अफ़गानिस्तान का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों के लिए नहीं होना चाहिये – भारत के साथ मध्य एशियाई देशों की सहमति

नई दिल्ली – अफ़गानिस्तान की भूमि का इस्तेमाल किसी भी स्थिति में आतंकवादी गतिविधियों के लिए नहीं होना चाहिये, इसपर भारत के साथ पांच मध्य एशियाई देशों की सहमति हुई है। मंगलवार को भारत की राजधानी नई दिल्ली में भारत और मध्य एशियाई देशों ने अफ़गानिस्तान के लिए स्थापीत संयुक्त कार्यगुट की पहली बैठक का आयोजन हुआ. इस दौरान घोषित किए गए निवेदन में यह उम्मीद जताई गई है कि, अफ़गानिस्तान में सभी गुटों के समावेश के साथ राजनीतिक व्यवस्था स्थापित हो। इसी बैठक में भारत ने अफ़गानिस्तान को २० हज़ार मेट्रिक टन गेंहू भेजने का ऐलान किया और यह गेंहू ईरान के चाबहार बंदरगाह से भेजा जाएगा, यह भी स्पष्ट किया।

भारत ने अफ़गानिस्तान की तालिबानी हुकूमत को स्वीकृति प्रदान नहीं की हैं। उल्टा अफ़गानिस्तान में सर्वसमावेशक सरकार स्थापीत हो एवं इस देश का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों के लिए ना हो, ऐसी भूमिका बड़ी तीव्रता से अपनाई है। लेकिन, साथ ही अफ़गानिस्तान के मानवीय संकट का मुकाबला करने के लिए इस स्तर पर देश को पुरी सहायता प्रदान हो, इसके लिए भारत ने लगातार कोशिश की है। पिछले साल से भारत ने अफ़गानिस्तान को भारी मात्रा में अनाज़, दवाईयां एवं अन्य आवश्यक सामान की सहायता भेजी है।

अफ़गानिस्तान को सहायता पहुंचा आसान हो, इसके लिए भारत ने इस देश में स्थित दूतावास में एक दल तैनात करके राजनीतिक स्तर पर संबंध जारी रखे हैं। इसी सहायता के अगले चरण के तौर पर भारत ने मध्य एशियाई देशों से बातचीत करके संयुक्त कार्यगुट बनाने के लिए पहल की थी। मध्य एशियाई क्षेत्र के कझाकस्तान, किरगिझ रिपब्लिक, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उझबेकिस्तान इन देशों का इस कार्यगूट में समावेश है। इन देशों के प्रतिनिधियों की बैठक का मंगलवार को आयोजन हुआ। इस दौरान संयुक्त राष्ट्र संगठन के ‘ऑफिर ऑन ड्रग्ज्‌‍ ॲण्ड क्राईम्स’ (यूएनओडीसी) और ‘यूएन वर्ल्ड फूड प्रोग्राम’ (यूएनडब्ल्यूएफपी) संगठन के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।

भारत ने उच्च स्तरीय बैठक के लिए की हुई पहल और पेश किए अन्य मुद्दों का उपस्थित प्रतिनिधियों ने संज्ञान लिया हैं और इसके लिए भारत की सराहना भी की। संयुक्त कार्यगुट के निवेदन में अफ़गानिस्तान में महिलाओं के अधिकार और लड़कियों की शिक्षा का मुद्दा भी इसमें शामिल किया गया हैं।

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