चीन की अर्थव्यवस्था को कोरोना के लॉकडाऊन का झटका

china-economy-lockdown-1बीजिंग – चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने अपनायी ‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी’ ने देश की अर्थव्यवस्था को जोरदार झटका लगाया है। चीन के औद्योगिक उत्पादन के साथ खुदरा बिक्री, र्इंधन का आयात, ऊर्जा निर्माण एवं रोज़गार में भारी गिरावट आई है। कुछ ही दिन पहले  कोरोना संबंधित नीति नाकाम होने की वजह से राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग को इस्तीफा देना होगा, ऐसा वृत्त प्रसिद्ध हुआ था। इस पृष्ठभूमि पर सामने आयी नई गिरावट ध्यान आकर्षित कर रही है।

china-economy-lockdown-3पिछले कुछ महीनों से चीन में कोरोना के लगातार नए विस्फोट होते देखे गए हैं। इसमें राजधानी बीजिंग और आर्थिक केंद्र शांघाय में हुए विस्फोट ध्यान आकर्षित करनेवाले साबित हुए हैं। पिछले सप्ताह इन दोनों शहरों के साथ अन्य प्रमुख शहर और प्रांतों में प्रति दिन सामने आ रहे कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर १० हज़ार तक पहुँची है। शांघाय में मार्च के अंतिम दिनों से तो बीजिंग में बीच अप्रैल से ‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी’ का कार्यान्वयन होने की वजह से संक्रमितों की संख्या कम होने में ज्यादा सफलता प्राप्त नहीं हुई। बल्कि, इसका चीन की अर्थव्यवस्था को झटका लगने की बात स्पष्ट हो रही है।

चीन सरकार ने सोमवार को घोषित किए आँकड़ों में कोरोना के प्रतिबंधों की वजह से अर्थव्यवस्था को हुए नुकसान का चित्र सामने आया। अप्रैल में चीन के औद्योगिक उत्पादन में लगभग तीन प्रतिशत गिरावट आई है। चीन की अर्थव्यवस्था के प्रमुख घटकों में से एक खुदरा बिक्री (रिटेल सेल) की भारी ११ प्रतिशत गिरावट हुई है। वाहनों की बिक्री में मात्र एक महीने में ३१ प्रतिशत गिरावट आई है। कैटरिंग क्षेत्र के महसूल में २२.७ प्रतिशत गिरावट दर्ज़ हुई है।

china-economy-lockdown-2अप्रैल में चीन का र्इंधन आयात भी १० प्रतिशत से अधिक कम हुआ। इसी बीच देश में बिजली उत्पादन में ४.३ प्रतिशत गिरावट आई है। चीन के रोज़गार क्षेत्र को भी ‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी’ ने बड़ा नुकसान पहुँचाया है। देश के प्रमुख ३१ शहरों में बेरोज़गारी का दर बढ़कर ६.७ प्रतिशत हुआ है। चीन में बेरोज़गारी की मात्रा छह प्रतिशत पर पहुँची है और यह पिछले दो सालों का उच्चतम स्तर है। कुछ दिन पहले चीन के प्रधानमंत्री ली केकिआंग ने देश की बढ़ती बेरोज़गारी के मुद्दे पर ध्यान आकर्षित किया था।

प्रमुख क्षेत्रों में गिरावट की वजह से अप्रैल में चीन की अर्थव्यवस्था की रफ्तार में ०.६८ प्रतिशत गिरावट आई, ऐसा दावा ‘ब्लूमबर्ग इकॉनॉमिक्स’ नामक प्रमुख वेबसाईट ने किया है। कुछ विश्‍लेषक एवं वित्तसंस्थाओं ने साल की दूसरी तिमाही में चीन की अर्थव्यवस्था को मंदी से नुकसान पहुँचेगा, यह अनुमान जताया है। साल २०२२ की पहली तीमाही में चीन की अर्थव्यवस्था ने ४.८ प्रतिशत दर दर्ज़ किया था। चीन की हुकूमत ने इस साल ५.५ प्रतिशत का लक्ष्य तय किया है और ऐसे में पहली तीमाही में हुई यह गिरावट ध्यान आकर्षित करनेवाली साबित हुई थी।

चीन की गिरावट से वैश्‍विक स्तर की सप्लाई चेन, निर्यात एवं व्यापार को नुकसान पहुँचने की बात सामने आ रही है। कई प्रमुख बहुराष्ट्रीय कंपनियों के उत्पादन को नुकसान पहुँचा है और इसका असर शेअर बाज़ार पर होने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं। 

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