चीन के लड़ाकू विमान ने भरी अमरिकी गश्त विमान के करीब से खतरनाक उड़ान

वॉशिंग्टन – ‘साउथ चायना सी’ क्षेत्र में चीन अंतरराष्ट्रीय नियमों की परवाह नहीं करता, ऐसा आरोप अमरीका की ‘इंडो-पैसिफिक कमांड’ ने लगाया है। एक हफ्ता पहले यहां के हवाई क्षेत्र में गश्त लगा रहे अमरीका के विमान के करीब से महज छह मीटर दूरी से चीन के लड़ाकू विमान ने उड़ान भरी। चीनी विमान के पायलट की इस खतरनाक हरकत की वजह से दोनों विमान एक-दूसरे से टकराते तो बड़ा संकट खड़ा हो जाता, ऐसा दावा अमरीका ने किया है। इस साल चीन की वायु सेना ने विदेशी विमानों के करीब खतरनाक ढ़ंग से उड़ान भरने का यह तीसरा अवसर है।

२१ दिसंबर को अमरिकी वायु सेना का ‘आरसी-१३५’ गश्त विमान साउथ चायना सी के क्षेत्र में गश्त अभियान पर था। निर्धारित समय सारिणी के अनुसार और अंतरराष्ट्रीय नियमों का सम्मान करके अमरीका का विमान साउथ चायना सी के हवाई क्षेत्र में गश्त लगा रहा था। इसकी गश्त पूरी हो ही रही थी कि, अमरीका का यह विमान ताइवान के क्षेत्र के करीब पहुँच रहा था तभी चीन के लड़ाकू ‘जे-११’ विमान ने काफी तेज़ी से खतरनाक ढ़ंग से उड़ान भरी।

एक अवसर पर चीन का यह लड़ाकू विमान अमरिकी गश्त विमान से महज २० फीट की दूरी पर था। चीनी पायलट का ऐसे खतरनाक उड़ान भरना अंतरराष्ट्रीय हवाई नियमों का उल्लंघन है, ऐसी आलोचना अमरीका के इंडो-पैसिफिक कमांड ने की। अमरीका इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की अंतरराष्ट्रीय हवाई सीमा एवं हवाई नियमों का पालन करती है और अन्य देशों से भी यही उम्मीद है, यह कहकर अमरीका ने चीन को फटकार लगाई।

इससे पहले चीन के लड़ाकू विमानों ने जून में कोरिया की हवाई सीमा में कनाड़ा के विमान के नज़दीक से खतरनाक ढ़ंग से उड़ान भरी थी। उससे पहले मई और अप्रैल में चीन ने विमानों ने ऐसी ही हरकत ऑस्ट्रेलिया के गश्त विमान के साथ की थी। इन दोनों देशों ने भी चीन की कड़ी आलोचना की थी।

इसी बीच, चीनी पायलट की एक गलती से दोनों विमान एक-दूसरे से टकरा सकते थे और इसके बड़े परिणाम दोनों देशों के संबंधों पर पडते, ऐसा दावा पश्चिमी विश्लेषक कर रहे हैं। इसकी वजह से साउथ चायना सी एवं अन्य हवाई क्षेत्र में चीनी विमानों के खतरनाक उड़ान भरने को बड़ी गंभीरता से लें, ऐसा आवाहन विश्लेषक कर रहे हैं।

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