भारत-अमरीका सैन्य युद्धाभ्यास पर चीन की आपत्ति

बीजिंग – भारत और अमरिकी सेना के उत्तराखंड़ में जारी युद्धाभ्यास पर चीन ने आपत्ति जताई है। चीन की सीमा से मात्र १०० किलोमीटर दूरी पर हो रहा यह युद्धाभ्यास भारत के चीन के साथ किए सीमा समझौते का उल्लंघन है, यह दावा चीन ने किया। इसके साथ ही भारत और चीन के संबंधों में अमरीका को हस्तक्षेप नहीं करनी चाहिये, यह चेतावनी भी चीन ने दी है। भारत-चीन सीमा विवाद पर अमरिकी रक्षा मुख्यालय पेंटॅगान ने जारी की हुई रपट पर भी चीन का यह बयान आया है।

‘भारत और अमरीका की सेनाएं ‘युद्ध अभ्यास’ कर रही हैं। चीन की सीमा से १०० किलोमीटर दूरी पर हो रहे इस सैन्य अभ्यास पर चीन ने आपत्ति जताई है। यह युद्धाभ्यास सन १९९३ और १९९६ में भारत और चीन के बीच हुए सीमा समझौते का उल्लंघन है, ऐसा चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा। यह युद्धाभ्यास भारत और चीन का एक-दूसरे पर विश्वास को घटाता है, ऐसी टीपणी चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजिआन नी की। साथ ही झाओ लिजियान ने वार्तापरिषद में अमरीका को चेतावनी दी है।

सन २०२० के मई से लद्दाख के एलएसी पर भारत-चीन सेना के बीच तनाव जारी है। गलवान संघर्ष के बाद यह तनाव बहुत बढ़ा और आज भी खत्म नहीं हुआ है। भारत और चीन ने सीमा पर बडे पैमाने पर तैनाती बढ़ाई है, साथ ही अपना क्षेत्र हथियाने का आरोप दोनों देश एक-दूसरे पर लगा रहे हैं। भारत या चीन कोई भी यहां से पीछे हटना नहीं चाहता। दोनों देश सेना पीछे हटाने के लिए एक-दूसरे से आवाहन कर रहे हैं। लेकिन, इसके लिए पहल भी नहीं कर रहे हैं। इस विवाद का हल निकालने के लिए दोनों देशों के बीच चर्चा को भी ज्यादा सफलता नहीं मिली है, यह दावा कर रही रपट अमरिकी रक्षा मुख्यालय पेंटॅगॉन ने जारी की है।

इस रपट पर चीन ने तीखी आलोचना की है और विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजिआन ने भारत और चीन के संबंधों में अमरीका को हस्तक्षेप करने की कोई वजह ना होने का बयान किया है। अमरीका भारत और चीन के संबंध काफी हद तक बिगाडने की कोशिश कर रही है और इससे अपना स्वार्थ पाने की तैयारी में होने का आरोप लिजिआन ने लगाया। लेकिन भारत और चीन यह सीमा विवाद खत्म करने की इच्छा और क्षमता रखते हैं। इसमें अमरीका दखलअंदाज़ी ना करे। इसके बजाय इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए अमरीका बहुत कुछ कर सकती है, ऐसी फटकार लिजिआन ने लगायी अमरीका पर ऐसी आलोचना करते हुए भारत के साथ समझदारी से सीमा विवाद खत्म करने की कोशिश में चीन है, यह दावा लिजिआन ने किया।

भारत और अमरीका के सैन्य युद्धाभ्यास की वजह से चीन की बेचैनी की बात चीन के विदेश मंत्रालय की इस आलोचना से स्पष्ट हो रही है। भारत और चीन के सीमा विवाद का लाभ उठाकर अमरीका और अन्य पश्चिमी देश चीन को घेरने की कोशिश कर रहे हैं, ऐसी आलोचना पहले भी चीन ने की थी। साथ ही भारत ने सीमा विवाद की चर्चा जारी रखकर चीन के साथ राजनीतिक एवं व्यापारी सहयोग कायम रखे, यह उम्मीद भी चीन ने व्यक्त की थी। लेकिन, भारत ने चीन की यह मांग ठुकराई। जब तक चीन लद्दाख के एलएसी से अपनी सेना नहीं हटाता, तब तक भारत से संबंध सुधरने की उम्मीद चीन ना करे, इसका अहसास भारत लगातार करा रहा है। साथ ही पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी संगठनों पर सुरक्षा परिषद में होने वाली कार्रवाई रोककर चीन ने भारत को लगातार उकसाया है। इसका भी भारत ने गंभीर संज्ञान लिया है और चीन को इसकी कीमत चुकानी पडेगी, ऐसे इशारे भारत दे रहा है।

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