चीनी सेना को ताइवान से युद्ध करने के लिए तैयार रहने के आदेश

बीजिंग – यूक्रेन युद्ध और उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण ने पूरे विश्व का ध्यान खिंचा हैं और ऐसें में चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग, कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ और सेना अधिकारियों ने अपनी सेना को युद्ध के लिए पूरी तरह से तैयार रहने के आदेश दिए हैं। सामरिक सामर्थ्य बढ़ाकर किसी भी शत्रु को रोकना मुमकिन होगा, यह संदेश राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग ने सेना को दिया है। साथ ही चीन के कुल ४६ लड़ाकू विमान और चार विध्वंसकों ने ताइवान की खाड़ी के करीब खतरनाक ढ़ंग से गश्त लगाने का आरोप ताइवान ने लगाया है।

पिछले महीने कम्युनिस्ट पार्टी की बैठक में राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग ने अपनी सेना को युद्ध की तैयारी रखने के निर्देश दिए थे। अपने अपारदर्शी कारोबार के लिए जाने जा रही कम्युनिस्ट हुकूमत ने इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं की थी। लेकिन, दो दिन पहले चीन की पिपल्स लिबरेशन आर्मी के पत्रिका में प्रसिद्ध लेख में राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग के आदेश प्रसिद्ध किए गए हैं।

ताइवान के मामले मे हस्तक्षेप कर रही किसी भी विदेशी शक्ति का सामना करने के लिए, उसे जवाब देने की तैयारी हमने रखनी होगी। सेना ने किसी भी स्थिति में पूरी तरह से तैयार होना चाहिये, युद्ध की तैयारी रखें’, ऐसा संदेश चीन की सेंट्रल मिलिटरी कमिशन के प्रमुख मेजर जनरल लियु यांतोंग ने इस पत्रिका से दिया। इसी में चीन के पूर्व वरिष्ठ सेना अधिकारी जनरल शु किलियांग ने भी सेना को ताइवान में आज़ादी की मांग कर रहे विद्रोही और उन्हें समर्थन दे रही विदेशी ताकतों के खिलाफ संघर्ष करने के लिए आवश्यक तैयारी रखकर युद्ध तैयारी बढ़ाने का संदेश दिया है।

चीनी सेना के पूर्व उप-प्रमुख किलियांग ने सेना को अपांपरिक युद्ध के लिए भी तैयार रहने की सूचना की। इसके लिए किलियांग ने विश्वभर में शुरू युद्धों का नमूना बयान किया। साथ ही चीन की सेना परमाणु ताकत बढ़ाने पर जोर दे, ऐसा सूझ्ााव किलियांग ने दिया है।

इसी बीच पिछले महीने शी जिनपिंग ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी और सेना पर अपनी पकड़ और मज़बूत की। साथ ही अपनी नीति का विरोध कर रहे नेताओं को भी राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग ने धीरे से बाहर किया पूरे विश्व ने देख लिया है। इस तरह से चीन की पूरी सत्ता अपने हाथों में रखनेवाले राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग जल्द ही ताइवान पर हमला करने की हरकत कर सकते हैं या ताइवान की घेराबंदी भी कर सकते हैं, ऐसा इशारा अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों ने दिया था। हाँगकाँग स्थित अखबार ने इससे संबंधित खबर जारी करके यह चेतावनी वास्तव में उतरने की बात कही है।

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