बातचीत करने का यह पहला अवसर हैं।

इसी बीच, फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन ने रशिया-यूक्रेन युद्ध में शांति निर्माण होने की संभावना अभी भी हैं, ऐसा बयान किया। रविवार को रोम में आयोजित एक समारोह में मैक्रॉन ने यूक्रेन के नेता और जनता ही इसका निर्णय करेगी, ऐसा कहा। रशिया के साथ शांति समझौता करने के अधिकार यूक्रेन के हाथों में ही होंगे, ऐसा दावाभी फ्रंच राष्ट्राध्यन ने किया। रशिया-यूक्रेन संघर्ष शुरू होने से पहले और बाद मे भी फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष ने शांतिवार्ता के लिए लगातार कोशिश की थी। उनकी इन कोशिशों पर यूक्रेन समेत कुछ यूरोपिय देशों ने आलोचना भी की थी। लेकिन, फ्रान्स शांति के लिए शुरू कोशिशें छोड़ेगा नहीं, ऐसा मैक्रॉन ने स्पष्ट किया था।

अगले कुछ दिनों में पश्‍चिमी देशों से यूक्रेन को हो रही हथियारों की आपूर्ति में बाधाएँ निर्माण होगी, ऐसे संकेत प्राप्त हो रहे हैं। साथ ही रशिया के यूक्रेन पर हो रहे हमलों की वजह से यूक्रेन की जनता में नाराज़गी होने की बात भी कही जा रही है। यूक्रेन की जनता और सेना ठंड़ के मौसम में रशिया के विरोध मे खड़ी नहीं हो सकेगी, ऐसें दावे माध्यमों से सामने आ रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर फ्रेंच राष्ट्राध्यक्ष ने किए बयान की अहमियत बनती हैं।

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