ऊर्जा संकट में फंसे चीन ने जारी किया ‘कोयला कूपन’

china-coal-coupon-2बीजिंग – चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग के सामने खड़ी हुई देश की अंदरुनि चुनौतियॉं अधिक तीव्र हो रही हैं| ऊर्जा संकट में फंसे चीन ने अपने नागरिकों के लिए ‘कोयला कूपन’ जारी किए हैं| ईंधन की कीमतों की बढ़ोतरी की वजह से स्थानीय प्रशासनों ने यह निर्णय करने के दावे किए जा रहे हैं| लेकिन, इससे चीन ‘माओकालीन’ संकट का मुकाबला तो नहीं कर रहा है ना, ऐसी चिंता चीन के बुजूर्ग स्थानिक व्यक्त कर रहे हैं|

china-coal-coupon-3चीन के शांक्सी प्रांत में स्थानीय लोगों को ‘कोयला कूपन’ यानी सस्ती कीमत में कोयला उपलब्ध कराने के लिए पत्रक जारी किया गया है| इसके अनुसार अगले चार महीनों के लिए हर परिवार को दो टन कोयला प्रदान किया जाएगा| बीते महीने चीन का अधिकांश प्रांत ऊर्जा संकट के चलते अंधेरे में डूबा हुआ था| इसकी वजह ईंधन की किल्लत बताई गई थी|

china-coal-coupon-1इसके बाद ईंधन की कीमतें बढ़ने से चीन की सरकार ने जनता के लिए यह कूपन्स प्रदान किए| लेकिन, चीन के तीव्र ठंड़े मौसम पर गौर करें तो सरकार ने प्रदान किया हुआ यह कोयला पर्याप्त नहीं होगा, ऐसी चिंता चीनी माध्यम व्यक्त कर रहे हैं| तो, चीन के सोशल मीडिया में कोयले के इन कूपन्स को लेकर इतिहास की घटनाओं की याद ताज़ा की जा रही है| चीन के पूर्व तानाशाह माओ त्से तुंग के दौर में भी घर-घर में कूपन्स दिए गए थे| माओ की हुकूमत के दौरान देश में अनाज की बड़ी किल्लत निर्माण हुई थी| इस वजह से हर परिवार के लिए अनाज का कोटा निर्धारित किया गया था| फिलहाल चीन ऐसे ही संकट का सामना तो नहीं कर रहा है, यह चिंता चीनी सोशल मीडिया पर व्यक्त की जा रही है|

चीन में ऊर्जा संकट तीव्र हुआ है और इसके लिए राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग की आक्रामक नीति ज़िम्मेदार होने का दावा किया जा रहा है| बीते वर्ष से चीन और ऑस्ट्रेलिया के बीच तनाव जारी है| कोरोना का उद्गम चीन में ही होने का खुला आरोप लगा रहे ऑस्ट्रेलिया को सबक सिखाने के लिए चीन ने आर्थिक एवं व्यापारी सहयोग रोक रखा था|

लेकिन, इससे काफी बड़ा नुकसान चीन को हो रहा है| ऑस्ट्रेलिया के बेहतर दर्जे के कोयले का आयात बंद होने से चीन के उद्योगक्षेत्र पर असर पड़ा है| इसी दौरान ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी चीन को घेरनेवाली साबित हुई है| बीते कुछ हफ्तों के दौरान चीन का ऊर्जा संकट तीव्र हुआ है और चीन के कृषि क्षेत्र को भी इससे नुकसान पहुँचने का दावा किया जा रहा है| इस वजह से चीनी सोशल मीडिया पर माओ के समय के संकट से संबंधित दिए जा रहे इशारे ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।

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