कोरोना उद्गम की पुरी जानकारी चीन साझा करें – ‘डब्ल्यूएचओ’ के प्रमुख की चीन से मांग

जिनेवा – ‘इस हफ्ते चीन ने कोरोना वायरस को लेकर जारी की हुई रपट से इसके विषाणु के उद्गम से संबंधित कुछ मुद्दे प्राप्त हो रहे हैं। लेकिन, ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन’ (डब्ल्यूएचओ) को आवश्यक जवाब नहीं मिले हैं। इस वजह से चीन कोरोना के उद्गम की सभी जानकारी ‘डब्ल्यूएचओ’ से साझा करें। इसके बाद ही इससे संबंधित चित्र अधिक स्पष्ट हो सकेगा’, ऐसा इस संगठन के प्रमुख टेड्रॉस घेब्रेस्युएस ने कहा है। इससे संबंधित चीन की अपारदर्शी भूमिका असमर्थनीय होने की आलोचना ‘डब्ल्यूएचओ’ के अन्य अधिकारियों ने की।

वर्ष २०१९ में चीन के वुहान प्रांत से फैले कोरोना से दुनियाभर में अब तक लगभग ६९ लाख लोगों की मौत हुई हैं। इनमें से ११ लाख लोगों की मौत सिर्फ अमरीका में ही हुई हैं। इसके अलावा यूरोपिय महाद्वीप में १२ लाख लोग कोरोना की चपेट में आने से मरे हैं। इस विषाणु का फैलाव चीन के वुहान जैव लैब से ही होने का आरोप अमरीका के उस समय के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने लगाया था। चीन से भागे कुछ नागरिकों ने भी कोरोना की महामारी के लिए चीन ही ज़िम्मेदार होने का दावा किया था।

वुहान लैब में चीन ने कोरोना एवं इससे भी अधिक खतरनाक विषाणुओं पर अनुसंधान किया है। चीन ने शत्रु के विरोध में इन विषाणु का जैव हथियार की तरह इस्तेमाल करने की तैयारी रखी होने का आरोप अंतरराष्ट्रीय नेता एवं विश्लेषकों ने किया था। चीन ने यह आरोप ठुकराए हैं और इस विषाणु के फैलाव के लिए कभी इटली तो कभी अमरीका ही ज़िम्मेदार होने के उल्टे आरोप लगाए थे। शुरू के दिनों में ‘डब्ल्यूएचओ’ ने भी चीन पर लगाए जा रहे आरोपों को अनदेखा दिया था। लेकिन, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुई आलोचना के बाद ‘डब्ल्यूएचओ’ के प्रमुख ने चीन से इस मामले में सहयोग करने की गुहार लगाई थी।

शुरू में चीन ने वुहान लैब में किए प्रयोगों की जानकारी सार्वजनिक करना टाल दिया था। पिछले हफ्ते कोरोना के उद्गम संबंधित रपट जारी करके चीन ने इस मामले में लगाए जा रहे आरोपों से बचने की कोशिश की थी। लेकिन, ‘डब्ल्यूएचओ’की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ.मारिया वैन केरखोव ने यह आरोप लगाया था कि, चीन कोरोना के उद्गम से जुड़ी जानकारी छुपा रहा हैं। चीन की यह अपारदर्शी भूमिका कोरोना संबंधित अनुसंधान में अड़ंगे बना रही हैं,  ऐसी फटकार केरखोव ने लगाई। ऐसे में ‘डब्ल्यूएचओ’ के प्रमुख ने भी चीन पर यह जानकारी साझा करने के लिए दबाव बनाया। लेकिन, अपनी अपारदर्शी कारोबार के लिए प्रसिद्ध चीन इस मामले में ‘डब्ल्यूएचओ’ से सहायता करेगा, इसका भरोसा नहीं दिया जा सकता।

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