‘सेमीकंडक्टर’ क्षेत्र में चीन के प्रभुत्व को रोकने के लिए जापान और नेदरलैण्डस्‌‍ होंगे अमरीका प्रायोजित गुट का हिस्सा

वॉशिंग्टन/टोकियो/एमस्टरडैम – ‘सेमीकंडक्टर’ क्षेत्र में चीन प्रभुत्व हासिल न कर पाए, इसके लिए अमरीका ने जोरदार गतिविधियां शुरू की हैं। इसके लिए सेमीकंडक्टर क्षेत्र में अन्य सक्रीय देशों के साथ गठबंधन करने की कोशिश जारी है। अमरीका की इन कोशिशों को सफलता प्राप्त हो रही है और जापान एवं नेदरलैण्डस्‌‍ ने अमरिकी गठबंधन का हिस्सा होने की तैयारी दर्शायी है। पिछले कुछ महीनों से अमरीका का बायडेन प्रशासन इन देशों से बातचीत कर रहा था, ऐसी जानकारी सूत्रों ने प्रदान की। इससे पहले ताइवान, दक्षिण कोरिया, ब्रिटेन जैसे देशों ने सेमीकंडक्टर क्षेत्र में चीन की गतिविधियों के खिलाफ अमरीका ने की पहल का साथ देने की भूमिका अपनाई थी।

अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन के खिलाफ शुरू किया हुआ व्यापार युद्ध पिछले साल से अधिक तीव्र हुआ है। अमरीका के बायडेन प्रशासन ने प्रौद्योगिकी क्षेत्र की चीनी कंपनियों पर पाबंदी लगाना शुरू किया है और चीनी निवेष पर भी प्रतिबंध लगाने के निर्णय लिए हैं। इसके लिए प्राथमिकता दिए जा रहे क्षेत्रों में सेमीकंडक्टर क्षेत्र का समावेश है। अमरीका ने पिछले अक्तुबर में सेमीकंडक्टर क्षेत्र में मौजूद चीनी कंपनियों से संबंधित निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया था।

प्रगत माइक्रोचिप बनाने के लिए आवश्यक तकनीक एवं यंत्रणा विश्व की पांच कंपनियों के पास उपलब्ध है। इनमें से तीन कंपनियां अमरिकी हैं और एक-एक जापान एवं एक नेदरलैण्डस्‌‍ में है। जापान की ‘टोकियो इलेक्ट्रॉन’ और नेदरलैण्डस्‌‍ की ‘एएसएमएल’ यह इन कंपनियों के नाम हैं। अमरीका ने अक्तुबर में लगाए प्रतिबंधों की वजह से अमरिकी कंपनियां चीन को तकनीक एवं यंत्रणा प्रदान नहीं कर सकेंगी। लेकिन, अन्य कंपनियां भी यह यंत्रणा प्रदान न कर पाएं, इसी इरादे से अमरीका ने कदम उठाए हैं। पिछले कुछ दिनों में जापान एवं नेदरलैण्डस्‌‍ के प्रधानमंत्रियों ने अमरीका का दौरा किया। इस दौरान अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने दोनों देशों के नेताओं से सेमीकंडक्टर क्षेत्र में चीन विरोधी गठबंधन के मुद्दे पर बातचीत की, ऐसी जानकारी सूत्र ने प्रदान की।

अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष और जापान एवं नेदरलैण्डस्‌‍ के प्रधानमंत्रियों की चर्चा के बाद तीनों देशों के अधिकारी अब आगे की बातचीत कर रहे हैं और अगले कुछ दिनों में सहमति के साथ इस समझौते का ऐलान होगा, ऐसा कहा जा रहा है। निर्यात पर लगाए जा रहे प्रतिबंधों के मुद्दे पर हम अमरीका समेत अन्य देशों से चर्चा कर रहे हैं, ऐसा जापान के व्यापार मंत्री यासुतोशि निशिमोरा ने कहा। हमारा निर्णय अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर आधारित होगा, यह भी जापान के प्रधानमंत्री ने दर्ज़ किया। नेदरलैण्डस्‌‍ ने इस मुद्दे पर कोई बयान नहीं किया है। नेदरलैण्डस्‌‍ की ‘एएसएमएल’ कंपनी ने प्रतिबंधों के मुद्दे पर चिंता व्यक्त की, यह दावा किया जा रहा है।

कोरोना के दौर में वैश्विक सप्लाय चेन बाधित होने से अमरीका और यूरोप के प्रमुख उद्योगों का भारी नुकसान हुआ था। दूरसंचार, वाहन, सूचना एवं प्रौद्योगिकी, रक्षा क्षेत्र की कंपनियों को अरबों डॉलर्स का नुकसान हुआ था। कई कंपनियां अपना उत्पादन बंद करने के लिए मज़बूर हई थीं। इस पृष्ठभूमि पर अमरीका के बायडेन प्रशासन ने सेमीकंडक्टर क्षेत्र के लिए अरबों डॉलर्स रियायत का ऐलान करके उन्हें अमरीका में उत्पादन शुरू करने का आवाहन किया था।

अमरीका के इस आवाहन के बाद सेमीकंडक्टर क्षेत्र की कई कंपनियों ने अमरीका में नया निवेश करने का ऐलान किया था। सेमीकंडक्टर क्षेत्र में विश्व में दूसरे क्रमांक की ‘ताइवान सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी’ ने अमरीका में कुल ४० अरब डॉलर्स निवेश करने का ऐलान किया है। ‘टीएसएमसी’ द्वारा अमरीका में हो रहे निवेश को चीन-ताइवान के संभावित संघर्ष की भी पृष्ठभूमि है। चीन अगले कुछ सालों में ताइवान पर हमला करेगा, ऐसी चेतावनियां लगातार दी जा रही है। इस हमले से सबसे ज्यादा नुकसान सेमीकंडक्टर क्षेत्र को हो सकता है। इसकी वजह से अमरीका के अलावा यूरोपिय देशों ने भी सेमीकंडक्टर्स का देश में ही निर्माण करने की गतिविधियां शुरू की हैं।

इसी बीच अमरीका द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के खिलाफ चीन ने वैश्विक व्यापार संगठन में शिकायत दर्ज़ की है। लेकिन, अमरीका ने इसे अनदेखा करके राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर अपने निर्णय का समर्थन किया है।

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